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स्कूल में कॉपी न लाने पर टीचर ने छात्र को पीटा, हालत बिगड़ी

अब्दुल बासित मलक

(यमुनानगर):- चोपड़ा गार्डन स्थित शिव शक्ति सीनियर सैकेंडरी स्कूल में पढऩे वाली चौथी की 9 वर्षीय छात्रा निष्ठा ने अध्यापिका पर पिटाई का आरोप लगाया है। उसके पिता विशाल चौहान व माता दिव्या चौहान को छुट्टी के बाद इस घटना का पता चला। छात्रा ने घर जाकर उन्हें पूरी बात बताई। छात्रा ने परिवार को बताया कि करीब 11 बजे लेडी टीचर ने उसके कान पर थप्पड़ मारा। उसका कसूर सिर्फ इतना था कि वह कॉपी घर पर भूल गई थी।

बच्ची का परिवार उसे मैडीकल के लिए ट्रामा सैंटर ले गया, जहां पर डाक्टरों ने उसका मैडीकल किया। बच्ची ने यहां बताया कि उसके दाएं कान में दर्द है और ठीक से सुना भी नहीं जा रहा। इसी तरह सिरदर्द के बारे में का भी बच्ची ने डाक्टर को बताया। डाक्टर ने ई.एन.टी. और सर्जन ओपिनियन के लिए लिख दिया। उधर बच्ची के पिता विशाल का कहना है कि कान में गंभीर चोट आई है, वे पुलिस को शिकायत और एम.एल.आर. देने जा रहे हैं। इसके बाद बच्ची का इलाज पी.जी.आई. चंडीगढ़ से करवाएंगे। उधर स्कूल प्रबंधन का पक्ष जानने के लिए फोन मिलाया गया, उन्होंने कॉल नहीं उठाया। जब भी वे अपना पक्ष बताना चाहेंगे, उनका पक्ष रख दिया जाएगा।

क्या करें माता-पिता

रिटायर्ड पिं्रसीपल अमरनाथ व अश्वनी का कहना है कि अगर स्कूल में शिक्षक बच्चे के साथ मारपीट करे तो माता-पिता को स्कूल प्रबंधन से शिकायत करने से पहले उस शिक्षक से बात करनी चाहिए। बच्चे के साथ क्यों मारपीट की गई है, अगर इस बारे में शिक्षक का जवाब ठीक नहीं है तो स्कूल प्रबंधन को मामले की जानकारी दे कर यह देखना चाहिए कि प्रबंधन ने क्या किया। अगर शिक्षक के खिलाफ प्रबंधन कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं करता तो माता-पिता को पुलिस के पास जाकर कानून से मदद मांगने में हिचकिचाना नहीं चाहिए। अभिभावक को बच्चों के साथ बात कर के उस के मनोभावों को भी मजबूत करने का काम करना चाहिए। बच्चों को यह बताना चाहिए कि मारपीट की घटना को छिपाएं नहीं।

छात्रा के परिवार ने शिकायत दी है। उन्होंने शिव शक्ति सीनियर सैकेंडरी स्कूल चोपड़ा गार्डन टीचर पर कान पर थप्पड़ मारने का आरोप लगाया है। इस मामले में शिकायत मिलते ही स्कूल पिं्रसीपल को फोन किया गया था। उन्होंने फोन नहीं उठाया। मंगलवार को स्कूल में जाकर पूरे मामले की जांच होगी। जो भी उचित कार्रवाई बनती है, वह की जाएगी।

शारीरिक दंड दिए जाने को पूरी तरह से मना

सरकार ने स्कूलों में बच्चों को शारीरिक दंड दिए जाने को पूरी तरह से मना कर दिया है। अब बच्चों को तमाचा मारना तो दूर, चपत लगाना भी टीचर को महंगा पड़ सकता है। यही नहीं, सरकार चाहती है कि शिक्षक बच्चों को तेज आवाज में फटकारने का काम भी न करें। यह सच है कि जागरूकता के कारण बच्चों की पिटाई के मामले कम हुए हैं पर अभी ये पूरी तरह से खत्म नहीं हुए हैं।

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