वीर अब्दुल हमीद एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी ने होनहार बच्चो को पुरुस्कृत कर किया हौसला अफजाई

रिजवान अंसारी

रामपुर. वीर अब्दुल हमीद की शहादत दिवस पर वीर अब्दुल हमीद एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी रामपुर के तत्वाधान से  संगोष्ठी  का आयोजन  किया गया। संस्था के होनहार  बच्चों को पुरस्कार देकर बच्चों का हौसला बढ़ाया गया। शहीद वीर अब्दुल हमीद की 54वीं शहादत दिवस के अवसर पर पूर्व घोषित कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम अजीतपुर मे एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें संस्था के अध्यक्ष मोहम्मद उमर के द्वारा शहीद वीर अब्दुल हमीद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने बताया  कि वीर अब्दुल हमीद का जन्म उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के एक छोटे से ग्राम धर्मपुर मे 1933 में हुआ था। उन्होंने 1954 में फौज को ज्वाइन किया।

उन्होंने बताया कि बहुत ही कम समय में उन्हें अपना अदम्य साहस दिखाने का मौका 1962 में भारत और चाइना के युद्ध में मिला। जिसमें उन्होंने अपने साहस का परिचय दिया। उसके बाद 1965 में भारत और पाक के युद्ध में दोबारा अपनी वीरता और साहस को दिखाने का मौका मिला। जिसमें पाकिस्तान की तरफ से अमेरिका तैयार पैटन टैंकों के द्वारा युद्ध में हमला किया गया। जिसके जवाब में वीर अब्दुल हमीद ने अपनी एंटी पैटर्न गन के द्वारा 7 अमरीकन पेटर्न टैंकों को नेस्तनाबूद कर दिया। अपने अदम्य  शौर्य को दिखाते हुए 10 सितंबर 1965 में युद्ध भूमि में  वीरगति को प्राप्त हो गए।

वीर अब्दुल हमीद की याद हमेशा भारतवासियों के दिलों में जीवित रहेगी। मरणोपरांत भारतीय सेना का सर्वोच्च सेना पुरस्कार परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया। इसके बाद संस्था उप कोषाध्यक्ष रुबीना के द्वारा होनहार बच्चों को पुरस्कार देकर हौसला बढ़ाया गया। इस मौके पर नईम इदरीसी, जुल्फिकार इदरीसी, डॉ। साजिद उस्मानी, सबीना बानो, मोहम्मद रईस, रिजवान अली, अब्दुल हई आदि लोग मौजूद रहे।

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