रवि पाण्डेय, शुभम केशरी हत्याकांड – कही “अन्दर” के घात या “बाहरी” प्रतिघात का शिकार तो नही हुआ खुद शिकारी ?

तारिक आज़मी

वाराणसी। वाराणसी के कुख्यात अपराधी शुभम केशरी का उसके साथी गुमशुदा युवक रवि पाण्डेय के साथ शव अहरौरा में बरामद हुआ है। शव बरामदगी के बाद रवि पाण्डेय की तो शनिवार अहले सुबह ही शिनाख्त हो चुकी थी, मगर शुभम केशरी की शिनाख्त नही हो पाई थी। पुलिस को कयास था कि दूसरी लाश शुभम केशरी की हो सकती है। दोपहर होते होते मामले में खुलासा हो गया कि रवि पाण्डेय के साथ मिली दूसरी लाश कुख्यात अपराधी शुभम केशरी की है। दोनों ही युवक 20 दिसम्बर से गायब बताये जा रहे थे। शुभम केशरी पर जहा दस गंभीर धाराओं में मुक़दमे विभिन्न थाना क्षेत्रो में दर्ज है वही रवि पाण्डेय के लिए कयास लगाया जा रहा है कि वह गलत संगत का शिकार हो गया।

अहरौरा पुलिस की कार्यशैली पर भी उठ रहे सवाल

वही थानाध्यक्ष अहरौरा की माने तो लाशो को देख कर लगता था कि दस पंद्रह दिन पुरानी लाश है। अब सवाल वैसे तो अधुरा है कि क्या अहरौरा पुलिस को दस पंद्रह दिन से पड़ी हुई उसके क्षेत्र में लाश नही दिखाई दी थी। आखिर पुलिस पेट्रोलिंग टीम कर क्या रही थी जो उसको दस पंद्रह दिनों तक पड़ी हुई लाश वो भी एक नही दो दिखाई ही नहीं दी। बताते चले कि लाश दस पंद्रह दिन पुरानी है इसका कयास अहरौरा पुलिस ने लगाया है और इसकी जानकारी टेलीफोन पर बातचीत के बीच खुद अहरौरा थानाध्यक्ष राजेश चौबे ने हमको दिया है। वैसे पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी तक आई नही है और सिर्फ अहरौरा पुलिस ही नही बल्कि वाराणसी कोतवाली और वाराणसी भेलूपुर पुलिस भी इस रिपोर्ट का इंतज़ार कर रही है। साथ साथ फारेंसिक रिपोर्ट भी अभी तक नही प्राप्त हुई है।

कोतवाली और भेलूपुर पुलिस खुलासे का कर रही प्रयास

प्रकरण में एक तरफ जहा कोतवाली पुलिस मामले के खुलासे के लिए अपना जोर लगाए है वही दूसरी तरफ भेलूपुर पुलिस द्वारा भी भागदौड़ जारी है। प्रकरण के खुलासे के लिए दोनों थानों की संयुक्त टीम के साथ साथ क्राइम ब्रांच भी अपनी मेहनत कर रही है। इलेक्ट्रोनिक युग में जहा इलेक्ट्रानिक साक्ष्य जुटाए जा रहे है वही ज़मीनी स्तर पर भी जानकारी इकठ्ठा किया जा रहा है। पुलिस सूत्रों की माने तो कुछ बड़ी जानकारी पुलिस के हाथ लगी है जिसके द्वारा यह उम्मीद बंधी है कि दोनों हत्याकांड का खुलासा एक दो दिनों के अन्दर हो जायेगा।

गौरतलब हो कि रवि पाण्डेय की गुमशुदगी थाना भेलूपुर में उसकी बहन द्वारा 23 दिसम्बर को दर्ज करवाई गई थी। वही उसी दिन से शुभम पाण्डेय भी गायब था। शुभम के परिजनों की माने तो कई दिनों के चक्कर काटने के बाद परिजनों ने एसएसपी से गुहार लगाया था और एसएसपी द्वारा हस्तक्षेप पर कोतवाली पुलिस ने शुभम की गुमशुदगी 5 जनवरी को दर्ज किया गया था। वैसे बताते चले कि कोतवाली पुलिस पर अपराध पंजीकृत न करने के आरोप विगत कई दिनों से कुछ और भी मामले में लगते रहे है।

