पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुआ कासगंज का दुर्दांत शराब माफिया मोती, दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला कर एक पुलिस कर्मी की हत्या कर दरोगा की पिस्टल लूट हुआ था फरार

आदिल अहमद

कासगंज। कासगंज जिले में नौ फरवरी की शाम को दबिश देने आई पुलिस पर हमला कर एक पुलिस कर्मी की हत्या करने और एक दरोगा को गंभीर रूप से घायल कर मरणासन्न अवस्था में छोड़ कर उसकी पिस्टल लूट कर भागने वाले मुख्य आरोपी यहां शराब माफिया मोती को वारदात के बाद 12वें दिन पुलिस ने रविवार तड़के मुठभेड़ में मार गिराया। उसके पास से दरोगा से लूटी गई पिस्टल बरामद हुई है। साथ ही पुलिस को उसके पास से एक अवैध तमंचा भी बरामद हुआ है।

एनकाउंटर के सम्बन्ध में मिले समाचारो के अनुसार शनिवार रात करीब ढाई बजे पुलिस की सूचना मिली कि करतला रोड पर काली नदी के पास जंगलों में मोती और उसके साथी छिपे हुए हैं। पुलिस ने बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए कॉम्बिंग की। इस दौरान बदमाशों से मुठभेड़ हो गई। पुलिस की गोली से मोती गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे कासगंज के जिला अस्पताल में भेजा गया। जहां परीक्षण के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया। उसके कब्जे से दरोगा की लूटी गई पिस्टल, एक तमंचा 315 बोर और कारतूस बरामद हुए हैं। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

कासगंज के पुलिस अधीक्षक मनोज सोनकर ने बताया कि सिपाही की हत्या का मुख्य आरोपी से पुलिस की करीब तीन बजे सिढ़पुरा क्षेत्र में करतला मार्ग पर काली नदी के किनारे मुठभेड़ हुई। इसमें पुलिस की गोली लगने से मोती गंभीर रूप से घायल हुआ। जिसे अस्पताल भेजा गया। जहां चिकित्सकों ने परीक्षण के बाद उसे मृत घोषित किया है। उधर, मोती के एनकाउंटर पर आगरा निवासी शहीद सिपाही देवेंद्र सिंह के परिजनों ने कहा है कि पुलिस ने उनके बेटे की शहादत का बदला ले लिया है।

क्या है पूरा मामला

कासगंज जिले के थाना सिढ़पुरा क्षेत्र के गांव नगला धीमर और नगला भिकारी में अवैध शराब की सूचना पर दबिश देने पहुंचे दरोगा अशोक कुमार सिंह और सिपाही देवेंद्र सिंह पर शराब माफिया ने नौ फरवरी की शाम हमला कर दिया था। सिपाही देवेंद्र की हत्या कर दी गई थी। दरोगा अशोक कुमार सिंह गंभीर रूप से घायल हुए थे। वारदात के बाद शराब माफिया मोती व अन्य आरोपी दरोगा की पिस्टल लूटकर भाग गए थे।

कासगंज कांड के बाद पुलिस ने 12 घंटे के अंदर ही सिपाही की हत्या करने वाले एक आरोपी एलकार को मुठभेड़ में मार गिराया था। यह मुठभेड़ 10 फरवरी की सुबह थाना सिढ़पुरा क्षेत्र में काली नदी की कटरी किनारे हुई थी। आरोपी एलकार मोती का भाई था। उस वक्त मुख्य आरोपी मोती फरार हो गया था। उसकी गिरफ्तारी पर पुलिस ने पहले 50 हजार रुपये इनाम घोषित किया। बाद में इसे बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया।

सिपाही की हत्या के मुख्य आरोपी की तलाश में पुलिस की आठ टीमें लगाई गईं। बरेली और कासगंज एसटीएफ की टीम भी गोपनीय तरीके से मोती की तलाश में जुटी थीं। 11 दिनों में मोती एक बार पुलिस के सामने आया, लेकिन उसे पकड़ नहीं सकी। हालांकि उसके ममेरे भाई और मौसा को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद पुलिस कासगंज से लेकर दूसरे जिलों तक उसकी गिरफ्तारी में जुटी। खादर की खाक छान मारी। आखिरकार 12वें दिन पुलिस को सफलता मिल गई।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *