वाराणसी – महज़ 12 घंटे के अन्दर ही कार मालिक की हत्या कर कार लूट की घटना का सफल खुलासा, पैसो का भूखा भेडिया बना दोस्त ही निकला दोस्ती का कातिल, दो गिरफ्तार

तारिक़ आज़मी

वाराणसी। दोस्ती के खातिर लोग जान कुर्बान कर देते है। मगर इस संसार में कुछ ऐसे भी लोग है जिनके लिए पैसा भगवान से भी बड़ा हो चूका है। वो पैसे के खातिर किसी भी हद तक गिर सकते है। इंसान क्या इन्सानियत का भी कत्ल कर सकते है। कुछ ऐसा ही हुआ था शिवपुर थाना क्षेत्र के छतेरीपुर, पटेल नगर कॉलोनी निवासी विकास भवन में बड़े बाबू के पद से रिटायर ओमप्रकाश शर्मा के इकलौते पुत्र मनीष कुमार शर्मा (44) के साथ। इमानदारी से खुद की कार चला कर भाडा ढोकर परिवार का खर्च चलाने वाला मनीष अपने लालची और पैसे की चाहत में दरिन्दे बन चुके अपने दोस्त की दरिंदगी का शिकार हो गया था।

मनीष की लाश आज शनिवार की सुबह गणेशपुर रेलवे क्रासिंग के पास आम के बगीचे में मिली थी। मनीष के शरीर पर चोट के निशान देख कर अहसास हो गया था कि मनीष की हत्या गला दबा कर किया गया है। मौके से पुलिस को उसकी इंडिगो कार भी नही मिली थी जिसको लेकर वह भाड़ा लेकर जाने की बात कहकर घर से निकला था। परिजनों ने बताया था कि मनीष के मोबाइल पर शुक्रवार को एक काल आई थी जिस पर लिखा था विजय आटा चक्की वाले। मनीष इस नम्बर पर बात करके भाडा लेकर हरहुआ जाने की बात कहकर एक घंटे में वापस आने को बोल कर निकल गया था। पत्नी संगीता शर्मा की रात 8 बजे और रात 11 बजे मनीष से मोबाइल पर बात हुई। एक घंटे में आने की बात कहते हुए मनीष ने फोन काट दिया था। रात काफी होने पर मनीष की कोई खबर नहीं मिली। दोबारा फोन मिलाने पर मोबाइल बंद मिला। इस पर रात में परिजन मनीष की खोजबीन में लग गए।

रात भर होने अन्होने के शंका में मनीष की पत्नी संगीता और पिता ओमप्रकाश बाबु मनीष की तलाश करते रहे। सुबह होने पर गणेशपुर गाव के लोगो ने झाडी में लाश देखा तो इस्पेक्टर शिवपुर को इसकी सुचना दिया। सुचना पर अपने दल बल के साथ पहुचे इस्पेक्टर राजीव रंजन ने छानबीन किया तो शव की शिनाख्त मनीष के रूप में हुई। शव की जानकारी परिजनों को होने के बाद घर में कोहराम मच गया। महज़ 14 और 16 वर्ष के बेटे और बहु के साथ ओमप्रकाश बाबू मौके पर पहुचे। वुजुर्ग हो चुके ओमप्रकाश शर्मा अपने जवान बेटे की लाश देख कर सुध बुद्ध खो बैठे। इस्पेक्टर राजीव रंजन ने मामले में जानकारी इकठ्ठा करना शुरू किया और मनीष के एक दोस्त से पूछताछ शुरू किया।

पूछताछ में शंका होने पर इस्पेक्टर राजीव रंजन ने उसको थाने पर बैठा कर लाश को पोस्टमार्टम में भेज कर खुद तफ्तीश में जुट गए। इलेक्ट्रानिक सर्विसलांस और अन्य साक्ष्यो को इकठ्ठा करते हुवे राजीव रंजन की टीम आखिर महज़ 12 घंटे के अन्दर ही मामले का सफल खुलास आकार बैठी। देर रात 9:15 बजे एसीपी कैंट अभिमन्यु मांगलिक ने मीडिया के सामने दोनों हत्यारोपियो को प्रस्तुत किया। गिरफ्तार लल्लापुरा निवास विजय विश्वकर्मा मनीष का दोस्त है और दूसरा रोहित केवट एक गाडी मिस्त्री है तथा वह विजय का दोस्त है जो बिहार का रहने वाला है।

पुलिस पूछताछ में मनीष के कातिल बने उसके दोस्त विजय ने बताया कि हम दोनों ने मिलकर मनीष की हत्या का प्लान बनाया था। हत्या का मुख्य उद्देश्य उसकी कार लूटना था। कार को हम लोग कटवा कर पैसे आपस में बाट लेते। इसी क्रम में हमने मनीष को भाड़े की बात कहकर बुलवाया और फिर हम लोगो ने शराब पिया। रास्ते में सुसु करने की बात कहकर गाडी रुकवाई और फिर पीछे से गमछे से उसकी गर्दन कसकर हत्या कर डाला। शव को झाडी में फेक कर हम कार लेकर फरार हो गए।

वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने महज़ 12 घंटे के अन्दर मामले का खुलासा करने का रिकार्ड कायम करने वाली राजीव रंजन की टीम को दस हज़ार के नगद इनाम की घोषणा किया है। गिरफ़्तारी करने वाली टीम में इस्पेक्टर शिवपुर राजीव रंजन और इस्पेक्टर क्राइम नरेन्द्र मिश्रा के साथ एसएसआई राम नरेश यादव, एसआई अम्बरीश राय, राहुल कुमार यादव, ब्रिजेश कुमार मिश्रा, का0 सिकंदर और विनोद कुमार शामिल थे।

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