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हरदोई में डेढ़ साल की मासूम से दुष्कर्म और उसकी हत्या करने के आरोपी गुड्डू उर्फ़ गब्बू को अदालत ने दिया सजा-ए-मौत, दरिदे की हरकत देख दरिंदगी भी शर्मसार हो गई थी

आफताब फारुकी/ फारुख हुसैन

लखनऊ। हरदोई जिले में डेढ़ साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में आरोपी गुड्डू उर्फ़ गब्बू को अदालत ने दोषी करार देते हुवे सजा-ए-मौत दिया है। हरदोई जनपद में हुई इस दिल दहला देने वाली घटना में मासूम बच्ची के साथ आरोपी गुड्डू उर्फ गब्बू ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं थीं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि गुड्डू ने मासूम के साथ किस कदर दरिंदगी की थी। मृतका के दोनों होठों पर काटे जाने के निशान मिले थे, जिसकी वजह से होठ नीले पड़ गए थे। मासूम के चेहरे के बायीं ओर नाखून के निशान मिले थे। दोनों जांघों की ओर खून के धब्बे मिले थे। उसका नाजुक अंग फट गया था और उसमें 10 मिलीलीटर खून मिला था। मासूम की मौत नाक और मुंह दबाये जाने के कारण दम घुटने से हुई थी।

जद्दोजद के लगभग 7 साल के बाद मृतका मासूम के परिजनों को आखिर इंसाफ मिला। घटना 17 मार्च 2014 की है जब मासूम बच्ची घर से गायब हो गई थी। इसके बाद 18 मार्च को बच्ची का शव मिला था जिसके बाद पुलिस ने उसी दिन मामले में हत्या और बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज किया था। बच्ची के शव को देख कर इंसानियत शर्मसार होकर सिसकियाँ भरने लगी थी। मासूम को ढंग से बोलना तक नही आता था मगर दरिन्दे ने दरिदगी की भी हदे पार कर दिया था। दरिंदगी भी उसकी हरकत पर शर्मशार हो चुकी थी।

इसके बाद पुलिस ने आरोपी की गिरफ़्तारी करने के बाद 14 मई 2014 को चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दिया था। जिसके बाद 18 सितम्बर 2014 को आरोप तय हो गए थे। इसके बाद शुरू होती है अदालती कार्यवाही। 19 जनवरी 2015 को मामले में हुई पहली गवाही, जिसमे कुल 7 गवाहों के बयान दर्ज हुवे। 19 जनवरी 2021 को मामले में आखिरी गवाही हुई थी। मामले में कुल 139 तारीखे पड़ी थी। इस मामले की कुल 11 न्यायालयों में सुनवाई हुई। आखिर 18 फरवरी 2021 को अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया और फैसला सुरक्षित रखा था। जिसके बाद कल 22 फरवरी 2021 को अदालत ने कुल 36 पन्नो का फैसला सुनाते हुवे गुड्डू उर्फ़ गब्बू को सजा-ए-मौत दिया।

कौन है दरिंदा गुड्डू उर्फ़ गब्बू

दरिन्दे गुड्डू उर्फ़ बब्बू का बच्ची के परिजनों के साथ ठीक-ठाक संबंध था। 2014 के होली पर रंग खेलने वाले दिन ही देर शाम गब्बू बच्ची के घर पर होली मिलने गया था। घर में बच्ची की दादी, मां थीं, जबकि पिता गांव में परिचितों के यहां होली मिलने गया था। बच्ची को दुलारते हुए गब्बू ने गोद में उठा लिया था और बच्ची के घर वाले उसके लिए नाश्ता लगा रहे थे। यह ज़ालिम दरिंदा इसी दौरान बच्ची को लेकर घर से बाहर निकल गया। इसके बाद जो कुछ हुआ, उससे बच्ची के परिजनों को ऐसा दर्द मिला कि जिंदगी का रंग ही उजड़ गया। गमो की वह होली मासूम के परिजन आज भी नही भूल पाए है। अदालत के फैसले के बाद उनके चहरे पर एक सुकून देखने को मिला है।

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