स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का धरना: सन्यासी रख रहे है सांकेतिक मौन उपवास, बोले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद मुझे घर में ही कैद कर दिया है, न्यायपालिका लोक इच्छा के अनुसार अपना फैसला देती है

ए0 जावेद/ अजीत शर्मा

वाराणसी: गंगा सेवा अभियानम एवं अखिल भारतीय दंडी संन्यासी संघ के संयुक्त तत्वावधान में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के समर्थन में सोमवार को मुमुक्षु भवन में रहने वाले संयासी सांकेतिक सामूहिक मौन उपवास कर रहे है। यह जानकारी राकेश पांडेय ने दी है। सावित्री पांडेय ने बताया कि अस्सी घाट पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के समर्थन में आध्यात्मिक उत्थान महिला मंडल काशी के तत्वावधान में महिलाएं सांकेतिक उपवास व संकीर्तन करेंगी।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कल रविवार को बातचीत के दौरान कहा था कि न्याय पालिका लोक इच्छा के अनुसार अपना निर्णय करती है और लोक इच्छा है कि शिवलिंग की पूजा की जाए। मगर प्रशासन पूजा नही करने दे रहा है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी परिसर में जहां तक जाने की अनुमति है, कम से कम वहां तक हमको जाने दिया जाए ताकि हम शिवलिंग को भोग प्रसाद चढ़ा सकें। संविधान प्राण प्रतिष्ठित मूर्तियों की सेवा का अधिकार देता है। शिवलिंग को देखकर महसूस हो रहा है कि आक्रांताओं ने इसे तोड़ा है और इसका मतलब है कि यह प्राण प्रतिष्ठित हैं। हमारी मांग है कि कम से कम जिस दिन से शिवलिंग दिखा है, उस दिन से उसका जलाभिषेक होना चाहिए था। हमारी न्याय पालिका इस अधिकार से उसे वंचित नहीं कर सकती है।

इस दरमियान स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आरोप लगाते हुवे कहा है कि उन्हें उनके घर में ही कैद कर दिया गया है। कहा कि न्याय पालिका ने ऐसा कभी नहीं कहा कि किसी के घर में बिना अनुमति घुसकर उसे बाहर निकलने से रोका जाए। जिस जगह को कोर्ट के आदेश पर सील किया गया है, यदि हम उस जगह पर जाते और तब हमें रोका जाता तो बात समझ में आती लेकिन, मुझे मठ के अंदर ही बंदी बना लिया गया है। न्यायपालिका को ढाल बनाकर न किसी को अंदर आने दिया जा रहा है और न मुझे बाहर जाने दिया जा रहा है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *