वाराणसी- स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही आई फिर सामने, कोरोना संक्रमित का जाँच के बाद शव किया परिजनों के हवाले, बिना कोविड प्रोटोकाल हुआ अंतिम संस्कार, पुलिस और जिला प्रशासन की बढ़ी मुश्किलें

तारिक आज़मी

वाराणसी। वाराणसी के जिलाधिकारी और एसएसपी के अथक प्रयासों पर स्वास्थ्य विभाग लगातार अपनी लापरवाही से पानी फेरता दिखाई दे रहा है। कई मामलो में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग अपनी गलतियों से सबक नही सीख रहा है। ताज़ा मामला चौक थाना क्षेत्र के खजूर वाली मस्जिद के निकट रजबी गली का सामने आया है जहा एक महिला की मृत्युपरांत रिपोर्ट पॉजिटिव आने से इलाके में ही नहीं बल्कि पहली बार पुलिस विभाग में हडकम्प मचा हुआ है। मगर स्वास्थ्य विभाग के कानो पर जू तक नही रेंग रही है।

मामला कुछ इस प्रकार का संज्ञान में आया है कि रजबी गली खजूर वाली मस्जिद के निकट रहने वाले एक मशहूर पटाखा कारोबारी और एक सम्मानित बिल्डर की भाभी को सांस लेने में दिक्कत की शिकायत पर सोमवार को बीएचयु में एडमिट करवाया गया था। क्षेत्र के लोगो के बताने अनुसार मरीज़ के अन्दर सभी सिम्पटमस कोरोना के दिखाई दे रहे थे। देर रात महिला की मृत्यु हो गई। इसके बाद से शुरू हुई स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही। मृतक महिला का सैम्पल लेकर डेड बॉडी परिजनों के हवाले कर दिया गया।

परिजनों की माने तो उन्होंने जाँच रिपोर्ट के सम्बन्ध में जब स्थानीय स्वास्थय विभाग से जानकारी हासिल किया तो उन्होंने मृतका की रिपोर्ट निगेटिव आने की बात कही। परिजन डेड बॉडी लेकर घर वापस आये और मंगलवार को इस्लामी शरियत के मुताबिक कफ़न दफ़न कर दिया गया। मृतका के अंतिम संस्कार की जानकारी किसी क्षेत्रीय नागरिक ने क्षेत्राधिकारी दशाश्वमेघ को प्रदान किया। पुलिस जब तक मामले का संज्ञान लेती तब तक मृतका का अंतिम संस्कार हो चूका था। इसके बाद पुलिस इस मामले की तफ्तीश में जुट गई कि अंतिम संस्कार में कौन कौन था,

बहरहाल, इस सम्बन्ध में सीएमओ वाराणसी ने हमसे टेलीफोन पर हुई बातचीत में बताया कि मृतक महिला की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। एरिया को हॉटस्पॉट बनाकर कांटेक्ट ट्रेसिंग का काम दिया जा रहा है। सीएमओ ने हमसे बताया कि कोविड प्रोटोकाल के तहत डेड बॉडी दिया गया था कि अंतिम संस्कार किया जाए, अब ये परिजनों के ऊपर है और क्षेत्र के पुलिस टीम के ऊपर है कि कोविड प्रोटोकाल का पालन हुआ कि नही।

वही इस सम्बन्ध में परिजनों ने दावा किया कि स्वास्थ्य विभाग ने ऐसा कुछ भी नही जानकारी में दिया था। वही परिवार एक एक वरिष्ठ सदस्य ने तो यहाँ तक दावा किया कि जब उन्होंने ने स्वास्थ्य कर्मियों से रिपोर्ट के सम्बन्ध में जानकारी मांगने की कोशिश किया तो उनको कहा गया कि रिपोर्ट निगेटिव है। परेशान होने की कोई आवश्यकता नही है। मगर आज सुबह फोन पर स्वास्थ्य विभाग के तरफ से जानकारी मिली कि मरहूमा (मृतका) की जाँच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

बहरहाल, सचेत परिजनों ने जैसे ही फोन इस बात की जानकारी मिली कि मरहूमा (मृतका) की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है वैसे ही तत्काल इस बात की जानकारी स्थानीय पुलिस चौकी को दिया गया और थाना चौक को प्रदान किया गया। जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम का इंतज़ार किये बिना थाना प्रभारी चौक आशुतोष तिवारी के निर्देशन में एसआई आशीष पटेल और दालमंडी चौकी इंचार सौरभ पाण्डेय ने क्षेत्र को हॉट स्पॉट बना कर बांस बल्ली आदि लगवा दिया। जानकारी होने के बाद ही परिजनों ने खुद को क्वारटीन कर लिया है।

क्या है मुश्किल

स्वास्थय विभाग भले ही मामले में ठीकरा कही भी फोड़े मगर हकीकत ये है कि एक छोटी सी लापरवाही ने पुरे क्षेत्र को बड़ी मुसीबतों के सामने रूबरू करवा दिया है। कोविड-19 प्रोटोकाल के तहत जानकारी नही होने पर अमूमन जिस तरीके से इस्लामी शरियत के मुताबिक मिट्टी पड़ती है (अंतिम संस्कार) उसी मुताबिक मिटटी पड़ी। मय्यत को गुसल करवाने के साथ कफ़न दफ़न में जितने लोगो ने भी हिस्सा लिया होगा उसकी लिस्ट बनाना एक टेढ़ी खीर सिर्फ स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए नही बल्कि परिजनों के लिए भी होगी।

इस्लामी शरियत के मुताबिक मिटटी में मय्यत (अंतिम संस्कार में शव) को कंधे बदल बदल के सभी लगाते है। मय्यत को गुस्ल (स्नान) भी करवाया जाता है। उसको नया कफ़न भी पहनाया जाता है। इन सब अरकानो (काम) में जितने लोगो ने भी हाथ लगाया होगा उन सबके संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है। खास तौर पर इस मामले में सबसे अधिक महिलाओं के संक्रमित होने का खतरा होगा क्योकि महिला की मय्यत को अंतिम संस्कार के लिए तैयार करने की पूरी ज़िम्मेदारी महिलाओं की ही रहती है। इसके अलावा मृतक के पास बैठ कर कुरआन की पाठो को भी पढ़ा जाता है। अब परिजनों के लिए भी ये मुश्किल होगी कि वह इस लिस्ट को कैसे बनाये कि कौन कौन मय्यत के करीब आया और किस किस ने मय्यत को गुस्ल करवाने से लेकर कफ़न पहनाने के काम किया। किस किस ने मय्यत के पास बैठ कर कुरआन की तिलावत किया।

बहरहाल, मृतका के परिजनों ने खुद को होम क्वारटीन कर रखा है। क्षेत्र को सेनेट्राइज़ करवाने की तैयारी चल रही है। परिजन अपने याददाश्त पर जोर देकर सभी मसलो पर गौर-ओ-फिक्र कर रहे है। वही साथ में परिजनों के विवेक की भी तारीफ करने की ज़रूरत है कि उन्होंने खुद ही पुलिस को स्वास्थ्य विभाग से आई सुचना को बताया है। मगर स्वास्थ्य विभाग को अपनी इस लापरवाही पर एक बार फिर से सोचने की ज़रूरत है।

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