आदिल अहमद
34 साल पुराने रोड रेज केस में कांग्रेसी नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने अपने 15 मई, 2018 के एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा को बदल दिया है। जस्टिस ए0 एम0 खानविलकर और जस्टिस संजय किशन कौल की बेंच ने ये फैसला सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने साधारण चोट की बजाए गंभीर अपराध की सजा देने की याचिका पर सिद्धू को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। पीड़ित परिवार ने याचिका दाखिल कर रोड रेज केस में साधारण चोट नहीं बल्कि गंभीर अपराध के तहत सजा बढ़ाने की मांग की। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने साधारण चोट का मामला बताते हुए सिर्फ ये तय करने का फैसला किया था कि क्या सिद्धू को जेल की सजा सुनाई जाए या नहीं। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान विशेष पीठ में जस्टिस ए0 एम0 खानविलकर और जस्टिस संजय किशन कौल के सामने पीड़ित परिवार यानी याचिकाकर्ता की ओर से सिद्धार्थ लूथरा ने कई पुराने मामलों में आए फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि सड़क पर हुई हत्या और उसकी वजह पर कोई विवाद नहीं है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी साफ है कि हत्या में हमले की वजह से चोट आई थी, हार्ट अटैक नहीं। लिहाजा दोषी को दी गई सजा को और बढ़ाया जाए। सिद्धू की ओर से पी चिदंबरम ने याचिकाकर्ता की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने मामले को अलग दिशा दी है। ये मामला तो आईपीसी की धारा 323 के तहत आता है। घटना 1998 की है। कोर्ट इसमें दोषी को मामूली चोट पहुंचाने के जुर्म में एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुना चुका है।
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