बुलंदशहर के निलंबित इस्पेक्टर अजय यादव पर 24 घंटे के अन्दर शुरू हुई जाँच, अलीगढ के कारोबारों को तालानगरी से अपहरण करके असलहे के बल पर किया था पिटाई

तारिक़ खान/ शाहीन बनारसी

अलीगढ। गोरखपुर की घटना के चतुर्दिक निंदा के बाद भी उत्तर प्रदेश पुलिस के कुछ कर्मी ऐसे है जो पुरे महकमे को बदनाम करने की ठान चुके है। ऐसे ही एक इस्पेक्टर साहब है अजय यादव। उनके लिए “न खाता, न बही, जो वो कह दे बस वही सही” का फार्मूला काम करता है। बुलंदशहर पुलिस के इंस्पेक्टर अजय यादव ने बृहस्पतिवार रात गोरखपुर जैसी करतूत को अंजाम देने का प्रयास किया। रुपयों के लेनदेन के एक मुकदमे में वादी से सांठगांठ कर इंस्पेक्टर बिना किसी को सूचना दिए वादी संग तालानागरी आकर यहाँ के एक व्यवसायी को अगवा कर लिया।

इस दौरान फैक्टरी के बाहर मारपीट की गई और मुंह में रिवाल्वर तानकर धमकाया गया। वह तो व्यवसायी परिवार ने अपनी पहुंच के दम पर बुलंदशहर व अलीगढ़ एसएसपी को सच्चाई बताई, तो कई घंटे बाद खुद को घिरता देख इंस्पेक्टर व्यवसायी को थाना हरदुआगंज पर छोड़ गया। जांच में साफ हुआ कि बुलंदशहर कोतवाली के अपर निरीक्षक ने यह घटना बुलंदशहर में बिना रवानगी और हरदुआगंज में बिना आमद के गलत नीयत से किया है। इसके आधार पर इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है और हरदुआगंज में इंस्पेक्टर सहित तीन नामजद पर अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया है।

घटना के सम्बन्ध में मिली जानकारी के अनुसार तालानगरी सेक्टर-1 स्थित नेहा फूड फैक्टरी के स्वामी अभिषेक तिवारी है। उनके अनुसार यह वाकया बृहस्पतिवार रात करीब आठ बजे का है। एक स्कार्पियो फैक्टरी के बाहर आकर रुकी, जिसमें से आठ-दस लोग उतरे और उसे बाहर बुलाकर मारपीट करने लगे। इस बीच राजीव शर्मा नाम के व्यक्ति ने उन पर रिवाल्वर तान दी और अमित अरोरा नामक के व्यक्ति ने गुप्तांगों पर लात मारते हुए जबरन स्कार्पियो में डाल दिया। इस दौरान स्थानीय लोगों ने चौकी प्रभारी को सूचना दी तो चौकी प्रभारी ने सड़क पर बाइक लगाकर स्कार्पियो सवारों को रोकने का प्रयास किया। इस पर स्कार्पियो में मौजूद अजय कुमार नामक व्यक्ति ने खुद को बुलंदशहर कोतवाली का इंस्पेक्टर बताते हुए इसे पुलिस दबिश बताकर चौकी प्रभारी को हटा दिया और अभिषेक को अगवा कर बुलंदशहर की ओर ले गए। आरोप है कि रास्ते में सभी लोगों ने बुरी तरह से मारपीट की और परिवारीजनों को जान से मारने की धमकी दी।

इसी बीच जानकारी मिलने पर परिवार हरकत में आया। चूंकि चौकी प्रभारी ने बताया कि बुलंदशहर पुलिस उन्हें लेकर गई है तो परिवार ने प्रकरण आईजी मेरठ जोन, एसएसपी बुलंदशहर, एसएसपी अलीगढ़ के संज्ञान में लाया। आनन-फानन जानकारी की गई तो पता चला कि बुलंदशहर कोतवाली से कोई पुलिस अलीगढ़ दबिश के लिए नहीं गई है। इस पर अजय कुमार नाम के इंस्पेक्टर की खोज शुरू हुई। मामले में अलीगढ़ व बुलंदशहर के अधिकारियों के सक्रिय होने पर फोन बजने शुरू हुवे तो स्कार्पियो में मौजूद इंस्पेक्टर तक यह बात पहुंची। उसने खुद को फंसता देख स्कार्पियो वापस हरदुआगंज थाने लाकर रोकी और अगवा किए गए व्यवसायी को छोड़कर सभी आरोपी चले गए।

