(देखे वीडियो) बलिया के उभाव थाने में जन्माष्टमी कार्यक्रम के बीच भाजपा कार्यकर्ता ने किया उपद्रव, पत्रकारों को थाने में ही दिया गालिया

तारिक आज़मी

बलिया। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहे जितना भी नैतिकता का पाठ अपने पार्टी कार्यकर्ताओ को सिखाया करे मगर प्रदेश में कुछ ऐसे भी भाजपा कार्यकर्ता है जो भाजपा को बदनाम करने में कोई कसर नही छोड़ते है। प्रदेश के पुलिस मुखिया पत्रकारों के लिये लाख दिशा निर्देश देते रहे कि पत्रकारों के साथ कोई भी किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नही किया जायेगा। मगर जब थाना परिसर में ही पुरे पुलिस बल के सामने भाजपा का एक कार्यकर्ता पत्रकारों को गालिया दे और स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बने तो आप स्थिति को खुद समझ सकते है।

मामला बलिया जनपद के उभाव थाने में आयोजित श्री कृष्णाजन्माष्टमी के रंगारंग कार्यक्रम का है। हुआ कुछ इस प्रकार कि जन्माष्टमी के मौके पर हर वर्ष की भाति इस बार भी कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। मौके पर डीजे की भी व्यवस्था थी। कार्यक्रम में भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता और बेल्थरारोड चेयरमेन दिनेश गुप्ता भी उपस्थित थे। कार्यक्रम अपने शबाब पर था। इस दौरान कार्यक्रम में सभी पत्रकार भी आमंत्रित थे। इन पत्रकारों में राष्ट्रीय सहारा का प्रतिनिधि निलेश जो एक मिमिकरी कलाकार भी है और सेलिब्रिटीज की मिमिकरी भी करता है आमंत्रित था। इस दौरान भाजपा नेता और चेयरमैन दिनेश गुप्ता के साथ उनके कार्यकर्ता भी आये हुवे थे।

कार्यक्रम में पत्रकार निलेश को थाना प्रभारी उभाव ने विशेष रूप से मंच पर मिमिकरी करने हेतु आग्रह किया। निलेश ने कार्यक्रम शुरू किया और दर्शक उसकी मिमिकरी की तारीफ कर हस रहे थे। इसी दौरान सत्ता ने नशे में चूर एक भाजपा कार्यकर्ता मंच पर निलेश को अंडबंड बोलते हुवे चढ़ आया और उसके हाथो से माइक छीन लिया। भाजपा के उस कार्यकर्ता ने मंच पर निलेश को अपशब्द भी कहे। इस दौरान दर्शको और पुलिस के कुछ जवानों ने उसको किसी प्रकार से मंच से नीचे उतारा। वहा मौजूद पत्रकार माजरा समझ नही पा रहे थे। इस दौरान वह कार्यकर्ता मंच से नीचे आकर आमंत्रित सभी पत्रकारों को गालिया देने लगा और कहा कि सब आये हुवे पत्रकार फर्जी है।

अगर कार्यक्रम में आये लोगो और क्षेत्रीय नागरिको की चर्चाओं को आधार माने तो इस पुरे घटनाक्रम के बीच जो सबसे शर्मनाक बात रही वह यह थी कि मामले को अपने सामने होता भाजपा नेता और चेयरमैन दिनेश गुप्ता देख रहे थे और कुछ बोलने और मामले में हस्तक्षेप करने के बजाये वह मंद मंद मुस्कुरा रहे थे। दिनेश बाबु चाहते तो अपने उस कार्यकर्ता के सर पर चढ़ा सत्ता का नशा उतार सकते थे और उसको शांत करवा सकते थे। मगर शायद दिनेश बाबु की नज़र में पत्रकारों की बेईज्ज़ती नहीं रही होगी और उनके नज़र में उनके इस स्तरहीन कार्यकर्ता का महत्व अधिक रहा होगा।

