आम जनता के दिलो पर राज करते है वाराणसी पुलिस कमिश्नर आईपीएस ए0 सतीश गणेश

तारिक आज़मी

वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए0 सतीश गणेश सिर्फ पुलिस कर्मियों के ही नहीं बल्कि आम जनता के दिलो पर राज करने के लिए मशहूर है। एक माध्यम वर्गीय परिवार में मध्य प्रदेश के जबलपुर में 20 नवम्बर 1969 को जन्म लेने वाले ए सतीश गणेश की प्रारंभिक शिक्षा जबलपुर में हुई। बचपन से ही मेधावी छात्र के तौर पर मशहूर ए सतीश गणेश इंदौर विश्वविद्यालय से वर्ष 1991 में बैचलर आफ इंजीनियरिंग की उपाधि धारण करने के उपरांत सिविल सर्विसेज़ की तैयारी किया और वर्ष 1996 के बैच के आईपीएस बने।

ए0 सतीश गणेश की गिनती उत्तर प्रदेश के तेज़तर्रार, इमानदार, बेदाग छवि वाले, कर्मठ और समय के पाबंद आईपीएस के तौर पर होती है। जगत से अटूट प्रेम करने वाले ए सतीश गणेश सायबर क्राइम के मास्टर आईपीएस में गिने जाते है। एक बेहतरीन सॉफ्टवेयर इंजिनियर के साथ साथ हार्डवेयर की भी अच्छी जानकारी रखते है। मैथ्स शुरू से ही ए सतीश गणेश के पसंदीदा सब्जेक्ट्स रहे है।

रूचि की अगर बात करे तो ए सतीश गणेश रजनीकांत के फैन है और एक बेहतरीन गायक भी है। काम के साथ साथ ए सतीश गणेश परिवार को भी उचित समय प्रदान करते है। अपने बेटे के साथ खेलना, परिवार के साथ समय बिताना उनकी आदत है मगर इस आदत से कभी भी कार्य सरकारी में कोई बाधा उत्पन्न नही हुई। ए सतीश गणेश के करीबी जानकार उनको एक बेहतरीन टाइम मैनेजर भी कहते है। वक्त की पाबन्दी उनको हमेशा भीड़ से अलग एक पहचान देती है।

आईपीएस ए सतीश गणेश अक्सर लेट लतीफी और अन्य शिकायतों की जाँच करने खुद पहुच जाते है। ऐसी ही एक शिकायत उन्हें आगरा पोस्टिंग के दौरान वर्ष 2019 को मिली थी तो खुद एक शिकायतकर्ता बनकर शिकायत दर्ज करवाने थाना हाईवे पहुच गए थे। उस समय थाना हाइवे प्रभारी रामपाल सिंह भाटी थे। आईपीएस ए सतीश गणेश ने खुद की पहचान छिपाने के लिए एक आम नागरिको जैसे कपडे पहनकर पैदल ही थाने गए थे और खुद की शिकायत दर्ज करवाने की अर्जी दिया। इस दरमियान कोई भी पुलिसकर्मी उनको पहचान नही पाया था। मगर वहा की व्यवस्थाओं और थाना प्रभारी रामपाल सिंह भाटी के कार्यो से वह खुश हुवे और उनके जनता के प्रति व्यवहार पर उन्होंने प्रसन्न होकर 5 हज़ार रूपये नगद इनाम दिया था।

ये घटना पुरे जनपद के हर एक पुलिस कर्मी के दिली में जगह कर गई। हर एक शिकायतकर्ता को तरजीह दिया जाने लगा। लोगो के आने पर पुलिस कर्मियों ने उन्हें पानी वगैरह पूछना शुरू कर दिया था। पुलिस कर्मियों के दिमाग में एक बात बैठ गई थी कि न जाने कब किस भेष में “साहब” खुद आ जाये। इससे सबसे अधिक भला आम जनता का हुआ। बतौर आईजी आगरा उनके कार्यप्रणाली से खुश होकर एक शख्स ने 10 अगस्त 2019 को उन्हें बतौर इनाम 500 रूपये का चेक दिया था।

शिक्षा के प्रति उनके लगाव को ये तस्वीर खासा ज़ाहिर कर देगी। ये तस्वीर 2 सितम्बर 2019 की है जब तत्कालीन आईजी आगरा आईपीएस ए सतीश गणेश अचानक पुलिस लाइन स्कूल में पहुच गये। एक फ्री क्लास में उन्होंने बच्चो को फिजिक्स समझाई और अल्टरनेटिव करेंट सिस्टम को विस्तार से समझाया। एक प्रशिक्षित शिक्षक के तरीके से उन्होंने बच्चो को एक एक शब्द और एक एक बिन्दुओ को समझाया। इस दरमियान एक अन्य कक्षा में उन्होंने बच्चो को मैथ्स भी पढाया था। उस समय आगरा के अखबारों ने इस फोटो को सुर्खिया दिया था।

आईपीएस ए सतीश गणेश शिक्षा से एक अटूट लगाव रखते है। ज़मीनी स्तर से जुड़े आईपीएस अधिकारी के तौर पर मशहूर ए सतीश गणेश खुद अपने मतहतो के साथ सड़क चौराहों पर पैदल गश्त करते दिखाई दे सकते है। परिवार में शिक्षा का वातावरण बनाये रखने वाले ए सतीश गणेश के पुत्र आर्यन भरद्वाज ने वर्ष 2019 में आल इण्डिया टॉप 10 रैंक हासिल करते हुवे आईएससी बोर्ड से 97।75 फीसद अंको सहित परीक्षा पास किया था और वर्त्तमान में दिल्ली के एक सुविख्यात शिक्षण संस्था में वित्त स्नातक की पढाई कर रहे है।

वाराणसी जनपद आईपीएस ए सतीश गणेश के लिए कोई नया नही है। इससे पहले वर्ष 2012 में ए सतीश गणेश वाराणसी में डीआईजी रेंज के पद पर तैनात रह चुके हैं। उस दरमियान भी वह आम जनता के चहेते अधिकारी बने थे।

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