ए0 जावेद
वाराणसी। दस वर्षीय मासूम बच्ची को ट्यूशन पढाने के दरमियान उसके साथ छेड़खानी करने के मामले में आरोपित मोहम्मद हैदर को विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) अनुतोष शर्मा की अदालत ने दोषी करार देते हुवे 5 साल की सश्रम कारावास और 5 हजार रुपया जुर्माना की सज़ा सुनाई है। आदमपुर थाना क्षेत्र के चौहट्टा लाल खान निवासी मोहम्मद हैदर खुद को आरटीआई एक्टिविस्ट बताता है। अदालत ने अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक मधुर उपाध्याय व वादी के अधिवक्ता वरुण प्रताप सिंह व हिमांचल सिंह ने पक्ष रखा।
वाद के अनुसार लोकलाज को देखते हुए परिवार वालों ने उसे डाट फटकार कर अपने घर से निकाल दिया। लेकिन उसके बावजूद अभियुक्त आये दिन उसकी पुत्री को रास्ते में रोककर बहलाने फुसलाने का प्रयास करता रहा, एवं उसके साथ छेड़छाड़ करता रहा। अदालत ने पत्रावली के अवलोकन व गवाहों के बयान के आधार पर मामले की गंभीरता को देखते हुए अभियुक्त को दोषी करार देते हुए दंडित किया।
अदालत द्वारा दोषी करार दिए गए अभियुक्त के सम्बन्ध में बताया जाता है कि वह खुद को आरटीआई कार्यकर्ता कहता है। कई विभागों और अन्य संस्थानों पर आरटीआई के तहत सूचनाये एकत्र करना उसका मुख्य कार्य था। इसके अतिरिक्त बच्चो के ट्यूशन भी पढाता है। दोषी करार दिए जाने के बाद वादी मुकदमा ने मीडिया से बात करते हुवे कहा कि इन्साफ की आखिर जीत हुई है।
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