नुपुर शर्मा के विवादित बयान पर गुस्सा है अरब की दुनिया, इरान, कुवैत, क़तर सहित सऊदी अरब ने भी दर्ज करवाई आपत्ति, आईओसी के बयान को भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया संकीर्ण, किया बयान को ख़ारिज

आफताब फारुकी

डेस्क: पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा नेता नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल की टिप्पणी के मामले पर इस्लामिक देशों द्वारा विरोध दर्ज किया जा रहा है। पैगंबर के खिलाफ कथित रूप से ‘आहत करने वाली’ टिप्पणी की पाकिस्तान, सऊदी अरब, कतर, कुवैत और ईरान ने निंदा की है। हालांकि, बीजेपी की कार्रवाई का सऊदी ने स्वागत किया है। भारतीय जनता पार्टी ने अपने दोनों नेताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं और दोनों नेताओं ने अपने बयान भी वापस ले लिए हैं।

अरब के कई देशों ने नुपुर शर्मा के इस टिप्पणी पर आपत्ति प्रकट की और भारतीय राजदूतों को तलब कर नाराजगी प्रकट की। हालांकि, भाजपा ने सभी धर्मों के सम्मान की बात कहते हुए शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया है। बताते चले कि कतर, कुवैत व ईरान ने नुपुर शर्मा के बयान पर पहले ही आधिकारिक रूप से आपत्ति प्रकट की थी, लेकिन सोमवार को इसमें सऊदी अरब भी शामिल हो गया। उसने आधिकारिक बयान जारी कर आपत्ति प्रकट की।  हालांकि, सऊदी अरब ने नुपुर शर्मा के खिलाफ की गई कार्रवाई का स्वागत किया है।

ओआईसी के बयान पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने इस संगठन द्वारा भारत को लेकर दिए गए बयान देखे हैं। सरकार ओआईसी सचिवालय के गलत और संकीर्ण बयानों को खारिज करती है। भारत सरकार सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान देती है। कुछ लोगों ने एक धार्मिक व्यक्तित्व को अपमानित करते हुए आपत्तिजनक ट्वीट और बयान दिए थे। ये विवादित बयान भारत सरकार की राय से संबद्ध नहीं हैं। आरोपियों के खिलाफ संबंधित संगठन ने कड़ी कार्रवाई की है। बागची ने कहा कि ओआईसी सचिवालय ने एक बार फिर प्रेरित, गुमराह करने वाली और शरारती टिप्पणी की, यह दुखद है। यह केवल स्वार्थों के इशारे पर चलाया जा रहा विभाजनकारी एजेंडा है। हम ओआईसी सचिवालय को अपना सांप्रदायिक नजरिए छोड़ने और सभी धर्मों का सम्मान करने की अपील करते हैं।

ओआईसी सचिवालय ने ट्विटर पर कई ट्वीट कर नुपुर शर्मा के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। ओआईसी के महासचिव ने भारत के सत्तारूढ़ दल के एक व्यक्ति द्वारा दिए गए विवादास्पद बयान की कड़ी आलोचना की है। भारत में मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा में बढ़ोतरी हुई है। ओआईसी ने शिक्षण संस्थाओं में हिजाब बैन और मुस्लिमों के संपत्तियों को नुकसान पहुंचाए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि मुस्लिमों पर पाबंदियां लगाई जा रही हैं।

पाकिस्तान के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने पाकिस्तान के बयानों और टिप्पणियों को देखा है। अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सिलसिलेवार ढंग से हनन करने वालों की बेतुकी बातों का किसी पर असर नहीं पड़ता। उसे किसी दूसरे देश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार पर टिप्पणी का हक नहीं है। पाकिस्तान में हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों और अहमदियों व अन्य अल्पसंख्यकों के संस्थागत उत्पीड़न की दुनिया गवाह रही है। भारत सरकार सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान देती है। इसके उलट पाकिस्तान में कट्टरपंथियों की तारीफ कर उनके  स्मारक बनाए जाते हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम पाकिस्तान से आह्वान करते हैं कि वह खतरनाक प्रचार करने और भारत में सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने की कोशिश करने के बजाय अपने देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण पर ध्यान केंद्रित करे।

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