शर्मनाक और दर्दनाक – महज़ चार बालिश ज़मीन के खातिर रिश्ते ने ही कर दिया रिश्ते का क़त्ल

बापुनंदन मिश्र

आजमगढ़। ज़र, जोरू और ज़मीन के खातिर लहू ही लहू का कातिल बन जाता है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला जब महज़ चार बालिश ज़मीन के खातिर रिश्तो का क़त्ल हो गया। बड़े भाई की निर्मम हत्या छोटे भाई ने कर डाला वह भी विवाद सिर्फ और सिर्फ चार फुट ज़मीन का था। आप सोचे ज़मीन को कोई नही खाता और ज़मीन सबको खा जाती है। एक भाई को ज़मीन खा गई अब उसके कत्ल के जुर्म में दुसरे भाई को भी आज नही तो कल यही ज़मीन खा जाएगी।

घटना के सम्बन्ध में प्राप्त समाचारों के अनुसार आजमगढ़ जिले में जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के आदर्श नगर बरई टोला मोहल्ला निवासी मेवालाल चौरसिया (65) पुत्र रामचंद्र चौरसिया की छोटे भाई कैलाश चौरसिया से चार फीट जमीन का विवाद काफी दिनों से चला आ रहा है। इस विवाद को निपटाने के लिये और मामले को सुलझाने के लिए दोनों भाइयो के बीच क्षेत्र के संभ्रांत नागरिको ने और कई बार पुलिस ने भी पंचायत करवाई। लेकिन मसला ज़मीन का नही बल्कि नीयत का आकर अटक गया था। नियत में खोट किसके थी ये तो फैसला अदालत ही कर सकती है। मगर दोनों में से एक की नियत में खोट तो ज़रूर थी। मसला हल नही हुआ और विवाद रंजिश का रूप लेता रहा।

इसी महज़ चार फुट ज़मीन के लिए दीवानी न्यायालय में वाद भी दायर है और चार अप्रैल को सुनवाई भी होनी थी। इस दरमियान पशुशाला की जमीन पर बड़े भाई मेवालाल चौरसिया को प्रधानमंत्री आवास की प्रथम किस्त आई हुई है। जिसके बाद मेवालाल चौरसिया ने बुधवार की शाम यहाँ नींव खोदवाई गई और एक पिलर ढालवा दिया। इसको लेकर दोनों भाइयों के बीच कहासुनी और झगड़ा भी हुआ था। ये झगड़ा कब रंजिश में बदल चूका था और कब भाई के सर पर खून सवार हो गया था किसी को नहीं पता था। रात में खाना खाकर मेवालाल चौरसिया नींव के पास चारपाई लगा कर सो गया। रात में लगभग एक बजे कैलाश चौरसिया फावड़ा लेकर सोते समय पहुंचा और मेवालाल के गर्दन, चेहरे और हाथ पर प्रहार कर दिया। जिससे मेवालाल की मौके पर मौत हो गई।

वारदात को अंजाम देने के बाद छोटा भाई कोतवाली पहुंच गया। और खुद को पुलिस के हवाले करते हुवे उसने वारदात की जानकारी पुलिस को दिया। हत्या की जानकारी मिलते ही कोतवाली पुलिस के हाथ पाँव फुल गए। आनन फानन में पुलिस टीम मौके पर पहुची और मृतक के शव को कब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया। वही पुलिस ने आत्मसमर्पण से इंकार करते हुए मृतक के पुत्र संजय चौरसिया की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की है।

पुलिस के अनुसार, शोर सुनकर परिजन जागे और चीख-पुकार होने लगी। कैलाश चौरसिया फावड़ा लेकर सीधे कोतवाली तरफ भाग गया। कोतवाली में जाकर आत्मसमर्पण कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पंचनामा बनाकर रात्रि में ही पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक मेवा लाल चौरसिया के तीन पुत्र संजय, अजय, विजय हैं। पत्नी का नाम भानमती चौरसिया है।

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