जाने कौन है दहशत का दूसरा नाम मिर्ची गैंग और उसका मुखिया आशु जाट

तारिक आज़मी

नई दिल्ली: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में और आसपास के इलाको में दहशत का दूसरा नाम बने मिर्ची गैंग को उत्तर प्रदेश पुलिस ने क्रैक करने का दावा किया है। इस गैंग का बड़ा नाम तब सामने आया था जब 17 अप्रैल, 2019 को नोएडा में पहले नोएडा से एक मारुति ब्रीज़ा को लूटा और फिर गाजियाबाद में दो दुकानों को लूट लिया। इसी वाहन के साथ, उन्होंने 23 अप्रैल को गजरौला में एक पेट्रोल पंप भी लूट लिया।

इस गैंग का अपराध करने का तरीका देखे तो यह एक गाडी लूट लेते और उससे दो तीन वारदात करने के बाद आसपास के इलाको में उसको छोड़ देते। ऐसा नही है कि पहली बार मिर्ची गैंग पुलिस के हत्थे चढ़ी है और उसके गुर्गो पर पुलिस सख्त हुई है। इसके पहले भी कई बार मुठभेड़ में इसके गुर्गे घायल हुवे है और पुलिस की गिरफ्त में आये है। मगर जानकार मानते है कि इस गैंग में सक्रिय सदस्यों की संख्या बढती ही जा रही है।

मौजूदा माहोल में इसका नाम तब सामने आया जब 6 जनवरी को एक कंपनी के रीजनल मैनेजर गौरव चंदेल की हत्या और लूट के मामले को यूपी पुलिस ने इस गैग के सरगना आशु जाट की पत्नी पूनम सहित एक अन्य सदस्य उमेश को हिरासत में लेकर इस हत्या और लूट काण्ड का खुलासा करने का का दावा किया है। इस मामले पुलिस ने मिर्ची गैंग से जुड़े उमेश और मिर्ची गैंग के सरगना आशु जाट की पत्नी पूनम को हापुड़ के पास धौलाना से गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि वारदात को आशु ,उमेश और इनके गैंग ने ही इस घटना को अंजाम दिया था।

पुलिस का दावा है कि जब उमेश को लेकर गौरव का मोबाइल और लैपटॉप बरामद करने जा रहे थे तब उमेश ने एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की ,दोनों तरफ से फायरिंग हुई और उमेश के दोनों पैरों में गोलियां लगीं, उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिस पिस्टल से गौरव की हत्या हुई उसे भी बरामद कर लिया गया है। पुलिस का दावा है कि 6 जनवरी को गौरव जब अपने दफ्तर से अपने गौर सिटी के घर आ रहे थे तब हिंडन विहार स्टेडियम के पास रात करीब 10:30 बजे उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनकी कार, मोबाइल, लैपटॉप और पर्स लूट लिया गया। कार एक हफ्ते बाद ग़ाज़ियाबाद से बरामद हुई थी।

पुलिस सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक वाहनों की लूट और लुटेरों का ये गैंग, जो ज्यादातर पश्चिमी यूपी के नोएडा, गाजियाबाद और हापुड़ में सक्रिय है। गाजियाबाद के काजीपुरा का रहने वाला 27 वर्षीय आशू जाट उर्फ ​​प्रवीण उर्फ ​​धर्मेंद्र इसका मुखिया है। पुलिस मानती है कि वर्तमान में, गिरोह में सक्रिय 20 से अधिक सदस्य हैं। इनमें कुछ कम उम्र के लड़के भी हैं। वही इस गैंग के सरगना आशु जाट पर हत्या, लूट और कार चोरी करने के 40 से अधिक मामले दर्ज हैं। उसकी पत्नी पूनम गैंग को मदद करने और साजो-सामान मुहैया करने का काम करती है। पुलिस ने आशु जाट की गिरफ्तारी के लिए 1 लाख रुपये के इनाम की घोषणा किया है।  वह वारदात के वक्त कभी भी मोबाइल फोन नहीं ले जाता और केवल अपने सहयोगियों के मोबाइल फोन से ही बात करता।

अपराध जगत में आने के बाद आशु जाट और उसके गैंग के सदस्य लूट को अंजाम देने के लिए मिर्च पाउडर का इस्तेमाल करते थे। इसी जगह से इसका नाम मिर्ची गैंग पड़ा। इस तरह की घटनाओं में इस गैंग का नाम आने के बाद इसको लेकर कई मामले भी दर्ज हैं। लेकिन 2018 में पहली बार जब पुलिस ने इस गैंग को क्रैक करने का दावा किया तो उसके बाद से इन्होने अपने अपराध का तरीका बदल लिया है। छह महीने तक यूपी जेल में रहने के बाद जब जमानत मिली तो इस गैंग ने कार जैकिंग करना शुरू कर दिया और इन वाहनों का उपयोग वह अन्य व्यक्तियों/ दुकानों/ पेट्रोल पंपों को लूटने के लिए करने लगे है। लूट के वाहन से वो दो तीन अपराध करने के बाद उसे छोड़ देते और दूसरे वाहन को निशाना बनाते हैं।

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