जाँच में हुआ खुलासा और ज़मीन नाम करवाने में भाजपा विधायक की पत्नी सहित 9 फंसे, रिपोर्ट हुई दर्ज

रोबिन कपूर

फर्रुखाबाद. राजस्व कर्मियों की साठगांठ से अभिलेखों में हेराफेरी कर तालाब की जमीन अपने नाम कराने के चक्कर में अमृतपुर भाजपा विधायक की पत्नी समेत नौ लोग फंस गए हैं। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अर्जी पर शहर कोतवाल को रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया है।

शहर कोतवाली के मोहल्ला भोपतपट्टी निवासी सत्य नारायन ने आवास विकास कालोनी निवासी अमृतपुर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक सुशील शाक्य की पत्नी ऊषा शाक्य, सातनपुर मंडी गेट निवासी दीपक ठाकुर, भोपतपट्टी निवासी टीकाराम, गौरव उर्फ मोनू, रवी, किशनलाल समेत नौ लोगों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में अर्जी दायर की। इसमें कहा कि मोहल्ले में तालाब की जमीन है। विधायक की पत्नी ऊषा शाक्य व दो अन्य लोगों ने राजस्व अभिलेखों में स्याही बदल और कटिंग कर तालाब की जमीन अपने नाम दर्ज करा ली। इसकी शिकायत अधिकारियों से करने पर कोई सुनवाई नहीं हुई। तब उच्च न्यायालय में पीआईएल (जनहित याचिका) दायर की। उच्च न्यायालय ने 8 मार्च 2019 को डीएम को तालाब की जमीन के अभिलेखों में हेराफेरी के मामले में कार्रवाई के आदेश दिए। तहसीलदार सदर ने जांच की तो अभिलेखों में हेराफेरी पाई गई।

तहसीलदार की रिपोर्ट पर एसडीएम सदर ने 27 जून 2019 को अभिलेखों में संशोधन कर जमीन तालाब के नाम दर्ज कर दी। लेकिन हेराफेरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। 20 नवंबर 2019 को अभिलेखों में हेराफेरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को डीएम को प्रार्थना पत्र दिया। इससे नाराज होकर आरोपी 15 दिसंबर 2019 को असलहे लेकर घर में घुस आए और मारपीट की। दोबारा शिकायत करने पर जिंदा जलाने की धमकी दी। पीड़ित के वकील अवधेश मिश्रा, अनूप शाक्य ने सुनवाई के दौरान दलीलें पेश की। सुनवाई पूरी होने के बाद सीजेएम ने शहर कोतवाल को सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया है।

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