पूर्व मंत्री पुत्र मुस्तफा हुसैन ने चमरौआ विधायक पर भूमि हड़पने का आरोप लगा जिलाधिकारी को दिया ज्ञापन

गौरव जैन

रामपुर – स.पा. सरकार के दौरान कैबिनेट मंत्री रहे मो0 आजम खां से सांठगांठ कर चमरौआ के स0पा0 विधायक नसीर अहमद खां पर चकरोड, गुल व ग्राम समाज आदि की सरकारी भूमि में कब्जाने, विनमय करने, सरकारी अभिलेखो में घपला कर अपने रिश्तेदारों के नाम पट्टा करवाने व गन्ने की कालाबाजारी किए जाने के आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री हाजी निसार हुसैन के पुत्र मुस्तफा हुसैन ने जिलाधिकारी से की शिकायत।

मुस्तफा हुसैन ने जिला अधिकारी को पत्र देकर पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां व विधायक नसीर अहमद खां पर आरोप लगाते हुए कहा है कि नसीर अहमद खॉ ने लगभग 30-35 साल पूर्व ग्राम पंचायत बैंजना-हजरतपुर की ग्राम समाज की लगभग 70 बीघा जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया और उस पर ग्राम प्रधान से फर्जी प्रस्ताव करा कर उस भूमि को गैर कानूनी तरीके से अपने भतीजे जुनैद अहमद खां पुत्र मोहम्मद अहमद, उमेर खां पुत्र मोहम्मद अहमद व परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पट्टा करवा लिया। बाद में उक्त भूमि पर दर्जनो पाखड़ वृक्ष लगाकर बाजार भी लगाई गई और बाद में पाखड़ो को कटवा कर उस भूमि पर आम का बाग लगा दिया गया। जब तोपखाना-प्रानपुर रोड का निर्माण हुआ, तब नसीर अहमद खां की भूमि भी सड़क में आ गई, जिस पर नसीर अहमद खां ने तहसील कर्मियों से सांठगांठ कर सड़क की भूमि के बदले अपनी भूमि को ग्राम समाज की भूमि से नियमविरुध तरीके से बदल लिया। जिसका रिकॉर्ड आज भी रामपुर स्थित मुआफ़िज खाने में देखा जा सकता है।

आरोप लगाया कि यही नहीं नसीर अहमद खां ने सपा सरकार में वर्ष 2016 में राजस्व ग्राम हजरतपुर के अभिलेखों में हेराफेरी कर नियम विरूद्ध तरीक़े से सरकारी व पट्टे वाली भूमि का विनम‍य भी करा अपने नाम व परिवार के नाम करा लिया। यही नहीं सपा सरकार के दबाब में नसीर अहमद खां ने फर्जी वसीयतों व दान पत्रों के आधार पर भी तहसील के अधिकारियों से सांठगांठ कर भूमि को अपने व अपने परिवार व रिश्तेदारों के नाम करा लिया।

मुस्तफा हुसैन ने यह भी आरोप लगाया कि सपा सरकार के दौरान वर्ष 2016 में नसीर अहमद खां ने तत्कालीन मंत्री मोहम्मद आजम खां से सांठ-गांठ कर सरकारी भूमियों को खुर्द बुर्द करते हुये सरकारी अभिलेखों में हेराफेरी कर अपने कब्जे में करने के लिए तहसील सदर रामपुर में वाद दायर करवाए और कुछ ही समय में सत्ता के दबाब में उस पर फैसला भी अधिकारियों द्वारा नसीर अहमद खां के हक में कर दिया गया। ग्राम हजरतपुर में सूरज टॉकीज रामपुर निवासी ताहिर रजा खां पुत्र अहमद रजा खां निवासी का आम का बाग है, जिसके पड़ोस में नसीर अहमद खां का बाग भी है। दोनों के बीच में एक चकरोड था, जिस पर तहसील कर्मियों से सांठगांठ कर नसीर अहमद खां ने अवैध रूप से अपना कब्जा करते हुये अपनी मेंड में शामिल कर लिया। बाद में ताहिर रजा खां द्वारा अपने ही खेत में जाने के लिए दूसरा कच्चा रास्ता डाल लिया गया, जिसको नसीर अहमद खां ने लेखपाल से कहकर चकरोड कह कर उससे उनका कब्जा हटवा दिया।

पूर्व मंत्री पुत्र का कहना है कि नसीर अहमद खां ने तहसील कर्मियों से ताहिर रजा खां का इतना उत्पीड़न करवाया, कि उनकी सदमे में मौत हो गई। नसीर अहमद खॉ ने स0पा0 सरकार के दौरान गन्ना क्रय केन्द्र भी अपने खेत में लगवा रखा है जिससे वह गन्ने की कालाबाजारी कर सके। परिणाम स्वरूप गरीब किसान अपना गन्ना क्रय केन्द्र तक लाते है और बहुत की कम दाम में नसीर अहमद खॉ क्रय कर लेते है क्योकि अधिकांश्तः गन्ने की पर्चिया इनके परिवार के सदस्यो के नाम ही आती रही हैं।

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