कायम है थाने, चौकी पर ढोंगी आज़म उर्फ़ निम्बू बाबा का रुतबा, छेड़खानी के गम्भीर आरोपों के बावजूद चौक थाने पर साहब के तरीके से बैठा रहा निम्बू बाबा, कथित पीडिता लगाती रही गुहार, नही हुई सुनवाई

तारिक आज़मी संग ए जावेद

वाराणसी। दालमंडी ही नही बल्कि पुरे देश में अपने भुत भगाने के ढोंग के लिए चर्चित निम्बू बाबा बड़ा रुतबे वाला है ऐसा हमने सुना था। मगर आज अपनी आँखों से उस रुतबे को देखा जब छेड़खानी और मकान पर कब्ज़े के आरोपों में घिरा निम्बू बाबा चौक थाने आता है। दूसरा पक्ष और निम्बू बाबा का एक बेटा तो मुन्शियाने में बैठा था। मगर निम्बू बाबा साहब बहादुर के तरह कुर्सी पर बैठा था। बदन पर महंगे कपडे, हाथो में महँगी घडी। लगाये ढोंगी बाबा का ढोंग इंटरनेट पर ही नही बल्कि थाने पर भी जारी था। आरोप लगाने वाला पक्ष अपनी गुहार लगा रहा था, मगर नेतृत्व विहीन चल रहे चौक थाने पर कोई सुनने वाला नही था। इससे आप खुद अंदाज़ लगा सकते है कि ढोंग का साम्राज्य चलाने वाले निम्बू बाबा का रुतबा कैसे कायम है।

हुआ कुछ इस तरीके से कि दालमंडी के कच्ची सराय का रहने वाला मोहम्मद आज़म उर्फ़ निम्बू बाबा उर्फ़ बाबा जी भुत नाम से मशहूर इस शख्स के पट्टीदारो की एक संपत्ति कच्ची सराय में निर्माणाधीन है। इस संपत्ति पर आज़म उर्फ़ निम्बू बाबा ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया। दुसरे पक्ष की माने तो अदालत ने इसके दावे को ख़ारिज कर दिया और सपत्ति मालिक इसके पट्टीदारो को घोषित कर डाला। इसके बाद भी ये उस संपत्ति पर बहुबल और अपने रुतबे को दिखा कर अक्सर विवाद किया करता है। पीडिता की माने तो वह और उसके लड़के और मित्र उसकी बेटियों को छेड़ने, बोली अवाजा फेकने और बदतमीज़ी करने का कोई मौका नही छोड़ते है। पीडिता के अनुसार आज रात आज़म बाबा अपने बेटो और कुछ अन्य के साथ कच्ची सराय स्थित उक्त भवन पर आये और खुद का सीसीटीवी कैमरा तोड़ कर उसकी बेटियों के साथ बदतमीज़ी और छेड़छाड़ करते हुवे भवन पर कब्ज़े की कोशिश करने लगे। इस दरमियान बात बढ़ी तो निम्बू बाबा ने खुद 112 पर काल कर दिया।

मौके पर चौक पुलिस आती है और पीडिता के परिवार से सम्बन्धित एक युवक को लेकर थाने आ जाती है जबकि निम्बू बाबा को भी थाने आने को कहा जाता है। निम्बू बाबा अपने अन्य लडको के साथ थाने आता है और कुर्सी पर आराम से मस्त होकर बैठा रहता है। पीडिता का आरोप है कि घंटो गुहार लगाने के बाद भी चौक पुलिस ने उनकी एक नही सुनी और बड़ी मिन्नतो के बाद उसकी तहरीर लेकर रख लिया। पीडिता का आरोप है कि इस दरमियान आज़म बाबा उर्फ़ निम्बू बाबा थाने में कुर्सी पर बैठा रहा और उनको देख कर हँसता रहा। पुलिस ने पीडिता के परिवार के एक पुरुष सदस्य को थाने पर बंदी के तरह बैठा लिया साथ ही आज़म बाबा के एक पुत्र को भी बैठा कर शांति भंग में दोनों का चालान कर दिया।

पीडिता का आरोप है कि निम्बू बाबा के रुतबे के आगे उसकी एक नही सुनी गई। पीडिता ने हमको बताया कि निम्बू बाबा के खिलाफ जब वह स्थानीय दालमंडी चौकी इंचार्ज से शिकायत कर रही है तो वह कह रहे है कि कोई पुख्ता साक्ष्य लाओ, वीडियो दिखाओ छेड़खानी का। तब शिकायत सुनी जाएगी। पीड़ित के आरोपों को आधार माने तो फिर शायद दालमंडी चौकी इंचार्ज कहना चाहते होंगे कि यदि महिलाओं एक साथ छेड़खानी अथवा अभद्रता हो तो वह उनके पास आने के पहले घटना का वीडियो बनाये और उसको पुलिस को सौपे ताकि एक सबूत रहे। जबकि शासन स्तर से स्पष्ट आदेश है कि महिलाओं की शिकायत तुरंत सुनी जाए और आवश्यक कार्यवाही किया जाए। इस सम्बन्ध में जब हमने दालमंडी चौकी इंचार्ज से संपर्क किया और उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि निम्बू बाबा ने खुद फोन करके पुलिस को जानकारी दिया और वह शिकायतकर्ता होंगे। हाँ यदि पीडिता का आरोप सही है तो इस सम्बन्ध में वह रिकार्डिंग अथवा वीडियो अथवा सीसीटीवी फुटेज लेकर आये।

शायद दरोगा जी कहना चाहते होंगे कि महिलाओं के विरुद्ध कोई अपराध कारित हो तो वह पहले इस अपराध का वीडियो फुटेज ले अथवा सीसीटीवी की रिकार्डिंग उसके बाद उनको शिकायत करे। अब सरकार क्या कहती है ये सरकार जाने। इलाका तो वैसे भी दरोगा जी को चलाना है। मगर एक बात तो है कि जैसा सुना था कि निम्वु वाले बाबा निकले। सुना था कि रुतबे के कारण उसके ऊपर पुलिस कार्यवाही नही करती है। आज अपनी आँखों से देख लिया। थाने में निम्बू बाबा असल घर के तरीके से बैठा था। कुर्सी पर आराम से एक बड़े साहव के तरह बैठा था और लोग जी हुजूरी कर रहे थे। इसको देख, कही से नही लगा कि इसके खिलाफ शिकायत होने का इसको कोई फर्क पड़ा है,

बहरहाल, दो घंटे से अधिक समय तक चली जी हुजूरी कामयाब नही हो सकी। दूसरा पक्ष अपनी शिकायत लिए थाने पर काफी देर तक खड़ा रहा। मगर कोई उसकी फ़रियाद सुनने वाला नज़र नही आया। दो घंटे बाद निम्बू बाबा कुर्सी से उठता है और सीना ताने निकल कर चला जाता है। ये सब देख कर हम समझ सकते है कि निम्बू बाबा का रुतबा कायम है।

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