इसके बाद रात करीब ढाई बजे पीड़ित ने हरदुआगंज पुलिस को चार नामजदों समेत अज्ञात के विरुद्घ तहरीर दे दी, जिसमें शुक्रवार को अजय कुमार, राजीव शर्मा, अमित अरोरा पर नामजद व अन्य अज्ञात पर अपहरण आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वही शुक्रवार सुबह एसएसपी बुलंदशहर ने आरोपी इंस्पेक्टर को सस्पेंड करते हुए उनके विरुद्घ विभागीय जांच बैठा दी है। इसके बाद थाने के मुंशी ने बड़ा कमाल कर डाला। बिना रवानगी दर्ज कराए बुलंदशहर से अलीगढ़ आए इंस्पेक्टर ने मामला बिगड़ता देखा तो रात करीब 12 बजे व्यवसायी को वापस लाकर हरदुआगंज थाने के बाहर छोड़ दिया। जिसके बाद हरदुआगंज थाने पर तैनात मुंशी से सांठगांठ कर अपनी आमद दर्ज करा दी। इस दौरान थाने से लैपर्ड के दो सिपाहियों की अभिषेक तिवारी के कारखाने तक साथ जाने की रवानगी भी लिखवा दी। ऐसे में व्यवसायी की ओर से मुकदमा दर्ज होने पर हरदुआगंज के मुंशी पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। अब इस मामले में देखने वाली बात ये होगी कि तीन तारो की चमक के आगे एक मुंशी की जाँच टीम कितनी सुनती है। गलत तो मुंशी ने किया ही।

घटना के बाद एसएसपी ने जारी किया निर्देश

एसएसपी कलानिधि नैथानी के स्तर से जिले के समस्त थाना प्रभारी/चौकी प्रभारी को विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा है कि जब भी गैर प्रांत/गैर जनपद से कोई पुलिस टीम गिरफ्तारी/दबिश/कुर्की व अन्य कार्रवाई के लिए किसी थाना क्षेत्र में आती है तो थाना प्रभारी/चौकी प्रभारी/हल्का प्रभारी द्वारा आने वाली पुलिस का पूरा विवरण व उद्देश्य दर्ज किया जाएगा। साथ में एएसपी या सीओ को जानकारी देंगे। सीओ इस तरह की किसी भी टीम से बात जरूर करेंगे और सीआरपीसी के प्रावधानों में कार्रवाई करेंगे।

इस प्रकरण में शुक्रवार सुबह पीड़ित व्यवसायी एसएसपी से मिले, उन्हें पूरा वाकया बताया। एसएसपी ने मामले में जांच कराई तो पाया कि व्यवसायी के खिलाफ कोतवाली बुलंदशहर में रुपयों के लेनदेन संबंधी एक मुकदमा पिछले दिनों दर्ज हुआ है। उस मुकदमे का न तो कोई नोटिस व्यवसायी को मिला और न जानकारी। चूंकि मुकदमा सीधे गिरफ्तारी का नहीं है। इसलिए उसी मुकदमे के वादी से सांठगांठ कर कोतवाली बुलंदशहर का अपर निरीक्षक अजय कुमार वहां से बिना किसी को सूचना दिए या बिना रवानगी के वादी व उसके सहयोगियों संग उसी की स्कार्पियो में यहां आया। यहां भी हरदुआगंज पुलिस को बिना सूचना दिए व्यवसायी को साथ ले गया। इस तरह कोतवाल की नीयत व तरीके पर सवाल खड़े हुए हैं।

एसएसपी कलानिधि नैथानी ने कहा है कि तालानगरी के व्यापारी को हमारे यहां नियमानुसार आमद के बिना गलत तरीके से ले जाने, खुद का परिचय गलत बताकर कार्रवाई करने का मामला है। व्यवसायी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। बुलंदशहर के अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है। वहां से इंस्पेक्टर के निलंबन की सूचना मिली है।

शुरू हुई 24 घंटे से पहले ही जाँच

बुलंदशहर कोतवाली के निलंबित इंस्पेक्टर के विरुद्ध बैठायी गई जांच 24 घंटें से पहले ही शुरू हो चुकी है। इंस्पेक्टर पर अलीगढ़ में बगैर अनुमति के आकर उद्यमी का अपहरण कर मारपीट का आरोप है। मामले में उनके विरुद्ध हरदुआगंज थाने में अपहरण समेत अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही मेरठ आईजी के हस्तक्षेप के बाद निलंबित तक कर दिया गया है। अलीगढ़ पुलिस ने मामले में जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया है। जांच शनिवार सुबह से शुरू कर दी गई है।

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