आम बजट पर संदी लेखाकार, कर सलाहकार, किसान नेता, व्यापारी नेता ने दी अपनी प्रतिक्रिया

गौरव जैन

रामपुर। आम बजट को लेकर आम जनमानस की प्रतिक्रिया आना शुरू हो गई है. कही ख़ुशी तो कही गम के माहोल जैसा इस समय लोगो का विचार सामने आ रहा है. जहा सरकार और सत्तारूढ़ दल के समर्थक बजट को शानदार बताने में जुड़े हुवे है वही इसकी खामियों पर अपनी राय देने वालो की भी कमी नहीं है

संदी लेखाकार पंखुरी अग्रवाल

आम बजट पर संदी लेखाकार पंखुरी अग्रवाल ने कहा कि 6 लाख महिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ को स्मार्ट फ़ोन से जोड़कर सरकार ने अच्छा कदम उठाया है इससे सरकार के द्वारा चलाई गयी स्कीम्स को जमीन पर लाने में मदद मिलेगी। आंगनवाड़ी की महिला कार्यकर्ता प्रेग्नेंट महिलाओ से लेकर टी. वी. के मरीजो तक सुचारू रूप से सुविधाएं पहुँचा सकती है।

सजल अग्रवाल

संदी लेखाकार सजल अग्रवाल ने कहा जैसा कि उम्मीद थी सरकार के द्वारा डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स खत्म कर दिया गया है अब कंपनियों के द्वारा दिये जाने वाले डिविडेंड पर कंपनियों को कोई टैक्स नही देना पड़ेगा। इससे ईक्विटी शेयर्स में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। वही स्टार्टअप के लिए 100% टैक्स डिडक्शन की टर्नओवर लिमिट और स्टार्टअप पीरियड को बढ़ाकर स्टार्टअप को एक नई दिशा देने की कोशिश की गई है। लघु उद्योगों के लिए टैक्स ऑडिट की लिमिट को बढ़ाकर 5 करोड़ कर दिया गया है अगर कैश ट्रांसेक्शन 5% से कम होती है।

टैक्स कंसल्टेंट मुदित अग्रवाल

मुदित अग्रवाल कर सलाहकार ने बताया कि इनकम टैक्स स्लैब को कम तो किया गया है लेकिन उसका ज्यादा फायदा होता नजर नही आ रहा है क्यो की अगर कोई नया टैक्स स्लैब फॉलो करता है तो उसे पहले मिलने वाली सारी अन्य छूट नही मिलेगी। नए टैक्स स्लैब में 5 लाख तक कि इनकम पर टैक्स निल है 5 लाख से 7.5 लाख पर 10% , 7.5 लाख से 10 लाख पर 15%, 10 लाख से 12.5 लाख पर 20% , 12.5 लाख से 15 लाख पर 25% और 15 लाख से ऊपर 30 % रहेगा।

भाकियू टिकैत ने किया बजट की आलोचना

भाकियू टिकैत के प्रदेश संगठन मंत्री ने कहा कि बजट एक वार्षिक प्रक्रिया है। इसका गांव गरीब किसान के कल्याण से कोई वास्ता नहीं है जिस तरह का गोलमोल बजट पेश किया गया है उसका विश्लेषण करना भी बड़ा कठिन कार्य है। देश की लगभग 60% जनसंख्या खेती पर आश्रित है लेकिन किसानों का मुख्य विषय लाभकारी मूल्य और खरीद की गारंटी का बजट भाषण में वित्त मंत्री  द्वारा जिक्र तक नहीं किया गया, फसल बीमा में बदलाव,सम्पूर्ण कर्ज़ माफी, किसान सम्मान निधि में बजट न बढ़ाना आदि महतवपूर्ण विषयों को वित्त मंत्री ने छुवा तक नही।

भारतीय किसान यूनियन इस बजट की निंदा करती है और सरकार से सवाल करती है कि सरकार यह बताएं कि किस रोड मैप के दम पर आप किसानों की  आय  दोगुनी करने का दावा करते हैं यह दावा किसान के लिए सिर्फ छलावा है। किसानों को बहला-फुसलाकर भोले भाले किसान की वोट पाने के लिए जुमला है।

शिखर अग्रवाल (पूर्व अध्यक्ष टैक्स बार एसोसिएशन)

