तलाशती रह गई यूपी पुलिस प्रदीप सिंह कबूतरा ने किया अदालत में सरेंडर

संजय ठाकुर

आजमगढ़। लखनऊ में हुई अजीत सिंह हत्याकाण्ड में वांछित चल रहा कुख्यात बाहुबली प्रदीप सिंह कबुतरा को पुलिस आखिर पकड़ नही पाई। तलाश जारी है के तर्ज पर प्रदीप सिंह कबुतरा शायद पुलिस से एक कदम आगे नहीं बल्कि दो चार मील आगे चला और आखिर पुलिस की आँखों से ओझल होता हुआ अदालत के दहलीज़ पर पहुच गया। कल शनिवार को प्रदीप सिंह कबुतरा ने अदालत में अपने एक पुराने हत्या केस में आत्मसमर्पण कर दिया है। पुलिस एक बार फिर प्रदीप सिंह कबुतरा को गिरफ्तार करने का सपना सजोये ही रह गई और प्रदीप सिंह कबुतरा एक बार फिर पुलिस के सुचना तंत्र से आगे रहते हुवे अदालत में सरेंडर कर गया।

लखनऊ के कठौता चौराहे पर जनवरी माह में हुई अजीत सिंह की हत्या में नामजद प्रदीप सिंह कबूतरा ने कल शनिवार को आजमगढ़ न्यायालय में ट्रांसपोर्टर धनराज हत्याकांड में समर्पण किया है। बताते चले कि वाराणसी के ट्रांसपोर्टर धनराज की 11 मई 2013 को तरवां थाना क्षेत्र में हत्या कर दी गई थी। इसमें माफिया अखंड प्रताप सिंह के साथ प्रदीप सिंह कबूतरा भी नामजद था। इस मामले में उसे जमानत मिल गई थी। तभी से वह बाहर था। इस दरमियान अजीत सिंह हत्याकाण्ड हुआ। सर्वेश सिंह सिपु हत्याकाण्ड का मुख्य गवाह अजीत सिंह की लखनऊ में सरेराह गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इसमें कुंटू सिंह उर्फ़ ध्रुव कुमार सिंह, अखंड प्रताप सिंह और गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ़ गिरधारी उर्फ़ डाक्टर नामजद किए गए थे। गिरधारी को दिल्ली पुलिस ने 9एमएम पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया था। रिमांड पर पुलिस उसको लखनऊ लेकर आई थी। इस दौरान गिरधारी एक पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था।

इस हत्या कांड की विवेचना में प्रदीप सिंह कबूतरा का भी नाम शामिल किया गया। तभी से वह अंडर ग्राउंड हो गया था और दीवानी न्यायालय के कोर्ट नंबर एक में चल रहे धनराज हत्याकांड के मुकदमे में पेशी पर नहीं आ रहा था। इस पर कोर्ट ने प्रदीप सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए जमानतदारों को भी नोटिस जारी कर दिया था। दबाव बढ़ने पर प्रदीप पुलिस को चकमा देते हुए शनिवार को न्यायालय पहुंच गया और अपने अधिवक्ता के माध्यम से समर्पण कर दिया।

तरवां थाना क्षेत्र के कबूतरा गांव का प्रदीप सिंह जरायम जगत में जाना-पहचाना नाम है। कबूतरा गांव का होने के कारण उसे जरायम जगत में मूल नाम से ज्यादा कबूतरा के रूप में जाना जाने लगा। बताया जाता है कि प्रदीप सिंह कबुतरा राजनैतिक पहुच भी रखता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नितेश सिंह बबलू हत्याकाण्ड में इससे भी पूछताछ हुई थी. प्रदीप सिंह के खिलाफ पुलिस को इस मामले में कुछ नही मिल पाया था. वही पुलिस गिरधारी लोहार की ही तलाश में लगी रही. इस दरमियान गिरधारी पुलिस पकड़ से दूर था. कई बार गिरधारी के सरेंडर करने की जानकारी पुलिस के हाथ लगी थी मगर गिरधारी ने सरेंडर नही किया था. इस दरमियान गिरधारी का नाम अजीत सिंह हत्या कांड में सामने आया था.

अजीत सिंह हत्याकाण्ड में अभी भी फरार है ये

अजीत सिंह हत्याकाण्ड में अब पूर्व सांसद धनजंय सिंह, एक शूटर, मददगार विपुल सिंह और कुणाल फरार है। प्रदीप को अब पुलिस वारन्ट बी पर लेकर लखनऊ आयेगी। पुलिस का दावा है कि प्रदीप से पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आयेगी। कई और नाम सामने आ सकते हैं। अभी तक पकड़े गये शूटरों ने जो बताया, उसके आधार पर ही पुलिस ने प्रदीप की भूमिका तय की है। पर, अब उससे रूबरू होकर पूछताछ होगी तो इस हत्याकाण्ड की कई और कड़ियां सामने आ सकती है।

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