वाराणसी – गोश-ए-आफियत ने धूमधाम से मनाया स्वतंत्रता दिवस

तारिक आज़मी

वाराणसी। देश में हर तरफ आज स्वतंत्रता दिवस की धूम रही। इस अवसर पर लोगो ने खूब तिरंगे लहराये और वतन के आज़ादी के परवानो को याद किया। इसी क्रम में वाराणसी के बेनियाबाग में आज सामाजिक संस्था गोश-ए-आफियत ने स्वतंत्रता दिवस के इस मुक़द्दस मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया।

पहले से तय शुदा कार्यक्रम में आज हज़ारो की संख्या में मुस्लिम सम्प्रदाय के लोग बनिया बाद मैदान में इकठ्ठा हुवे और सामाजिक संस्था गोश-ए-आफियत के द्वारा आजोजित झंडारोहण कार्यक्रम में शिरकत किया। आज सुबह 9 बजे आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वार्ड 65 के पार्षद मोहम्मद सलीम और वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता साबिर इलाही ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर राष्ट्रगान के बीच हुवे ध्वजारोहण कार्यक्रम के बाद एक विचार गोष्टी का आयोजन भी किया गया।

इस अवसर पर गोष्ठी को संबोधित करते हुवे कांग्रेस नेता और वार्ड 65 के पार्षद मोहम्मद सलीम ने कहा कि मुल्क की आज़ादी के लिए आज़ादी के परवानो ने न दिन देखा और न रात। न परिवार की फिक्र किया और मुल्क के लिए अपना सर्वत्र निछावर कर दिया। ये आज़ादी की लड़ाई किसी धर्म अथवा संप्रदाय के तहत नही लड़ी गई थी बल्कि सिर्फ वतन परस्ती और आज़ादी के खातिर लड़ी गई थी। उन्होंने कहा कि तारीख इस बात की गवाह है कि मुल्क के लिए सभी धर्म सभी मज़हब के लोगो ने अपनी कुर्बानीया दिया। तारीख इस बात की गवाह है कि इस मुल्क की आज़ादी के लिए जहा सरदार भगत सिंह ने हस्ते हस्ते अपनी मौत को खुद गले लगाया वही अशफाक़उल्ला खान ने भी अपनी जान निछावर कर दिया। जहा महात्मा गांधी के कंधे से कन्धा मिला कर नेहरू और पटेल चले तो हर सरहद की गुलामी को तोड़ कर सरहदी गांधी खान अब्दुल गफ्फार खान ने भी गाँधी जी के साथ कंधे से कन्धा मिला कर कदम आगे बढ़ाये।

उन्होंने कहा कि आज ये बेहद अफ़सोस की बात है कि कुछ लोग इसी मुल्क में ऐसे भी है जो महात्मा गांधी के बलिदानों को भूल गये है और उनके कातिल गोडसे को अपना रहनुमा मानते है। ये बेहद अफ़सोस की बात है। आज हमको एक और लड़ाई लड़ना है जो जात पात, उंच नीच के खिलाफ लड़ाई होगी।

इस अवसर पर क्षेत्र के मुफ़्ती सलीम, साबिर इलाही, मुनाजिर हुसैन मंजू, कामरान अहमद, सोशल मीडिया प्रभारी विक्की, मंज़ूर, बेलाल, राशिद खान आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का सञ्चालन मशहूर वक्ता रियाज़ अहमद ने किया। कार्यक्रम के अंत में क्षेत्रीय नागरिको और आमंत्रित मेहमानों को मिष्ठान वितरण का कार्यक्रम हुआ।

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