एक नही बल्कि दो जाने बचा कर साबित किया दुर्गाकुंड चौकी इंचार्ज प्रकाश सिंह ने कि वह सिर्फ क्राइम कण्ट्रोल में ही नही बल्कि समाज सेवा में भी है नंबर -1

तारिक आज़मी

वाराणसी। वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए0सतिश गणेश ने अपने टीम को सिर्फ क्राइम कंट्रोल ही नहीं बल्कि आम इंसानों के मदद में आगे रहने की भी सिखा दिया है। आज वाराणसी पुलिस जहा क्राइम कण्ट्रोल कर रही है वही समाज में आम इंसानों के मदद को भी आगे आ रही है। इससे समाज में पुलिस की छवि हीरो जैसी होती जा रही है। इसी कड़ी में भेलूपुर थाना क्षेत्र के दुर्गाकुंड चौकी इंचार्ज प्रकाश सिंह न सिर्फ क्राइम कण्ट्रोल में बल्कि समाज सेवा में भी नम्बर -1 जैसी स्थिति में दिखाई दे रहे है। आज उन्होंने एक नहीं बल्कि दो जाने अपने प्रयास से बचाया है।

ब्लड की व्यवस्था करवा कर बचाई इस मासूम किशोर की जान

महज़ 13 साल का नवीन एक मुजी मर्ज़ में मुब्तेला हो गया है। नवीन के माता पिता उसका इलाज अर्दली बाज़ार के निकट एक निजी चिकित्सालय में करवा रहे है। नवीन का ब्लड ग्रुप ओ निगेटिव है जो रियर ब्लड ग्रुप में आता है। नवीन को एक यूनिट ब्लड की ज़रूरत थी और कही किसी भी ब्लड बैंक में ओ निगेटिव बल्ड नही था। नवीन के माँ और पिता जी हर संभव प्रयास कर चुके थे। आखिर उन्होंने एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल किया। पोस्ट व्हाट्सएप पर आने के बाद व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के वीर लोगो ने सिर्फ इसको वायरल करने का काम किया और कुछ आगे नही किया।

इसी कड़ी में ये पोस्ट हमारे पास घूमफिर कर आ गई। हमने अपने कॉन्टेक्ट्स में प्रयास किया मगर कोई भी ओ निगेटिव ब्लड ग्रुप का नही मिला। थक हार कर मैंने खुद दुर्गाकुंड चौकी इंचार्ज प्रकाश सिंह से इस हेतु बात किया कि यदि कोई परिचित का ओ निगेटिव ब्लड ग्रुप का हो तो नवीन के माता पिता से संपर्क करे। दुर्गाकुंड चौकी इंचार्ज प्रकाश सिंह ने नवीन के माता पिता से संपर्क किया और स्थिति जानना चाहां तो नवीन की माँ फोन पर फुट फुट कर रोने लगी। वह अपने बेटे की जान बचा लेने की दुहाई दे रही थी। कड़क वर्दी में नरमदिल इंसान प्रकाश सिंह ने वायदा किया कि माता जी आप परेशान न हो आज ब्लड आपके बेटे को ज़रूर मिलेगा।

इसके बाद प्रकाश सिंह ने अपने बचपन के मित्र जो वर्त्तमान में आजमगढ़ जनपद में कारोबार करते है से संपर्क किया जिनका ब्लड ग्रुप ओ निगेटिव है। संपर्क स्थापित होने के बाद उनके मित्र अपने काम को छोड़ कर अपने वाहन से वाराणसी आये और आईएम्ए में जाकर नवीन के लिए ब्लड डोनेट किया। नवीन को आज शाम ब्लड चढ़ गया और उसकी जान बच गई। ब्लड चढ़ने के बाद नवीन के माता पिता दोनों ही खुद चलकर देर रात दुर्गाकुंड चौकी पहुचे और प्रकाश सिंह का धन्यवाद् ज्ञापन किया। नवीन की माँ ने नम आँखों से कहा कि आपका अहसान हम ज़िन्दगी भर नही उतार सकते है। आप फ़रिश्ते की तरह है जिन्होंने मेरे बेटे की जान बचा लिया। प्रकाश सिंह ने नवीन के लिए अन्य कोई सहायता की आवश्यकता होने पर सम्पर्क करने और सभी प्रकार की सहायता उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया।

पत्रकार के भांजे की दवाओं के लिए किया आर्थिक मदद

वाराणसी के एक डिजिटल मीडिया के पत्रकार राहुल सिंह के भांजे और सेटलाइट चैनल की महिला पत्रकार रंजना सिंह के बेटे का पिछले महीने कैंट पर एक एक्सीडेंट हो गया था। एक्सीडेंट में रंजना सिंह के बेटे को गंभीर चोट आई थी और उसका इलाज ट्रामा सेंटर में चल रहा है। आज रंजना सिंह के बेटे को दवाओं और दो यूनिट ब्लड की अति आवश्यकता आन पड़ी। इस बात की जानकारी बीएचयु छात्र और समाजसेवक शिवम् झा ने दुर्गाकुंड चौकी इंचार्ज प्रकाश सिंह को दिया।

जानकारी होने पर प्रकाश सिंह ने अपने खुद के परिचितों से आग्रह करके बी-पॉजिटिव ब्लड का इंतज़ाम करवाने के साथ ब्लड बैंक में लगने वाली फीस सहित दवाओं दवाओं को दिलवाया। महँगी दवाओं के कारण परिवार दवाओं को खरीदने में असमर्थ था। पांच हज़ार रुपयों के दवाओं को दिलवाने के साथ ही लंका स्थित एक मेडिकल स्टोर कीपर को आवश्यकता पड़ने पर दवाओं को देने हेतु कह दिया गया है। साथ ही मेडिकल स्टोर वाले से स्पष्ट रूप से कहा गया कि जो दवाओं की आवश्यकता हो वह आप उपलब्ध करवाए और उसके पैसे मुझसे प्राप्त कर ले।

चौकी इंचार्ज प्रकाश सिंह द्वारा मदद मिलने से राहुल सिंह के आँखों में आंसू थे, उन्होंने कहा कि हम पत्रकारों के निशाने पर हमेशा खाकी रही है। मगर इस आपदा काल में वाराणसी पुलिस ने साबित कर दिया कि वह वाकई मित्र पुलिस है। आज जो मदद चौकी इंचार्ज दुर्गाकुंड प्रकाश सिंह ने किया है उसका अहसान कभी नही चुकाया जा सकता है। राहुल सिंह ने कहा कि देवदूत शब्द के बारे में सुना और पढ़ा है, मगर आज मेरे लिए प्रकाश सिंह देवदूत की तरह सामने आये है।

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