श्रीमद भगवत कथा का हुआ आयोजन

मुकेश यादव

मधुबन(मऊ): तहसील क्षेत्र के कुतुबपुर धनेवा में चल रहा श्रीमदभागवत कथा का आयोजन में 11 दिवसीय संगीतमय कथा के पांचवें दिन कथावाचक पण्डित चंद्रप्रकाश ठाकुर ने सत्संग में कहा कि भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन एक समय भगवान कृष्ण घुट घुट मन रसोई घर में जाने लगे, तो भैया यशोदा कहने लगी, बेटा दूर रहे जय-जय को भोग बन गयो हैं।

बताया कि छोटे से लाला कहने लगे अरी मैया हम से बड़ों जय-जय कौन से आ गए हो।  सबके जय-जय  तो  हम  हैं।  मैया यशोदा कहने लगे लाला ऐसा ना बोले। इंद्र दुष्ट हो जागो। लाला कहने लगा हो जाने दो रुस्ट मैया, बड़ी जोर की भूख लग रही है। लाला जय जय को भोग बना रही हूं भोग लगने के बाद दुगी। भगवान कृष्ण रोने लगे मैं तो अभी लूंगा। नंद बाबा आए और भगवान कृष्ण से कहने लगे बेटा इंद्र की पूजा करने के साईं बंद रहे हैं। लाला कहने लगे बाबा इंद्र कौन है ? नंद बाबा कहने लगे बेटा हम सबको भगवान हैं। बाबा इंद्र की पूजा बंद कर दो। मेरे गिर्राज के पूजा करो।

लाला की बात मानकर सभी ने 56 प्रकार के व्यंजन बनाएं और अपने गाड़ियों में रखकर गोवर्धन चल दिए। सभी ब्रज वासियों ने गिर्राज जी की 7 कोस की परिक्रमा दी। विधिवत पूजा करी। गिरिराज धरण की भगवान कृष्ण ने मनसे मानसी गंगा को प्रकट कि उसके बाद माखन चोर लीला का वर्णन किया। इस मौके पर पण्डित सत्यनारायण शास्त्री, हरिसेवक यादव, जयराम चौहान, महेश चौहान, सीताराम चौहान आदि रहे।

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