कानपुर – तिरंगा यात्रा के नाम पर शस्त्र प्रदर्शन, पेट्रोल डालकर पुतला दहन में एक हुआ घायल, क्या होगी नियमो की धज्जिया उड़ाने वालो पर कार्यवाही

आदिल अहमद

कानपुर बुधवार 14 अगस्त को हिन्दू जागरण मंच की युवा वाहिनी द्वारा तिरंगा यात्रा निकाली गई थी।  जब यात्रा घण्टा घर चौराहे पर पहुंची तो देखा गया की इस यात्रा में नंगी तलवारों का खुल्लम खुल्ला प्रदर्शन किया जा रहा था। इसके बाद नापाक मुल्क पकिस्तान के प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया गया। चर्चाओं के अनुसार पुतला दहन करने के लिया पेट्रोल का प्रयोग किया गया। पेट्रोल का प्रयोग होने से हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ता शशांक बाजपेई आग की चपेट में आ गए। आनन फानन में उनको एक निजी अस्पताल ले जाकर मरहम पट्टी कराई गई।

इस घटना को एक नामी अखबार ने प्रमुखता से प्रकाशित भी किया था और पुलिस प्रशासन को अपने समाचार के माध्यम से सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया और सवालों के घेरे हो भी क्यों न ? खुल्लम खुल्ला हुवे इस शस्त्र प्रदर्शन को देखने वाले मौके पर कई पुलिस कर्मियों और दरोगा थे। मगर किसी ने इस पर आपत्ति जताना मौके पर छोड़े साहब, सूत्रों के अनुसार एक बीट तक नही नोट करवाया गया। वैसे समझ से परे एक तथ्य था कि आखिर हिन्दू जागरण मंच तिरंगा यात्रा के नाम पर ये शास्त्र प्रदर्शन कर क्यों रहा था ? हमारे मुल्क पर अगर कोई आँख उठाये तो हम उसकी आँखे नोच लेंगे ये हकीकत है, देश का हर एक नागरिक उसकी आँखे निकाल लेगा। मगर ये तलवारों का प्रदर्शन करके यह संस्था साबित क्या करना चाहती थी।

एक विख्यात दैनिक समाचार पत्र द्वारा प्रकाशित सम्बंधित खबर

नापाक मुल्क पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान का पुतला फुका गया। किसी को कोई आपत्ति नही है। मगर ऐसा कैसा पुतला दहन करना कि एक कमबख्त नमक हराम पडोसी की खातिर सुरक्षा मानको को ताख पर रख देना और उस तरफ ताख पर रखना कि अपने मुल्क का ही एक नवजवान घायल हो जाये आखिर कहा कि समझदारी थी ?

खैर साहब, हमने इस प्रकरण में अधिकारियों से जानकारी करना शुरू किया कि इस प्रकार शस्त्र प्रदर्शन के विरुद्ध क्या कार्यवाही हुई है तो सभी एक दुसरे पर टालते नज़र आ रहे थे। घटना घंटाघर पर हुई तो हमने सबसे पहले हरबंशमोहाल थाना प्रभारी से जानकारी लेना चाहा तो वह किसी मीटिंग में व्यस्त थे। इस दौरान सुतरखाना चौकी प्रभारी ने बताया कि यात्रा की अनुमति कलक्टरगंज थाना क्षेत्र से थी तो कार्यवाही उनको करना है। जब हमने कलक्टरगंज थाना प्रभारी से बात किया तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि घटना जहा हुई है कार्यवाही वो करेगा।

पुतला दहन के दौरान खुद जल गया संस्था का नेता. आग बुझाते अन्य साथी

इस सबके बीच जब हमने क्षेत्राधिकारी कलक्टरगंज से सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि मैं अपना इलाज करवा रही हु। दो तीन दिन मैं कोई बयान नही दे सकती हु। उन्होंने कहा कि घटना मेरी जानकारी में नहीं है। स्वास्थ लाभ लेकर मैं देखती हु क्या हुआ है। अब आप खुद समझ ले कि अगर इस बीच कोई और भी बड़ी दुर्घटना होती तो शायद मैडम को तब भी जानकारी न होती। वैसे चर्चाओं के अनुसार घटना को कही न कही सत्ता के दबाव में दबाया जा रहा है। अब देखना है कि कानपुर पुलिस किस निष्पक्षता से अपना कार्य करती है। अथवा सत्ता के दबाव में मामले को ठन्डे बस्ते में डाल दिया जाता है।

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