बहरहाल, कोतवाली पुलिस ने दर्ज हुई गुमशुदगी पर कितना सीरियस होकर काम किया वह एक बहस का मुद्दा है। वही भेलूपुर थाना क्षेत्र के महामूरगंज चौकी इंचार्ज ने भी रवि पाण्डेय की गुमशुदगी में गंभीर प्रयास नही किये ऐसा आरोप रवि पाण्डेय के परिजनों द्वारा धीमी आवाज़ में लगाया जा रहा है। वैसे अगर मामले में भेलूपुर पुलिस द्वारा ही तेज़ी दिखाई गई होती तो शायद मामला यहाँ तक नही पहुचता। रवि पाण्डेय की संगत गलत होने की बाते भी क्षेत्र में चर्चाओं के दरमियान है।

कही “अन्दर” के घात अथवा बाहरी प्रतिघात का शिकार तो नही हुआ शिकारी

रवि पाण्डेय पर जानकारी के अनुसार कोई अपराधिक मामला नही था। मगर शुभम केशरी अपराध की यूनिवर्सिटी में पीएचडी कर रहा था। कई बार जेल जा चुके शुभम केशरी पर कुल 11 अपराधिक मामले वाराणसी जनपद के विभिन्न थानो में दर्ज है। शुभम बहुचर्चित निगम हत्याकांड में मुख्य आरोपी था और इसमें वह जेल गया था। उसके ऊपर अकेले चौक थाने में कुल 9 मामले दर्ज थे। चौक और कोतवाली के बॉर्डर गोला दीना नाथ (थाना कोतवाली) का मूल निवासी शुभम केशरी शुरू से ही दबंग किस्म का युवक था।

जेल में भी चलती थी दबंगई – सूत्र

जेल में शुभम केशरी की दबंगई चलती थी। एक अन्य कुख्यात के गैंग में शामिल होकर जेल में खुद के वर्चस्व की जंग लड़ी थी। जिसमे जेल में जमकर दुसरे गैंग से मारपीट हुई थी। मारपीट भी इतनी बीहड़ हुई थी कि सभी मारपीट में शामिल कैदियों के बैरिक बदल दिए गए थे। इस दरमियान दूसरा गैंग जेल में अपना वर्चस्व खो चूका था और शुभम केशरी का वर्चस्व कायम हो गया था। सूत्र तो यहाँ तक बताते है कि बैरिक नम्बर 13 सी में इसके नाम की तूती बोलने लगी थी और सुविधाये भी इसको उपलब्ध हो गई थी। पुलिस इस एंगल पर भी काम करते हुवे जेल के उस झगड़े पर नज़र लगाए हुवे है कि कही जेल का झगड़ा दिमाग में जेल के बाहर तक तो सलामत नही है। जिसने इस शिकारी का ही शिकार कर डाला।

वही पुलिस उस थ्योरी पर काम भी कर रही है कि कही शुभम केशरी के प्रताड़ना का शिकार कोई इसका खुद का शिकार तो नही कर बैठा है। पुलिस इन दोनों थ्योरी के साथ साथ इस बात पर भी तवज्जो दे रही है कि कही पैसो के बटवारे पर इसके खुद के साथियो ने ही तो इसकी हत्या नहीं कर दिया है। पुलिस सूत्रों की माने तो इस बार पुलिस काफी ठोक बजा कर अपने कदम उठा रही है। मामले की तह तक जाने की तैयारी पूरी है। पुलिस सूत्रों की माने तो दोनों थानों से जुडी टीम लगभग एक दर्जन लोगो से पूछताछ कर चुकी है। जल्द ही मामले में खुलासे की उम्मीद दिखाई दे रही है।

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