पिछले छह घंटे में गंगा 66 सेमी व यमुना का जलस्‍तर 75 सेमी बढ़ा

तारिक खान

प्रयागराज। पिछले छह घंटे में गंगा 66 सेमी व यमुना का जलस्‍तर 75 सेमी बढ़ गया है। दोपहर दो बजे तक गंगा नदी का जलस्‍तर फाफामऊ में 79.31 मीटर और छतनाग में 78.36 मीटर तक पहुंच गया था। वहीं यमुना नदी का पानी नैनी में 79.14 मीटर तक पहुंच गया था। पिछले छह घंटे में गंगा का जलस्‍तर फाफामऊ में 50 सेमी और छतनाग में 66 सेमी बढ़ गया है। इसी प्रकार यमुना का जलस्‍तर नैनी में पिछले छह घंटे में 75 सेमी बढ़ गया है। इससे कछारी इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। इसलिए प्रशासन सक्रिय हो गया और बचाव के प्रयास शुरू कर दिए हैं। जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है।

शनिवार की सुबह आठ बजे तक गंगा नदी फाफामऊ में 78.81 मीटर और छतनाग में 77.70 मीटर पर थीं। वहीं यमुना नदी का नैनी में जलस्‍तर 78.40 मीटर तक पहुंच गया है। पिछले 24 घंटे में गंगा फाफामऊ में 11 सेमी और छतनाग में 65 सेमी बढ़ी हैं। वहीं यमुना का जलस्‍तर नैनी में पिछले 24 घंटे में 75 सेमी बढ़ गया है।

यमुना की सहायक नदियां केन, बेतवा और बेतवा की सहायक नदी थसान में 732400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यह पानी यमुना नदी में आ रहा है। इसलिए यमुना का जलस्तर बढ़ने लगा है। इसका असर प्रयागराज तक आएगा और आशंका है कि यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर जा सकती है।

बेतवा नदी में माताटीला बांध से 4.30 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया

शुक्रवार को बेतवा नदी में माताटीला बांध से 4.30 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। वहीं बेतवा की सहायक नदी थसान में लाचूरा बांध से 84400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे हमीरपुर में बेतवा नदी का जलस्तर 41 सेंटीमीटर प्रतिघंटा की गति से बढ़ रहा है। इसी जिले में यमुना का जलस्तर 25 सेंटीमीटर प्रति घंटे की गति से बढ़ रहा है। शाम चार बजे हमीरपुर में बेतवा का जलस्तर 94.40 मीटर और यमुना का जलस्तर 96.60 मीटर हो गया था। वहीं केन नदी में मध्य प्रदेश के बरियारपुर बांध से 2.18 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे बांदा में केन नदी का जलस्तर 102.04 मीटर और यमुना का जलस्तर 92.10 मीटर हो गया है।

बेतवा, केन के माध्यम से बांध से छोड़ा गया पानी यमुना में आ रहा

बेतवा और केन के माध्यम से वह पानी यमुना में आ रहा है। इसे देखते हुए प्रयागराज प्रशासन सक्रिय हो गया है। एडीएम एफआर ने बताया कि बांध से छोड़े गए पानी को देखते हुए 17 अगस्त यानी शनिवार तक नैनी में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंचा सकता है।

बाढ़ प्रभावित इलाके के लोग कभी भी राहत कैंप में शिफ्ट हो सकते हैं

इसलिए संभावित बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों को सचेत कर दिया गया है। कभी भी उनको राहत कैंप में शिफ्ट किया जा सकता है। बाढ़ को देखते हुए एडीएम ने सभी तहसीलदारों को सक्रिय रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि नाव की जरूरत पड़े तो पहले से इंतजाम कर लें। नाव के मेसर्स गगन इंटरप्राइजेज को नामित किया गया है। उससे संपर्क करके नाव ली जा सकती है।

एनडीआरएफ की टीम ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों का दौरा किया

शुक्रवार को एनडीआरएफ की टीम एसडीएम सदर गौरव रंजन श्रीवास्तव और तहसीलदार सदर अरविंद कुमार मिश्र के साथ प्रयागराज शहर के बाढ़ संभावित क्षेत्रों का दौरा किया। टीम ने मऊ कछार, द्रोपदी घाट, बक्शीबाध, छोटा बघाड़ा, बलुआघाट, चाचर नाला और गौस नगर का दौरा किया। इसके अलावा बाढ़ चौकियों का निरीक्षण भी किया।

बेतवा के पानी से यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी की संभावना

माताटील बाध से भारी मात्रा में बेतवा नदी में पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी की सम्भावना है। इसे मद्देनजर रखते हुए जिला प्रशासन एवं एनडीआरएफ ने अपनी तैयारिया शुरू कर दी है। इस मौके पर कानूनगो जगदेव चौरसिया, एनडीआरएफ इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार सिंह, सहायक उप निरीक्षक संजय कुमार गुप्ता, बचाव कर्ता विनोद कुमार, दीपेश कुमार, सदानंद एवं सौरभ पाल साथ रहे। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की एक टीम लेखपाल ट्रेनिंग स्कूल करेली में कैंप कर रही है।

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