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फर्जी पासपोर्ट तैयार करने वाले गैंग का खुलासा,  2 पुलिसकर्मी समेत 10 गिरोह के सदस्य  गिरफ्तार,  होगी सभी पासपोर्ट की जाँच, एसआईटी का हुआ गठन

आसिफ रिज़वी

मऊ। यूपी के जनपद मऊ में शनिवार को पुलिस विभाग ने एक बड़ा खुलासा किया है। दरअसल मामला फर्जी पासपोर्ट तैयार करने को लेकर था। जिसके लिए पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य पिछले कई दिनों से गुप्त जांच करा रहे थे। मामले में फिलहाल 10 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। वहीं कुछ अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी करने का पुलिस प्रयास कर रही है।

पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पिछले कुछ दिनों से जिले में पासपोर्ट वेरिफिकेशन में अनियमितताओं की जानकारी सामने आई। पासपोर्ट का मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित होता है। पिछले सालों में भी जो पासपोर्ट बने हैं उन सबका पुनः वेरिफिकेशन कराया जाएगा। स्वॉट टीम से जांच कराया गया। जिसमें थाना कोपागंज में एक मुकदमा पंजीकृत कराया गया। जिसमें 12 लोग भी संलिप्त पाए गए। जिसमें 4 पुलिस विभाग से थे। 8 लोग पब्लिक डोमेन से हैं। कुछ बनारस के तो वहीं कुछ लोग मऊ के ही रहने वाले हैं।

मामले की अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि 2 तरह के पासपोर्ट होते हैं जिसमें एक ECR पासपोर्ट और दूसरा ECNR पासपोर्ट। ECNR पासपोर्ट बनाने के लिए दसवीं की मार्कशीट होना अनिवार्य है। यह मार्कशीट एजेंटों के माध्यम से फर्जी रूप से तैयार की जाती थी। जिससे बाद में पासपोर्ट तैयार कराए जाते थे। इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया गया है। जिसमें फिलहाल 10 गिरफ्तारियां हुई हैं। इन लोगों से फर्जी मार्कशीट प्राप्त हुए हैं। इनसे बहुत सारी बरामदगी हुई है। जिसमें लैपटॉप और फर्जी मार्कशीट बनाने से जुड़े सामान, वोटर कार्ड, आईडी कार्ड, आधार कार्ड और मोबाइल आदि बरामद हुए हैं। जिन चार पुलिस से जुड़े लोगों की जानकारी हुई है। उनमें से दो को आज गिरफ्तार किया गया है। एक पुलिस विभाग का है। जबकि दूसरा होमगार्ड विभाग का है। एक उर्दू अनुवादक है जो थाना मोहम्मदाबाद गोहना में तैनात थे। दो एलआईयू का स्टाफ भी मामले में मुज्लिम बनाया गया है। बहुत जल्दी इन दोनों की गिरफ्तारी भी हो जाएगी, टीम लगी हुई है। इनकी भूमिका यह है कि इनके द्वारा पब्लिक डोमेन का आदमी लगाकर वेरिफिकेशन कराया जा रहा था। हमने 33 पासपोर्ट फॉर्म बरामद किए हैं। जो एलआईयू के स्टाफ के द्वारा पब्लिक को देकर वेरिफिकेशन और पैसा कलेक्ट करने का काम कराया जा रहा था। जो एजेंट के रूप में काम करता था। इन पर धारा 384 और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा लगाई गई है। दोनों की गिरफ्तारी अभी शेष है।

बता दें कि पूरे प्रकरण में होमगार्ड और उर्दू अनुवादक को जेल भेज दिया गया है। एक महिला हेड कांस्टेबल जो एलआईयू ऑफिस में तैनात थीं और कॉन्स्टेबल अनिल विश्वकर्मा दोनों एलआईयू ऑफिस में तैनात थे। दोनों को ही निलंबित कर दिया गया है। इंस्पेक्टर रामधनी यादव एलआईयू ऑफिस में तैनात हैं इनके सस्पेंसन के लिए रिपोर्ट भेजी गई है। यह भी मामले में संलिप्त थे।

पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने जानकारी दी कि एलआईयू ऑफिस से पासपोर्ट से संबंधित जो भी अभिलेख मिले हैं उन सब की जांच की जाएगी। मामले में इन्वेस्टीगेशन और जांच के लिए दो टीमें बनी है। एडिशनल एसपी एलआईयू ऑफिस से मिले सभी अभिलेखों की जांच करेंगे। यदि कोई अन्य व्यक्ति संलिप्त पाया जाता है जो एलआईयू या पुलिस होमगार्ड विभाग से जुड़ा हो। सबके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। तत्काल रुप से 10 लोगों की संलिप्तता का प्रमाण मिला है। जिन्हें गिरफ्तार करके जेल भेजा जा रहा है। इंस्पेक्टर नीरज पिठख के निर्देशन में 5 सदस्यीय एसआईटी टीम का गठन किया गया है।

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