ताज महल विवाद पर हाई कोर्ट हुआ सख्त: याचिकाकर्ता को जमकर लगाईं फटकार, कहा जाकर पढाई करो, रिसर्च करो कि ताजमहल किसने बनवाया, रिसर्च करने से कोई रोके तब हमारे पास आना

तारिक़ खान

डेस्क: देश में धर्म बनाम मज़हब की एक जंग लगता है लोगो ने शुरू कर दिया है। मुद्दों यानी रोज़गार, महंगाई और अन्य जन समस्याओं से हटकर एक अजीब किस्म का धार्मिक प्रतिद्वंदिता जैसी दिखाई दे रही है। इस प्रतिद्वंदिता कभी कुछ तो कभी कुछ बेतुके मुद्दे उठाये जा रहे है। इस क्रम में एक याचिका दाखिल कर याचिकाकर्ता ने अदालत से ताज महल को ताजो महल की परिकल्पना करते हुवे याचिका दिया था कि ताज महल असल में एक मंदिर था और उसका नाम ताजो महल था। इसका सर्वे करवाया जाए।

याचिका पर आज सुनवाई करते हुवे हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को जमकर फटकार लगाई है। जस्टिस डीके उपाध्याय ने याचिका पर सख्त रुख अख्तियार करते हुवे याचिकाकर्ता को कहा कि पीआईएल व्यवस्था का दुरूपयोग न करे। जस्टिस उपाध्याय ने सख्त लफ्जों में कहा कि ताजमहल किसने बनवाया जाकर रिसर्च करो। यूनिवर्सिटी जाओ, पीएचडी करो तब कोर्ट आना।

जस्टिस उपाध्याय ने याचिकाकर्ता को कहा कि जाओ यूनिवर्सिटी में और पीएचडी करो कि ताज महल किसने बनवाया। अगर रिसर्च से कोई रोके तब हमारे पास आना। जस्टिस डीके उपाध्याय ने याचिकाकर्ता से सवाल करते हुवे कहा कि इतिहास क्या आपके मुताबिक पढ़ा जाएगा। ताजमहल कब बना, किसने बनवाया, जाओ पढ़ो पहले। फिर हमारे पास आना। पीआईएल व्यवस्था का मज़ाक न बनाओ।

जस्टिस उपाध्याय ने कोर्टरूम में याचिका कर्ता से सवाल पर सवाल दागे। लंच बाद हाईकोर्ट में फिर से इस मामले की सुनवाई होगी। कोर्ट ने आज इस मामले के पटाक्षेप का संकेत दिया है। अदालत में इस प्रकरण की सुनवाई 2 बजे से होगी।

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