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सुप्रीम कोर्ट का रुख हुआ लखीमपुर खीरी कांड पर सख्त, दिया प्रदेश सरकार को आवश्यक निर्देश, पढ़े क्या हुआ आज अदालत में

ए जावेद संग अनुराग पाण्डेय

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानो के साथ हुई घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अख्रियार कर लिया है. स्वतः संज्ञान लेकर मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने जमकर उत्तर प्रदेश सरकार को खरी खरी सुनाया है. जिले में रविवार को हुई हिंसा का सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान उत्तर प्रदेश के दो वकीलों द्वारा सीजेआई एनवी रमन को लिखे गए पत्र और उसमे सीबीआई जांच के निर्देश हेतु निवेदन पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले को जनहित याचिका के तहत रजिस्टर करने को कहा गया था, लेकिन कुछ गलतफहमी की वजह से इसे स्वतः संज्ञान में डाल दिया गया.

सुनवाई के दरमियान चीफ जस्टिस ने अमृत पाल सिंह ने खालसा का लिखा एक मैसेज पढ़ा. मैसेज में बताया गया था कि लवप्रीत की मौत के बाद उनकी मां गम्भीर हालत में है. कोर्ट ने कहा कि उन्हें तुरंत नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया जाए, उचित चिकित्सा की सारी सुविधा उपलब्ध कराई जाए. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को कहा. कोर्ट ने कहा कि  सरकार रिपोर्ट में साफ-साफ उल्लेख करे कि कितने लोगों को आरोपी बनाया गया है और अभी तक कितने लोगों की गिरफ्तारी हुई है.

क्या हुआ अदालत में

  • सीजेआई – इस पत्र को दो वकीलों ने संबोधित किया है. हमने इसको जनहित याचिका में दर्ज करने का निर्देश दिया था लेकिन गलत संचार के कारण यह स्वतः संज्ञान में आ गया है.
  • इस याचिका में एडवोकेट त्रिपाठी ने अपनी बहस में कहा कि यूपी सरकार ने इस लोकतान्त्रिक व्यवस्था में आवश्यक कदम नही उठाये है. मुख्य मुद्दा मानवाधिकार के उलंघन का है. किसान के माँ की हालत गंभीर है. गृह मंत्रालय और राज्य को घटना की जाँच के निर्देश दे रहे अहि. किसान पीड़ित है और सरकार से डरते है, जिस पर जस्टिस कोहली नेकहा कि प्राथमिकी दर्ज है. एएजी गरिमा प्रसाद ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है.
  • एएजी ने कहा कि दस लोगो की जान चली गई है. एसआईटी और न्यायिक जाँच आयोग का गठन किया गया है. ऍफ़आईआर दर्ज है. इस पर सीजेआई ने कहा कि शिकायत यह है कि आप इसे ठीक से देख नहीं रहे है. आयोग का ब्यौरा क्या है ? एएजी ने अदालत को जानकारी देते हुवे कहा कि इसका नेतृत्व हाई कोर्ट के एक सेवानिवृत जज कर रहे है.
  • जस्टिस कान्त ने सुनवाई के दरमियान सख्त टिप्पणी करते हुवे कहा है कि किसान है और अन्य लोगो की भी हत्या कर दी गई है. हमें यह जानने की ज़रूरत है कि कौन आरोपी है. जिनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. किसे गिरफ्तार किया गया है. इस पर स्थिति रिपोर्ट दर्ज करे.
  • वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसरिया से सीजेआई ने पुचा कि आप किसके लिए पेश हो रहे है. जिसके जवाब में वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसरिया ने कहा कि मैं भृत्य नागरिको के जीवन और स्वतंत्रता के लिए बार के सदस्य के रूप में उपस्थित हु,

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कल शुक्रवार तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. और कहा है कि मामले पर शुक्रवार को ही सुनवाई की जाएगी. मामले में विस्तृत स्तातास रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश भी दिया गया है. अगली लिस्टिंग केस की कल शुक्रवार को है. कल ही सरकार को ये भी बताना होगा कि कितनी गिरफ़्तारी में प्रकरण में हुई है.

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