वाराणसी – हमारी कोशिश और सपा नेता राज बहादुर सिंह पटेल की मेहनत लाई रंग, 11 साल पहले अपने परिवार से जुदा हुआ युवक मिला

तारिक आज़मी

वाराणसी। वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र स्थित कर्माजीतपुर निवासी सुनील का मानसिक संतुलन ख़राब था। वह आज से लगभग एक दशक से अधिक समय यानी लगभग 11 साल पहले अपने घर से बाहर निकला और कही गुम हो गया। माँ बाप उसकी तलाश करते करते थक चुके थे। कोई ऐसी मंदिर और ऐसी दरगाह नही थी जहा उन्होंने अपने बेटे की सलामती की दुआ और मन्नत न मानी हो। आखिर बुज़ुर्ग हो चुके लालजी की भी आँखे अपने बेटे के दीदार को तरस गई। उसका भाई अरविन्द भी अपने भाई के दुबारा मिलने की उम्मीद खो चूका था।

11 वर्षो बाद अब ऐसा दिखता है सुनील

इसी दरमियान आज दोपहर में स्थानीय सपा नेता राज बहादुर सिह पटेल का फोन उनके मोबाइल पर बजा। राज बहादुर ने जब उनके बेटे के सम्बन्ध में पूछा तो एक पिता की आँखों में आंसू भर आये और उन्होंने कहा कि उनका बेटा आज से 11 साल पहले ही गुम हो चूका है। उसके मिलने की आस भी अब हम लोग खो चुके है। इस पर जब सपा नेता ने बड़े ही नम्रता से उनको बताया कि उनका बेटा सही सलामत है और उसकी खोज खबर आई है। साथ ही साथ बताया कि उनके बेटे सुनील की मानसिक स्थिति भी अब सही हो चुकी है तो अचानक लाल जी के उदास घर में ख़ुशी का माहोल हो गया। सभी अपने घर के चश्मों चिराग से बात करना चाहते थे।

सपा नेता राज बहादुर ने हमको फोन करके गुमशुदा युवक के परिवार के सम्बन्ध में बताया। हमारे द्वारा तुरंत ही राजस्थान के पाली स्थित अपना घर आश्रम में अजय कुमार लोढ़ा को फोन करके युवक के परिजनों के सम्बन्ध में जानकारी दिया और युवक की उसके परिजनों से कांफ्रेस में बात करवाया। युवक से बात करके ऐसा अनुभव हो रहा था कि लाल जी के परिवार में आज दीपावली और ईद दोनों एक साथ आ गई है। सभी तरह ख़ुशी के आंसू थे। गुमशुदा युवक सुनील के परिजनों ने हमारा और सपा नेता राज बहादुर सिंह पटेल का धन्यवाद् दिया और बताया कि बहुत ही जल्द यानी दो तीन दिन के अन्दर ही हम पाली जाकर अपने घर के चश्म-ओ-चिराग को लेकर वापस आयेगे।

कहा था सुनील और कैसे गायब हुआ था

सुनील कर्माजीत पुर निवासी लालजी का पुत्र है। उसका मानसिक संतुलन थोडा खराब हो गया था। इस दरमियान वह आज से लगभग 11 वर्ष पहले घर से निकल कर कही चला गया। इस दरमियान वह कई जनपदों में शायद गया होगा। मानसिक विक्षिप्त युवक एक तौर पर वह आज से लगभग 3 वर्ष पूर्व राजस्थान के पाली स्थिति अपना घर आश्रम के कार्यकर्ताओं को मिला। अपना घर आश्रम मानसिक विक्षिप्त लोगो की सेवा और उनके इलाज पर काम करने वाली एक स्वयं सेवी संस्था है। जहा हर मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति के नाम के आगे प्रभु शब्द लगाया जाता है। सुनील को भी इस आश्रम में प्रभु सुनील नाम से पुकारा जाता था।

अपना घर आश्रम में हो रही चिकित्सा से सुनील को बड़ी राहत पहुची और उसका मानसिक संतुलन ठीक होने लगा। इस दरमियान सुनील काफी कुछ भूल चूका था। उसको अपना नाम, अपने माँ-पिता का नाम तथा सुन्दरपुर ही सिर्फ याद था। बनारस शहर में सुन्दरपुर एक बड़ा इलाका है। सुन्दरपुर में सिर्फ माँ पिता के नाम से तलाश करना भी एक टेढ़ी खीर थी।

कैसे हुआ संपर्क

हमारे पूर्व परिचित अपना घर आश्रम के सेवक समाजसेवी अजय कुमार लोढ़ा के द्वारा इसके पहले भी कई अन्य गुमशुदा लोगो की तलाश हमारे माध्यम से करवाया गया था। वाराणसी के ही आदमपुर थाना क्षेत्र के चौहट्टा लाल खान निवासी शहजादे को उसके परिवार से लगभग 20 वर्ष बाद हमारे प्रयास से ही मिलवाने में सफलता मिली थी। अजय कुमार लोढ़ा के द्वारा हमको सुनील का फोटो और उसके माँ पिता का नाम मिला और हमने अपना प्रयास शुरू किया।

हमारी खोज में एक बड़ी मेहनत कर्माजीतपुर निवासी वरिष्ठ सपा नेता राज बहादुर सिंह पटेल ने किया और अपने सहयोगी समर्थको के साथ दो दिनों तक युवक के परिजनों की तलाश किया गया। तलाश आखिर पूरी हुई। मेहनत रंग लाइ और सफलता हाथ लगी जब राज बहादुर सिंह पटेल के एक समर्थक ने युवक को पहचान लिया और युवक के परिजनों से मिलवाया। सपा नेता ने युवक के परिजनों को आश्वासन दिया है कि उनके पाली तक आने जाने में यदि किसी सहयोग की आवश्यकता होगी तो वह अवश्य करेगे। परिजन दो चार दिनों में ट्रेन टिकट की उपलब्धता के आधार पर राजस्थान के पाली जायेगे। सुनील 11 सालो के बाद अपने परिवार के साथ पूर्णतः स्वस्थ होकर वापस आएगा। एक बार फिर लालजी के आँगन में खुशियाँ आ चुकी है। हमारे प्रयास और सपा नेता राजबहादुर सिंह पटेल की मेहनत सफल हो गई है।

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