बीजेपी के नेताओं को फटकरा लगाने वाले जज के तबादले पर वकीलों की अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने जताई चिंता

आदिल अहमद

वकीलों की एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर जस्टिस एस. मुरलीधर के जल्दबाज़ी में तबादले के सरकार के फ़ैसले पर चिंता जताई है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत की राजधानी दिल्ली के हाईकोर्ट के न्यायाधीश एस. मुरलीधर ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा से पहले भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा कथित तौर पर नफ़रत भरे भाषण देने के मामले में केस दर्ज करने से विफल रहने को लेकर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी। इसके अगले दिन 26 फरवरी की रात को भारत की मोदी सरकार ने उनके तबादले का आदेश जारी कर दिया था। जस्टिस मुरलीधर का तबादला 26 फरवरी की रात को दिल्ली हाईकोर्ट से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में कर दिया गया था। जस्टिस मुरलीधर ने पुलिस की निष्क्रियता को लेकर भी कड़ी फटकार लगाई थी और दंगा पीड़ितों को सभी ज़रूरी मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया था।
वकीलों की एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था के पदाधिकारियों के हस्ताक्षर वाले पत्र में कहा गया है, ‘द इंटरनेशनल बार एसोसिएशंस ह्यूमन राइट्स इंस्टिट्यूट (आईबीएएचआरआई) ने भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र जारी किया है और उनसे अपील की है कि जस्टिस एस. मुरलीधर के दिल्ली हाईकोर्ट से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जल्दबाज़ी में किए गए तबादले पर कार्रवाई करें। विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘यह अचानक असामान्य तबादला ऐसे समय में किया गया कि जब सामाजिक अशांति के कारण भारत में न्यायपालिका की स्वतंत्रता के कमतर होने का ख़तरा है। क़ानून के शासन का बुनियादी सिद्धांत है कि न्यायपालिका सरकार को ज़िम्मेदार ठहराए और किसी न्यायाधीश द्वारा स्वतंत्र रूप से आवाज़ उठाने को नहीं दबाया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि, आईबीएएचआरआई वकीलों की संस्था है जो दुनिया भर में मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और उनके संरक्षण के लिए काम करती है।

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