उत्तराखण्ड – ग्लेशियर फटने से हुई भारी तबाही, अब तक दस शव बरामद, 7 लोगो को सुरंग से सही सलामत बचाया गया, अभी भी काफी लापता – Latest Updates

आदिल अहमद

चमोली : उत्तराखंड चमोली जनपद स्थित के जोशीमठ इलाके में आज हुवे बड़े हादसे में ग्लेशियर फटने से बड़े नुक्सान के समाचार प्राप्त हो रहे है। जोशीमठ स्थित तपोवन इलाके में आज रविवार को फटे ग्लेशियर  से जहा ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा। वही ऋषिगंगा में अचानक आई भारी बाढ़ में ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट बह गया। बताते चले कि ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट, जोशीमठ के क़रीब है।

जारी राहत और बचाव कार्यो में अब तक कुल दस शव बरामद हो चुके हैं। वही बड़ी सफलता मिली जब राहत दल ने 7 लोगों को एक सुरंग से बचाया। समाचार लिखे जाने तक राहत और बचाव अभियान बड़े स्तर पर जारी है। वही मिल रहे समाचारों के अन्सुआर अभी भी 170 लोगों के फंसे होने की आशंका है।

गौरतलब हो कि उत्तराखंड के चमोली में रविवार की सुबह 11 बजे अचानक ऋषिगंगा नदी का विकराल रूप दिखाई दिया। देखते ही देखते नदी ने अपने भयानक प्रवाह से रास्ते में पड़ने वाले ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को तबाह कर दिया। 11 मेगावॉट के इस पावर प्रोजेक्ट में उस वक्त कई लोग पावर हाउस और सुरंग के आसपास काम में जुटे थे। इससे पहले कि वो संभल पाते, वो सभी नदी के प्रवाह में समा गए। सब कुछ इतनी तेज़ी से हुआ कि आसपास के लोगों की उन्हें चेतावनी देने की कोशिशें नाकाम रहीं।

ग्लेशियर के टूटने से अलकनंदा नदी और धौलीगंगा नदी में हिमस्खलन और बाढ़ के चलते आसपास बसे लोगों को हटाया जा रहा है। कई घरों के बहने की आशंका भी जताई जा रही है। साथ ही जोशीमठ के करीब बांध टूटने की भी खबर है। आईटीबीपी के जवान बचाव कार्य के लिए पहुंच गए हैं। एनडीआरएफ की टीमें गाजियाबाद से चमोली के लिए भेजी जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हर संभव मदद का भरोसा दिया है।

इस दरमियान ऋषिगंगा नदी के साथ आया हज़ारों टन मलबा आसपास के इलाके में फैल गया और कई मज़दूर उसके अंदर दब गए। महज़ कुछ ही देर में पूरा मंज़र ही बदल गया। ऋषिगंगा नदी का विकराल रूप यहां से आगे बढ़ा तो कुछ किलोमीटर आगे धौलीगंगा के पानी के साथ मिलकर उसकी ताक़त और भी बढ़ गई और उसने तपोवन पावर प्रोजेक्ट को अपनी चपेट में ले लिया। इस प्रोजेक्ट के निर्माण का काम अभी चल ही रहा है। अचानक आई इस बाढ़ ने किसी को संभलने का मौका नहीं दिया। ऋषिगंगा और तपोवन पावर प्रोजेक्ट में जन-धन की भारी हानि‍ हुई।

इससे पहले, राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आपदा से प्रभावित दो कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहे मजदूरों की जान बचाने के लिए पुलिस, राज्य आपदा मोचन बल और आईटीबीपी की टीमें काम कर रही है। अब तक दो शवों को बरामद किया गया है। उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने तबाही में हताहत होने वाले लोगों की संख्या में बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 100 से 150 लोगों के बहने की आशंका है।

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