ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे का वीडियो हुआ लीक, वादिनी पक्ष ने किया दावा कि हमारे लिफ़ाफ़े भी अभी नही खुले, अब सवाल ये कि कैसे लीक हुआ फिर वीडियो, 3 लिफाफों की सील एक जैसी और एक की अलग क्यों ?

तारिक़ आज़मी

वाराणसी में सनसनी फैलाने में मीडिया की कोशिशे अभी भी जारी है। पहले से हमने कहा था कि मीडिया मामले में सनसनी फैला रहा है। आखिर सनसनी ने अपनी हदे पार कर दिया और आज अदालत से वादिनी मुकदमा पक्ष को शपथ पत्र लेने के बाद सर्वे रिपोर्ट और सीडी उपलब्ध करवाया। सीडी और सर्वे रिपोर्ट उपलब्ध होने के थोड़ी देर बाद ही एक चैनल के द्वारा इस सर्वे का वीडियो दिखाया जाने लगा। आखिर मामले को तुल पकड़ता देख वादिनी मुकदमा ने पत्रकार वार्ता आयोजित करके अपना पक्ष रखते हुवे कहा है कि वीडियो हमारे द्वारा वायरल नही किया गया है। हम लोगो ने अपने लिफ़ाफ़े तक नही खोले है।

इस दौरान पत्रकारों को लिफ़ाफ़े भी दिखाए गए। पत्रकारों ने लिफ़ाफ़े की तस्वीरे लिया और तस्वीरे हमारे पास भी है। इस तस्वीर में साफ़ साफ दिखाई दे रहा है कि सभी चार लिफाफों पर अदालत की सील लगी हुई है। देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि लिफ़ाफ़े अभी खुले भी नही है। तो फिर आखिर वीडियो कैसे लीक हुआ। मगर यहाँ ध्यान देने वाली एक और बात भी अनसुलझी है जिसके सम्बन्ध में सवाल उठाना वाजिब है। लिफाफा खुला या नही खुला ये अदालत और विवेचना तय करेगी। मगर सवाल ये है कि एक ही कोर्ट से जारी चार लिफाफों की सील करने का तरीका एक जैसा होना चाहिए। मीडिया के सामने प्रस्तुत 4 लिफाफों में तीन लिफाफों की सील एक जैसी है और हर एक लिफाफे पर तीन सील है। जबकि एक लिफ़ाफ़े पर कुल 7 सील लगी है। अब सवाल उठता है कि एक ही अदालत से जारी हुवे 4 लिफाफों में तीन की सील एक जैसे और एक की सील अलग क्यों?

अब सवाल उठता है कि जब अदालत से सिर्फ 4 वादिनी मुकदमा को ही सर्वे की सीडी मिली है और किसी को नही मिली जबकि वादिनी मुकदमा के अधिवक्ता का दावा है कि हमारा लिफाफा खुला तक नही है तो फिर आखिर मीडिया में ये वीडियो पंहुचा कैसे ? क्योकि वादिनी मुकदमा के अधिवक्ता का दावा है कि उनका लिफाफा सील पैक अभी भी है और हम कल मंगलवार को अपने लिफ़ाफ़े अदालत में जमा कर देंगे। अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर मीडिया के पास वीडियो पंहुचा कैसे और किसकी ये कारस्तानी है कि मीडिया को वीडियो उपलब्ध करवाया। ये वीडियो एक चैनल पर चलने के बाद से जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

बताते चले कि आज इससे पहले अदालत में शपथपत्र देने के बाद वादी पक्ष की पांच में से चार महिलाओं को सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट की सीडी मिली थी। बताया जा रहा है कि शपथ पत्र नहीं देने के कारण मस्जिद पक्ष को अभी रिपोर्ट या सीडी मिली ही नही है। ऐसे में अदालत से केवल चार ही लिफाफे दिये गए और वीडियो लीक हुआ तो सवाल अनसुलझे रह गए। वही जब वादिनी मुकदमा पक्ष के जानिब से दावा किया गया कि उनके लिफ़ाफ़े सील बंद है तो अब अनसुलझे सवाल ही उलझ कर रह गए है कि अगर सील बंद लिफाफा है तो फिर वीडियो लीक कहा से हुआ। कैसे एक मीडिया हाउस को वीडियो मिला और कैसे ये वीडियो सार्वजनिक करके सनसनी फैलाने की कोशिश मीडिया करना शुरू कर दिया।

वहीं, मुस्लिम पक्ष के वकील अभयनाथ यादव ने दावा किया कि जिन लोगों को वीडियो मिले हैं, उन लोगों ने ही इसे लीक किया है। उन्होंने कहा कि यह लोग दो दिन तक लगातार दी गई दलील से परेशान हो गए हैं। अब जनमानस को भ्रमित करने के लिए वीडियो वायरल किया जा रहा है। इसके पीछे बहुत बड़ी एक साजिश है, यह लोग चाहते हैं कि वीडियो से जनमानस को उभार करके देश में अशांति फैलाई जा सके। वीडियो लीक करना और सार्वजनिक करना अदालत के आदेश की भी अवहेलना है। इस पर अदालत में अपनी बात रखी जाएगी और शिकायत की जाएगी। वादिनी मुकदमा पक्ष के वकील सुधीर जैन के अनुसार हम लोगों को मिला लिफाफा अभी तक खोला ही नहीं गया है। अभी हम लोगों को पता चला कि वीडियो कुछ प्लेटफार्म पर चल रहा है। अब हम कोर्ट से इस बारे में शिकायत करेंगे। हम लोगों को कोर्ट से चार लिफाफे मिले थे, चारों लिफाफे अभी तक सील बंद हैं। हम लोगों ने लीक नहीं किया है।

इस बीच वीडियो को सबसे पहले एक्सक्लुसिव बता कर अपने चैनल पर चलाने वाले मीडिया हाउस ने फोन पर वादिनी मुकदमा से बात किया तो उन्होंने भी उनके चैनल पर ये दावा किया कि हमारे लिफ़ाफ़े खुले भी नही है तो वीडियो आपको मिला कैसे, एंकर साहिबा को इसका जवाब न सुझा तो उन्होंने कहा कि ये छोडिये कहा से मिला आप ये बताये…..! जिस पर वादिनी मुकदमा के द्वारा शो के दरमियान मुकदमा दर्ज करवाने की बात कही।

बहरहाल, मीडिया का सनसनी अभियान जारी है। आप मंदिर मस्जिद मीडिया के द्वारा देखते रहे। अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 4 जुलाई की तारीख मुकरर कर दिया है। वही हाई कोर्ट में भी करीब करीब दलील पूरी हो चुकी है तथा सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में जुलाई के दुसरे हफ्ते में सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में ही इस मामले में हीलिंग टच की बात कही थी और कहा था कि चुनिन्दा लीक बंद होनी चाहिए। अब ये लीक के बाद अदालत का क्या रुख रहेगा ये आने वाला समय बताएगा। मगर बेशक पत्रकारिता ने सनसनी का रिकार्ड तोड़ रखा है। जुड़े रहे उनके साथ जिनका सनसनी फैलाना मकसद है अथवा जुड़े रहे हमारे साथ कि हम आपको सच से रूबरू करवा रहे है। कई सोशल मीडिया पर चलते वीडियो और फोटो हमारे पास भी उपलब्ध है। मगर हम मामले में सुप्रीम कोर्ट के शब्दों का अक्षरशः पालन करते हुवे “चुनिन्दा लीक” को ऐसे सार्वजनिक नही कर सकते है।

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