बहरहाल, वैसे इस दौरान क्षेत्र में सिंघम की स्टाइल में शोहरत की बुलंदी छूने का प्रयास कर रहे आगरा से आये दरोगा जी इस पुरे घटनाक्रम के दौरान फोन पर ही व्यस्त रहे। आखिर बोलते भी क्या ? कहा जाता है कि सागर साहब का डंडा केवल आम जनता के सामने गरजता है और ज़रूरत पड़े तो बरस भी जाता है। यहाँ आम जनता तो थी नहीं, विवाद करने वाला और हंगामा करने वाला चेयरमैन साहब का करीबी था, बोलते तो कैसे बोलते सागर साहब ? थाना प्रभारी भी कलम के आगे सत्ता के नशे को महत्व दे बैठे और उस भाजपा कार्यकर्ता जिसका नाम प्रमोद सिंह बताया जाता है के खिलाफ कुछ भी बोलना उचित नही समझे और सर सर ही करते रहे। आखिर बोलते भी कैसे ? नेता जी सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता जो ठहरे।

वही जिस पत्रकार के साथ मंच पर दुर्व्यवहार हुआ उसने मामले में अपनी इज्ज़त बचाने के लिए शायद खामोश होना ही बेहतर समझा। जब पत्रकार निलेश से बात किया गया तो उसने कहा भैया मामले को ठंडा कर दीजिये। लगता है शायद नेता जी ने ऊपर तक का दबाव उस पत्रकार पर डलवा दिया होगा तभी तो नेता जी आराम से आज सारा दिन सीना ताने बेल्थरा रोड बाज़ार में टहलते दिखाई दिये। वही प्रकरण को लेकर पत्रकारों में भारी रोष देखने को मिला है।

कौन है प्रमोद सिंह

प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रमोद सिंह भाजपा में मात्र एक कार्यकर्ता है। खुद की पहचान के नाम पर केवल एक कार्यकर्ता के तौर पर ही पहचान है। पार्टी के लिए यह व्यक्ति कितना फायदेमंद है ये तो पार्टी ही जाने मगर इस प्रकार की हरकतों से पार्टी को नुकसान होगा इसमें कोई शक नही है। चेयरमैन के कितना करीबी है यह बात तो चेयरमैन दिनेश गुप्ता ही बता सकते है मगर सूत्र बताते है कि दिनेश गुप्ता के पीठ पीछे दिनेश गुप्ता का दाहिना हाथ होने का दावा भी किया करता है।

अब ये बात तो चेयरमैन साहब ही बता सकते है कि प्रमोद सिंह उनका दाहिना हाथ है या फिर बाया मगर एक कटु सत्य कहता हु साहब, यदि ऐसे अल्पज्ञानी आपके अपने है तो फिर आपको विरोधियो की आवश्यकता नही है। इसके अल्पज्ञान का अंदाज़ आप वीडियो देख कर लगा सकते है। ये शख्स विरोध तो कर रहा है मगर विरोध क्यों कर रहा है शायद इसको खुद भी नही मालूम होगा। मिमिकरी क्या होती है, ये कला है अथवा भूगोल शायद इसका जवाब इसके लिए किसी साईंस के सवाल से कम नही होगा।

प्रमोद सिंह का ईंट का भट्टा भी रहता है चर्चा में

खुद को भाजपा नेता कहने वाले प्रमोद सिंह का मालीपुर में ईंट का एक भट्टा है। यह भट्टा अक्सर चर्चाओं में रहता है। मगर खुद को यह शख्स भाजपा विधायक और चेयरमैन का करीबी बताता है तो मुखर होकर जनता इसके इस भट्टे के खिलाफ खुल कर नहीं बोल पाती है। जानकर बताते है कि भट्टे की यदि ठीक तरीके से जांच हो जाये तो नेता जी बने फिर रहे प्रमोद सिंह को जवाब देते नही बनेगा। मगर बात फिर वही आकर अटक जाती है कि सत्ता का नाम लेकर खुद का टेरर बनाये इस शख्स की जाँच आखिर करेगा कौन ?

नोट – उपलब्ध वीडियो हमको हमारे एक सुधि पाठक जो बेल्थरा रोड़ के निवासी है ने उपलब्ध करवाया है। हम दिल से उनका आभार व्यक्त करते है, साथ ही वायदा करते है कि आपकी पहचान हमेशा गुप्त रखा जायेगा।

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