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परदहां ब्लाक के 212 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं की हुई गोदभराई

संजय ठाकुर

मऊ –  बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की गतिविधियों के तहत शुक्रवार को जिले के परदहां ब्लाक के अंतर्गत 212 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गाँव की गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की गयी। इसके साथ ही ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस (वीएचएनडी) के तहत कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों के चिन्हांकन किया गया।

मुख्य सेविका गीता तिवारी ने बताया गोदभराई कार्यक्रम में 7 माह से ऊपर की गर्भवती महिलाओं को प्रतीक स्वरूप नारियल, चना, गुड़, सत्तू, मौसमी फल, दवाएं एवं अन्य सामाग्री गर्भवती के आँचल में उपहार के रूप में प्रदान की जाती है। इस कार्यक्रम में मातृ समिति के सदस्य शामिल हुए और  अति कुपोषित व कुपोषित बच्चों के लिए पोषण व स्वास्थ्य संबंधी जानकारी तथा महिलाओं व बालिकाओं की एनीमिया जांच एवं उससे बचाने के उपाय बताये। इसके अलावा बच्चों की माताओं को बच्चों के समग्र विकास हेतु आवश्यक देखभाल तथा खानपान संबंधी जानकारी दी गयी। इसके साथ ही बच्चों को मेन्यू के हिसाब से हरी सब्जी, दाल, दलिया आदि खाद्य पदार्थ ठोस आहार के रूप में देने के लिये बताया गया।

बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) दिनेश राजपूत ने बताया परदहां ब्लाक के सभी आंगनबाडी केन्द्रों पर गोदभराई के साथ वीएचएनडी का आयोजन हुआ। शासन द्वारा इन कार्यक्रमों का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और बच्चों के विकास मे वृद्धि करने हेतु प्रभावी कार्यरूप एवं विभिन्न माध्यमों से शिशु के साधारण स्वास्थ्य एवं पोषण आवश्यकताओं की देखभाल के लिए जागरूकता द्वारा माँ की योग्यता मे वृद्धि करना है। इसके साथ ही कुपोषण एवं गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं के लिये सहायक पुष्टाहार की व्यवस्था सुनिश्चित करना है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) दुर्गेश कुमार ने बताया जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में पोषण अभियान के तहत जिला पोषण समिति की बैठक में  सभी अधिकारियों को सख्त रूप से निर्देशित किया है कि कुपोषित बच्चों को पुष्टाहार देकर कुपोषण मुक्त बनाएं, साथ ही गर्भवती महिलाओं के खान-पान पर विशेष ध्यान दिया जाये।  बच्चा पैदा होने पर उसका वजन कर देखा जाए कि बच्चा स्वस्थ है या नहीं। यदि स्वस्थ नहीं है तो नये महिला अस्पताल के एनआईसीयू में भर्ती कराएं जहां उनका पूरा निःशुल्क इलाज होगा।

गर्भवती महिलाओं को हरी साग सब्जियां अधिक मात्रा में खाने के लिए प्रेरित किया जाए। आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि गर्भवती महिलाओं को उनसे संबंधित सभी प्रकार की जानकारियां समय-समय पर देती रहें जिससे गर्भवती महिला एक स्वस्थ संतान को जन्म दे सके।  2015-16 के नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे-4 के आधार पर मऊ जिले में गर्भावस्था में पहली तिमाही में प्रसव पूर्व जाँच प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में 60.4 फीसदी जबकि कुल 57.1 फीसदी है। वहीं गर्भवती होने पर 100 दिन में आयरन फोलिक एसिड का सेवन ग्रामीण में 7.8 फीसदी महिलाओं ने किया जबकि कुल 6.6 प्रतिशत महिलाओं ने किया।

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