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कानपुर – छज्जे के विवाद को मंदिर तोड़ने की फैलाई अफवाह, साहब ऐसे लोगो पर भी कार्यवाही होनी चाहिए

आदिल अहमद

कानपुर शुक्रवार को वाट्सएप के माध्यम से एक व्यक्ति द्वारा एक कथित समाचार प्रकाशित किया जाता है जिसमें बताया जाता है कि थाना बजरिया अंतर्गत बाबा स्वीट चौराहे पर मंदिर तोड़कर मकान बनाया जा रहा है, जिसकी सूचना एक हिन्दू संगठन तक पहुंच गई और उसमें आक्रोश व्याप्त होने लगा। उन्होंने अधिकारियों को फोन कर आक्रोश जताना शुरू कर दिया। जिसको तत्काल संज्ञान लेते हुए बजरिया प्रभारी निरीक्षक बताये हुए स्थान पर पहुंच गये। वहाँ जांच करने पर ज्ञात हुआ कि मंदिर तोड़े जाने की सूचना असत्य है और एक सैफ नामक युवक को हिरासत में ले लिया जो कि कथित पत्रकार का खास मित्र है।

इसी व्यक्ति ने पत्रकारों व हिन्दू संगठन को को अवगत कराया कि मंदिर तोड़े जाने की सूचना पूरी तरह असत्य है। आज कोई भी यहाँ वाद विवाद नही हुआ है। जिसके बाद शहर के कई सम्भ्रान्त व्यक्तियों ने ट्वीट के माध्यम से धार्मिक उम्माद फैलाने वाले व्यक्ति का स्क्रीन शाट लेकर तत्काल उसके खिलाफ कार्यवाही की मांग किया। जिस पर एडीजी जोन कानपुर ने संज्ञान लेते हुए आईजी रेंज कानपुर और कानपुर नगर पुलिस को उचित कार्यवाही कर अवगत कराने का आदेश दिया।

कुछ घण्टे बाद कानपुर नगर पुलिस ने जवाब देते हुए स्थिति स्पष्ट किया और बताया कि इस प्रकरण में मकान और रास्ते का विवाद है। रास्ते मे छज्जा निकला हुआ है दोनों पक्षों का आपस मे समझौता हो गया है। मंदिर गिराने की बात असत्य है।

मगर इन सबके बीच धार्मिक उन्मांद फैलाने का प्रयास करने वाले उस पोस्ट पर पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नही किया गया। जिस व्यक्ति ने वाट्सएप के माध्यम से अपने खास मित्र बेकनगंज निवासी सैफ के फायदे के लिए यह धार्मिक उम्माद फैलाने जैसा पोस्ट चलाया, जिसके स्क्रीन शाट के साथ सम्भ्रान्त व्यक्तियों ने ट्वीट के माध्यम से उम्माद फैलाने वाले व्यक्ति के खिलाफ तत्काल कार्यवाही की मांग किया। जिस पर एडीजी जोन कानपुर ने उचित कार्यवाही कर अवगत कराने का आदेश दिया, उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नही होना एक बड़ा सवाल पैदा करता है। ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ भी पुलिस को कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए जो ऐसे त्योहारों के माहोल में जब पुलिस खुद शांति व्यवस्था में जी जान से जुटी हुई है, इस प्रकार के धार्मिक उन्मांद भड़काने का प्रयास कर रहा है। ऐसे लोगो पर भी कार्यवाही से एक नजीर कायम होगी और फिर कोई इस प्रकार से धार्मिक उन्मांद भड़काने का प्रयास नही करेगा।

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