कलावती पैरा मेडिकल कॉलेज मे कैंसर दिवस का हुआ आयोजन

आदिल अहमद

कासगंज. जनपद कासगंज के कलावती कॉलेज गोरहा में कैंसर दिवस का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में नर्सिंग  प्रोफेसर महावीर प्रसाद शर्मा कैंसर का परिचय देते हुए लक्षण उपाय बताए। उन्होंने बताया कि कैंसर अब एक सामान्यर रोग हो गया है। हर दस भारतीयों में से एक को कैंसर होने  की संभावना है। कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है।लेकिन इस रोग का निदान व उपचार प्रारम्भिक अवस्था ओं में किया जाये तो इस रोग का पूर्ण उपचार संभव है।

कैंसर का सर्वोतम उपचार बचाव है।

उन्होंने कहा कि कैसर से सर्वोत्तम उपचार है बचाव, यदि मनुष्य अपनी जीवन-शैली में कुछ परिवर्तन करने को तैयार हो तो 60 प्रतिशत मामलों में कैंसर होने से पूर्णतः रोका जा सकता है।

क्या आप जानते

विश्वआ में कुल 2 करोड लोग कैंसर ग्रस्ता हैं इनमें हर वर्ष 90 लाख व्य क्ति और जुड जाते हैं। विश्व में हर वर्ष अनुमानित 40 लाख व्यतक्तियों की कैंसर के कारण मृत्यु  हो जाती है। भारत में एक लाख की जनसंख्या  पर 70 से 80 व्येक्ति कैंसर से पीडित हो जाते हैं इस तरह हमारे देश में लगभग लाख से अधिक व्य क्ति हर वर्ष कैंसर पीड़त होते हैं। भारत में कैंसर से मरने वाले व्यरक्तियों में 34 प्रतिशत लोग धूम्रपान/ तम्बासकू के सेवन करने वाले होते हैं।

कैंसर के शुरुआती लक्षण

शरीर में किसी भी अंग में घाव या नासूर, जो न भरे। लम्बे समय से शरीर के किसी भी अंग में दर्दरहित गॉंठ या सूजन। स्तनों में गॉंठ होना या रिसाव होना मल, मूत्र, उल्टी और थूंक में खून आना। आवाज में बदलाव, निगलने में दिक्कत, मल-मूत्र की सामान्यं आदत में परिवर्तन, लम्बे समय तक लगातार खॉंसी। पहले से बनी गॉंठ, मस्सों  व तिल का अचानक तेजी से बढना और रंग में परिवर्तन या पुरानी गॉंठ के आस-पास नयी गांठो का उभरना। बिना कारण वजन घटना, कमजोरी आना या खून की कमी। औरतों के स्तन में गॉंठ, योनी से अस्वा भाविक खून बहना, दो माहवारियों के बीच व यौन सम्बन्धों के तुरन्त  बाद तथा 40-45 वर्ष की उर्म में महावारी बन्दअ हो जाने के बाद खून बहना।

कुछ आम तौर पर पाये जाने वाले कैंसर

पुरूषः- मूंह, गला, फेंफडे, भोजन नली, पेट और पुरूष ग्रन्थी  (प्रोस्टेवट)

महिलाः- बच्चेादानी का मुंह, स्तेन, मुंह, गला, ओवरी

पुरूषः- मूंह, गला, फेंफडे, भोजन नली, पेट और पुरूष ग्रन्थी, (प्रोस्टेवट)

महिलाः- बच्चेादानी का मुंह, स्तेन, मुंह, गला, ओवरी

कैंसर से बचाव के उपाय

धूम्रपान, तम्बाकु, सुपारी, चना, पान, मसाला, गुटका, शराब आदि का सेवन न करें। विटामिन युक्त और रेशे वाला (हरी सब्जी , फल, अनाज, दालें) पौष्टिक भोजन खायें। कीटनाशक एवं खाद्य संरक्षण रसायणों से युक्तम भोजन धोकर खायें। अधिक तलें, भुने, बार-बार गर्म किये तेल में बने और अधिक नमक में सरंक्षित भोजन न खायें। अपना वजन सामान्यय रखें। नियमित व्यामयाम करें नियमित जीवन बितायें। साफ-सुथरे, प्रदूषण रहित वातावरण की रचना करने में योगदान दें। प्रारम्भिक अवस्थाा में कैंसर के निदान के लिए निम्नरलिखित बातों का विशेष ध्यासन दें. मूंह में सफेद दाग या बार-बार होने वाला घाव। शरीर में किसी भी अंग या हिस्से  में गांठ होने पर तुरन्‍त जांच करवायें। महिलायें माहवारी के बाद हर महीने स्तसनों की जॉंच स्व्यं करे स्तयनों की जॉंच स्वनयं करने का तरीका चिकित्सिक से सीखें।

दो माहवारी के बीच या माहवारी बन्दस होने के बाद रक्त् स्त्रा व होना खतरे  की निशानी है पैप टैस्टी करवायें। शरीर में या स्वाचस्य्‍  में किसी भी असामान्यर परिवर्तन को अधिक समय तक न पनपने दें। नियमित रूप से जॉंच कराते रहें और अपने चिकित्स्क से तुरन्तस सम्परर्क करें। याद रहे- प्रारम्भिक अवस्था  में निदान होने पर ही सम्पू र्ण उपचार सम्भोव है। कैंसर दिवस के कार्यक्रम के दौरान  प्रिंसिपल- मिस्टर रोहिताश, और स्टॉफ छत्रपाल, साहू लोकेन्द्र मौर्य, अमित, अम्बुज, गुंजन, पूजा साहू, सिमरन दास, संध्या, और नर्सिंग के बच्चे मौजूद रहे।

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