पूर्व अध्यक्ष टैक्स बार एसोसिएशन अधिवक्ता शिखर अग्रवाल ने बताया कि बजट 2020 पर खेती में सरकार द्वारा जो छूट प्रदान की गई है उसमें एक अच्छी व्यवस्था यह की गई है कि सरकार द्वारा  पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 2000000 किसानों को सोलर पंप और लगाए जाएंगे तथा 1500000 किसानों को बिजली से चलने वाले सोलर पंप लगवाए जाएंगे इसका मतलब यह है पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष खेती और फसल के लिए जो पानी की समस्या है  वह गरीब किसानों की दूर होगी।

कहा कि सरकार का यह एक बहुत अच्छा कदम है  इससे किसानों पर आर्थिक दबाव कम होगा और उनकी आमदनी बढ़ेगी बजट में कुछ सख्त प्रावधान किए जाते हैं और कुछ नरमी नरम प्रावधान किए जाते हैं सब प्रावधान सरकार की आमदनी को लेकर किए जाते हैं।  बजट में आमदनी बढ़ाने के साधन जैसे इनकम टैक्स, एक्साइज ड्यूटी, जीएसटी कर के रूप में लगाए जाते हैं उससे ही सरकार की आमदनी होती है और फिर सरकार उसी आमदनी को विकास के कार्यों में खर्च करती है।  इनकम टैक्स में कई वर्षों से चली आ रही बेसिक छूट 500000 करने की जो मांग कर अधिवक्ताओं की थी उसको पूरा किया गया है जिससे सामान्य वर्ग और आम वर्ग के व्यापारी, किसान, नौकरी पेशा लोग, वर्कर का बोझ खत्म हो जाएगा और वह पूरे के पूरे 500000 अपने खर्च के रूप में कर पाएंगे।

उन्होंने कहा कि पहले होता यह था कि 500000 में आयकर बचाने के लिए व्यक्ति के द्वारा डेढ़ लाख की सेविंग कर दी जाती थी जोकि वो उसके 10 साल के लिए बचत के रूप में जमा हो जाते थे परंतु अब सरकार द्वारा इसे बदल दिया गया है अब टैक्स पांच लाख से ऊपर लगेगा। सरकार ने आम बजट 2020 में  हर क्षेत्र में कुछ ना कुछ बदलाव किए गए है।

व्यापारी नेता पियूष जिंदल

पश्चिम उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष पीयूष जिंदल ने बजट प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने वर्ष 2020- 21 का बजट पेश करते हुए इनकम टैक्स के स्लैब में परिवर्तन किया है मगर जो व्यापारी नए टैक्स स्लैब में रिटर्न भरेंगे उनको अपने निवेश किए गए रुपयों पर छूट नहीं मिलेगी । बजट में घोषणा की गई है कि व्यापारी तथा आम नागरिक का बैंक में जो  रुपया जमा है उसकी गारंटी एक लाख से बढ़ाकर 500000 कर दी गई है इससे व्यापारियों व आम नागरिकों के मन में बैंकों में रुपया सुरक्षित रहने की भावना बढ़ेगी।

कहा कि ऑनलाइन बिजनेस करने वाली ई कॉमर्स कंपनी में जन्मे फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों पर अंकुश लगाने की कोई घोषणा नहीं की गई जबकि यह करनी चाहिए थी क्योंकि छोटे छोटे व्यापारी ई-कॉमर्स कंपनियों के व्यापार से त्रस्त हैं। व्यापारी जीएसटी के पोर्टल से भी दुखी है पोर्टल में कोई सुधार की घोषणा नहीं की गई है । बजट में हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज की घोषणा से चिकित्सा में आम नागरिकों को लाभ होगा। इनकम टैक्स में आम व्यापारियों में नागरिकों को 1000000 तक टैक्स में छूट मिलनी चाहिए थी। सब मिलाकर  बजट से आम व्यापारी व नागरिक को  कोई लाभ नहीं मिला है डीजल व पेट्रोल को जीएसटी में समाहित करने की घोषणा होनी चाहिए थी ताकि डीजल और पेट्रोल के दाम कम हो और महंगाई से राहत मिले। सब मिलाकर बजट में लीपापोती की गई है।

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