महिला का कथित वीडियो बनाने का प्रकरण : क्षेत्र में चल रही अफवाह है गलत, कोई अमानवीय कृत्य नही किया पुलिस ने, देख ले वीडियो

ए जावेद/शाहीन बनारसी

वाराणसी। वाराणसी के लक्सा थाना क्षेत्र में स्थित सूरजकुंड के निकट धोबियाना गली में एक युवक द्वारा महिला का कथित वीडियो बनाने के प्रकरण में आरोपी को अदालत ने उसी दिन ज़मानत दे दिया था। इस मामले में कतिपय समाज के दुश्मनों ने ओमकारलेश्वर से लेकर नई सड़क पर पुलिस को अमानवीय बताते हुवे अफवाह फैला रखा है। वैसे तो इस अफवाह को फैलाने वाले खुद समाज के दुश्मन है, मगर फिर भी पुलिस की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे है।

घटना के समय और बाद में कतिपय लोगो के द्वारा शहर में अफवाह फैलाई गई कि आरोपी को पुलिस सिर्फ चड्ढी में नंगा करके मारते हुवे थाने तक लेकर गई। बताते चले कि आरोपी भी एक सियासी दल से ताल्लुक रखता है तो इस अफवाह को राजनैतिक प्रेरित लोग मान रहे थे। इसकी चर्चा जोरो पर आसपास के इलाको में होने लगी थी। कुछ लोग जहा इस मामले में तफरी ऐसे उड़ा रहे थे जैसे उनके हाथो कोई जोक का पिटारा मिल गया हो। तो कुछ लोग उनका समर्थन करके अफवाह को बल दे रहे थे। सब मिलाकर समाज के दुश्मनों ने समाज में पुलिस की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर डाला है।

हमारे कानो ने भी इस अफवाह को सुना। हम भी इस मामले की तफ्तीश में लगे तो मामला कोरी अफवाह निकला। हम आपको इस खबर के साथ जो फोटो दिखा रहे है, वह फोटो आरोपी को मौके से पुलिस द्वारा पकड कर ले जाने के समय का है। साथ ही एक जगह से हमको सीसीटीवी फुटेज भी मिली जो इस बात को साबित करती है कि शिकायत पर पुलिस ने अपना कार्य पूरी ईमानदारी से और मानवीय मूल्यों और नियम कानून के तहत किया। ये मारपीट, नंगा करना जैसी बाते कोरी अफवाह ही साबित हो गई है। पुलिस को बदनाम करने की समाज के दुश्मनों की कोशिश को नाकाम करती इस सीसीटीवी फुटेज को आप देख सकते है कि पुलिस इंसानियत का परिचय देते हुवे आरोपी को कैसे लेकर जा रही है।

सफ़ेद कुर्ते पायजामे में आरोपी को पुलिस वाले जिस रास्ते से लेकर गए है उस रास्ते का एक सीसीटीवी फुटेज हमारे हाथ लगा है। जो इस बात को साबित करता है कि प्रकरण में कतिपय लोगो द्वारा केवल और केवल झूठ फैलाया जा रहा है। इस सम्बन्ध में चल रही चर्चाओं पर हमने आरोपी महताब से भी बात किया तो उसने बताया कि “मुझपर जो आरोप लगे है वह अदालत में है। मुझे इस सम्बन्ध में कुछ नही कहना है। अदालत पर हमको पूरा भरोसा है। मैं गुनाहगार हु अगर तो अदालत उसका फैसला सुनायेगी, और उसके पहले रब की अदालत से मुझे सज़ा मिल जाएगी। मगर जो लोग पुलिस पर आरोप लगा रहे है वह कोरा झूठा आरोप है। पूछताछ के वक्त लहजा सख्त होना लाज़िम है। मगर अन्य किसी प्रकार की कोई अभद्रता मेरे साथ नही हुई है। ये सिर्फ लोग अफवाह फैला रहे है।”

वही पीडिता के पक्ष से थाने पर घटना के दिन मौजूद युवको ने और पीडिता के पति ने भी उसी दिन किसी भी प्रकार की मारपीट और अभद्रता से साफ़ साफ़ इन्कार किया था। अब जब न पीडिता के तरफ से कोई ऐसी बात सामने आई और न ही आरोपी के तरफ से कोई बात सामने आई तो फिर आखिर ये समाज का दुश्मन कौन है जो अफवाह फैला कर पुलिस की छवि को धूमिल कर रहा है, ये बड़ा सवाल है।

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