आदिल अहमद
डेस्क: उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वही शिवसेना गुट ने चुनाव आयोग में शिंदे गुट को मिले नाम और चुनाव चिन्ह पर आपत्ति दाखिल करते हुवे आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाया है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि टीम शिंदे ने “बहुत ही स्पष्ट रूप से” सबसे पहली पसंद के तौर पर वही नाम और पहली और दूसरी पसंद के तौर पर वही चुनाव चिह्न विकल्प दिया था, जो बाद में टीम शिंदे द्वारा आयोग को दिया गया।
चुनाव आयोग के निर्देश के बाद अब ठाकरे गुट को शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे कहा जाएगा। इसका पार्टी सिंबल जलता हुआ मशाल है, जबकि शिंदे गुट को बालासाहेबंची शिवसेना कहा जाएगा। आयोग ने इसे चुनाव चिह्न के तौर पर एक ढाल और दो तलवार आवंटित किया है। टीम ठाकरे ने अपनी चिट्ठी में आरोप लगाया है कि प्रतिवादी (टीम ठाकरे) यह देखकर आश्चर्यचकित है कि माननीय चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट से उस पत्र को हटा लिया। कहने की जरूरत नहीं है कि वादी (टीम शिंदे) द्वारा नाम और चिह्न के लिए कोई पत्र वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया।
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