कानपुर: MBBS में दाखिले के नाम पर दो और छात्राओं से हुई ठगी, एक महीने में तीसरा कांड आया सामने

आदिल अहमद

कानपुर: कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिले के नाम पर ठगों द्वारा ठगी किये जाने का तीसरा मामला एक माह के अन्दर प्रकाश में आया है। मिली जानकारी के अनुसार ठगी ने दिल्ली के एक प्राइवेट डॉक्टर और बिजनौर के प्राइवेट कंपाउंडर से कुल 35 लाख 50 हजार की ठगी कर ली। दोनों की बेटियों के दाखिले का मामला रहा है। कल सोमवार को फर्जी एडमीशन लेटर और दूसरे कागजात लेकर छात्राएं मेडिकल कॉलेज दाखिला लेने पहुंचीं तो मामला पकड़ में आया।

मामले में मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली के द्वारिका सेक्टर-9 निवासी डॉ0 जसवीर सिंह चौहान की बेटी विनम्रता स्नेहा सिंह अपनी मां मधु चौहान के साथ कॉलेज में एडमीशन लेने पहुंची। वहीं छात्रा शिवानी दास अपने पिता प्राइवेट कंपाउंडर नरेंद्र दास के साथ कालेज आई। वे जब स्टूडेंट्स सेक्शन गईं और कागजात दिखाए तो इस धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। मामले की जानकारी होने पर पर प्रवेश प्रभारी डॉ0 नीलिमा वर्मा ने प्राचार्य को सूचना दी।

इस सुचना पर काउंसलिंग प्रभारी डॉ0 सुमनलता वर्मा और यूजी प्रभारी डॉ0 जलज सक्सेना प्राचार्य के दफ्तर पहुंच गए। कागजात जांचने पर पाया गया कि प्राचार्य और एडमीशन कमेटी प्रभारी के फर्जी दस्तखत और मोहर लगी थी। मिली जानकारी के अनुसार फीस ऑनलाइन या कैश जमा कराई जाती है। ठगों ने 38500 का बैंक ड्राफ्ट जमा कराया और पेटीएम से पैसे जमा कराए। कागजात में मेडिकल कालेज का ई मेल, पिन कोड गलत लिखा है। ठगों ने स्नेहा सिंह से 32 लाख रुपये लिए और शिवानी से 50 हजार रुपये लिए।

ठगों ने स्नेहा सिंह से 15 मार्च को 20 लाख रुपये हैलट के वार्ड 50 के पास लिए थे। डील गाजियाबाद के वैशाली में क्लाउड 9 टावर, 18 फ्लोर, सेक्टर एक के कमरा नंबर 1804 में की गई थी। इस कमरे पर साईं एजूकेशन का बोर्ड लगा था। मधु चौहान ने बताया कि नीट में स्नेहा की 386वीं  रैंक है। उसे प्राइवेट कालेज में दाखिल मिल रहा था।

लेकिन ठगों ने लगातार फोन किया और कागजात दिखाए जिससे विश्वास हो गया। डील आकाश सिंह नामक व्यक्ति ने की। 15 मार्च को जब पैसे देने थे तो आकाश सिंह खुद आया था और सर्वोदय नगर के एक होटल में ठहरा था। अब उसके सारे फोन बंद हैं। स्नेहा के पिता से कहा था कि पुलिस को सूचना देने पर मामला फंस जाएगा। वहीं शिवानी के पिता नरेंद्र दास ने बताया कि उसने 50 हजार दिए थे बाकी पैसे एडमीशन लेने के बाद देना को कहा था। पीड़ितों ने अपने फंड से रुपये निकाले थे। पुलिस ने मामले में छानबीन शुरू की और पीड़ितों के बयान लिए। प्राचार्य ने बताया कि इस संबंध में शासन को सूचना दे दी गई है।

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