Religion

चेहलुम है आज रन में शहंशाहे ज़मन का: अक़ीदत व ऐहेतेराम से निकला बहत्तर शहीदान-ए-कर्बला का चेहलुम जुलूस

तारिक़ खान

प्रयागराज: करबला के बहत्तर शहीदों का चेहलुम आज अक़ीदत व ऐहतेराम के साथ मनाया गया। इमामबारगाह नवाब आज़म हुसैन खाँ रानीमण्डी से नवाब अब्दुल हुसैन खाँ द्वारा 1862 में क़ायम किया क़दीमी जुलूस मोहम्मद शुजा हैदर मोहम्मद जमाल हैदर व मोहम्मद कमाल हैदर की सरपरस्ती में निकाला गया। सबसे पहले ज़ियारत-ए-अरबईन पढ़ाई गई। मौलाना सैय्यद जवादुल हैदर रिज़वी ने मजलिस को खिताब किया। बुज़ुर्ग मर्सियाख्वान ज़ायर हुसैन मर्सिया पढ़ते हुए जुलूस को रानीमण्डी चडढा रोड तिराहे तक लेकर गए। बाद नमाज़-ए-ज़ोहर अन्जुमनों के नौहे और मातम का सिलसिला शुरू हुआ। अन्जुमन हुसैनिया क़दीम दरियाबाद ने जुलूस का आग़ाज़ किया। उसके पीछे अन्जुमन शब्बीरिया के नौहाख्वान सिकंदर भाई नौहा पढ़ते हुए निकले फिर रानीमण्डी की अन्जुमन अब्बासिया लगी जिसके साथ सभी तबर्रुक़ात शामिल रहे।

ग़ाज़ी अब्बास का अलम, ताबूत इमाम हुसैन, झूला हज़रत अली असग़र, बिस्तर बिमारे करबला, ज़ुलजनाह, ऊँटों पर रखी जनाबे ज़ैनब व उम्मे कुलसूम की अमारी पर अक़ीदतमन्दों ने रास्ते भर फूल व माला चढ़ा कर अक़ीदत का इज़हार किया। वहीं अन्जुमन हैदरिया, अन्जुमन मज़लूमिया, अन्जुमन आबिदया की ओर से भी क़दीमी चेहलुम जुलूस निकाला गया। सभी मातमी अन्जुमनों ने कोतवाली से नखास कोहना के बीच तेज़धार की छूरीयों से सर पर और ज़नजीरों से पीठ पर मातम करते हुए अपने आप को लहुलुहान कर लिया। वहीं कुछ युवा व बुज़ुर्ग ईरानी स्टाईल की खून रहित बिना छूरीयों वाली ज़नजीरों का मातम भी किया। देर शाम सभी जुलूस व अन्जुमने चकिया करबला पहुंची जहाँ सभी तबर्रुक़ात पर चढ़े फूलों ताज़िया व इमामबाड़ों के फूलों को नम आँखों से सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

इमामबाड़ा सलवात अली खाँ से भी निकला चेहलुम जुलूस

हज़रत इमाम हुसैन के चेहलुम पर दरियाबाद के इमामबाड़ा सलवात अली खाँ से शाही चेहलुम जुलूस ताहिर मलिक व शौज़फ मलिक की क़यादत मे निकला जो चार सौ बरस से निकाला जा रहा है। जुलूस दरियाबाद की गलियों मे गश्त करते हुए बलुआघाट, हटिया, मुठ्ठीगंज, सुलाकी चौराहा बहादुरगंज, लोकनाथ चौराहा, कोतवाली से रानीमण्डी ,छम्मन खाँ के हाँथा मे पहुंचा वहाँ से पुन: अतरसुइया होते हुए दरियाबाद इमामबाड़ा सलवात अली खाँ पर देर रात मे सम्पन्न हुआ। जुलूस मे ताबूत, अलम ज़ुलजनाह के साथ तुरबत झूला व चौथे इमाम का बिस्तर भी शामिल रहा। अन्जुमन हाशिमया व अन्जुमन नक़विया नौहा और मातम करते हुए जुलूस मे शामिल रही। गौहर काज़मी, इफ्तेखार हुसैन, रौनक़ सफीपुरी, शफक़त अब्बास पाशा, सैय्यद मोहम्मद अस्करी, शाहिद अब्बास रिज़वी, औन ज़ैदी, जौन जैदी, ज़ामिन हसन, वक़ार भाई, राग़िब हसन, शजीह अब्बास, पार्षद फसाहत हुसैन, अनीस अहमद, परवेज़ अख्तर अंसारी आदि शामिल रहे।

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