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आज़म खान का छलका रामपुर में दर्द, कहा हम विचार कर रहे है कि चुनाव आयोग को पत्र लिखा कर कहे कि वह भाजपा प्रत्याशी को जीता घोषित कर दे, देखे पत्रकार वार्ता का पूरा वीडियो: मीडिया कर्मियों के ज़मीर को दी आवाज़

शाहीन बनारसी (साभार: रविशंकर)

रामपुर: कल शनिवा देर रात आजम खान ने अपने पार्टी दफ्तर दारुल आवाम में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित किया। देर रात आयोजित इस पत्रकार वार्ता में आज़म खान ने रामपुर में हो रहे चुनावो को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुवे कहा कि अखिलेश यादव और जयंत चौधरी रामपुर आने वाले है। हम विचार कर रहे है कि उनसे आग्रह करे कि वह चुनाव आयोग को पत्र लिखा कर निवेदन करे कि वह रामपुर से भाजपा प्रत्याशी को जीता हुआ घोषित कर दे क्योकि यहाँ चुनाव नही हो रहा है। इस पत्रकार वार्ता में आज़म खान ने मीडिया कर्मियों के ज़मीर को भी आवाज़ दिया।

आजम खान ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा इतनी रात में आपको ज़हमत दी है उसके लिए माफी चाहूंगा, अखिलेश जी आने वाले हैं ऐसी सूचना है और जयंत चौधरी साहब भी आने वाले हैं, ऐसी सूचना है, चंद्रशेखर आजाद आने वाले हैं ऐसी भी सूचना है। लेकिन सवाल यह है कि यह लोग किस बात के लिए आ रहे हैं। क्योंकि चुनाव तो यहाँ है ही। नहीं आज ही तकरीबन 50 घरों के दरवाजे तोड़े गए हैं। सड़कों से बेगुनाहों को उठाकर ले गए हैं। जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, उसमें हमारी पत्नी और इस शहर की पूर्व सांसद तथा पूर्व विधायक को भी उन्होंने नहीं बख्शा और यह वार्निंग दी है कि अपने घरों में रहो। हमारी पत्नी को भी यह वार्निंग दी है कि निकलना मत बाहर। फिर ये चुनाव कहा हो रहा है।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ ऐसी अभद्रता, ऐसी अमानवीयता और ऐसा शर्मनाक बर्ताव मेरे ख्याल से किसी भी व्यवस्था को शोभा नहीं देता। मेरी पत्नी और मेरे अजीज एक बीमार की अयादत के लिए गए थे। एक बहुत बड़ा अपराधी है, जिसकी बड़ी भयानक तलाश है, उसका नाम है तालिब। उसका नाम दर्शाया गया है यूनिवर्सिटी में मशीन की चोरी और बरामदगी में जिसकी रपट नगरपालिका की तरफ से है और नगर पालिका की तरफ से इस बात का इनकार है कि यह मशीन उनकी नहीं है। उसके घर के दरवाजे तोड़ दिए गए हमारी पत्नी की मौजूदगी में। दो ढाई सौ बहन-बेटियों की इज्जतों की रखवाली करने वालों ने एक बीमार मां के साथ और उनकी अयादत करने वालों के साथ शर्मनाक बर्ताव किया है।

यह मक्सूस आबादी का शहर है, इसीलिए हमारे साथ होने वाले अमानवीय बर्ताव को हमे बर्दाश्त करना है: आजम खान

पत्रकारों को संबोधित करते हुवे आजम खान ने कहा कि मैं नहीं चाहता था कि इन बातों को कहूं। क्योंकि मैं बहुत आदि हो गया हूं। रामपुर पार्लिमेंट के चुनाव में इन सारे अफसोस नाक हालात का भुक्तभोगी रहा हु। क्योंकि यह मकसूस आबादी का शहर है, इसलिए इसके साथ जो भी बर्ताव हो रहा है वह हमें बर्दाश्त करना है मेरे जैसे को। यह इसलिए कि जब वोट देने का अधिकार ही खत्म हो गया तो मुझे इसकी शिकायत में बल नहीं लगता। लेकिन अपने कैंडिडेट के लिए, अपने पार्टी कैंडिडेट के लिए, वोट मांगने का अधिकार मेरा अभी बाकी है। हम इस बात पर विचार कर रहे हैं, और हमारे पास वीडियोज़ फोटोस है जिसको हम आपको किसी खास वजह से रिलीज नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने वीडियो और फ़ोटोज़ रिलीज़ न करने पर कहा कि वह वीडियो और फ़ोटोज़ आपको दे देने के बाद अदालतें उसका संज्ञान नहीं लेती हैं। हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि अखिलेश यादव जी जब तशरीफ लाए तो तो हम यह आग्रह करेंगे उनसे कि वह इलेक्शन कमीशन से यह निवेदन करें कि भारतीय जनता पार्टी के कैंडिडेट को जीता हुआ घोषित कर दिया जाए।

चुनाव की क्या ज़रूरत है ? चुनाव नही हो रहा है: आज़म खान

उन्होने इसका कारण बताते हुवे कहा कि चुनाव की क्या जरूरत है? जब चुनाव हो ही नहीं रहा है? जिस तरह की दहशत है, गलियों में फ्लैग मार्च और खुलेआम यह कहना जिसकी हमारे पास रिकॉर्डिंग है कि निकलना मत घरों से बाहर। समाजवादी पार्टी को अगर वोट दिया तो यह घर खाली करा लिए जाएंगे। फिर यह चुनाव नही है। इसको चुनाव नही कहते है। आज़म खान ने अपना दर्द मीडिया के सामने छलकाते हुवे मीडिया के ज़मीर को भी आवाज़ दिया।

मीडिया कर्मियों के ज़मीर को दिया आवाज़, कहा रामपुर की मजलूम जनता को नही मिला अभी तक सहयोग

आज़म खान ने मीडिया के ज़मीर को आवाज़ देते हुवे कहा कि आप साहिबान का बहुत सहयोग रहा है। लेकिन यह बहस हो सकती है कि किसको सहयोग रहा है। मुझे बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि रामपुर की मजलूम जनता को आपका सहयोग अभी तक नहीं मिला है।

आज़म खान ने कहा कहीं ना कहीं है इस शहर के बाशिंदे भी हैं आप और एक जमीर भी रखते हैं अपना उस का तकाजा है कि अगर पूरी बात ना कह सके ना दिखा सके और मेरी बुराइयों को तो इसलिए नजरअंदाज कर दें कि मैं तो कैंडिडेट हूं ही नहीं हो सकता ही नहीं सजायाफ्ता हूं और मेरे वोट देने का हक भी खत्म हो गया है लेकिन एक ऐसा व्यक्ति जो बेदाग है पठान नहीं है इंसान तो है बेदाग इंसान है हमें ना बचाइए लेकिन इन नामों को जिनसे आपकी पहचान है और आपसे इनकी पहचान है इन नामों को बचाने की थोड़ी सी कोशिश कीजिए यह कटाक्ष नहीं है कोई नसीहत नहीं है सिर्फ एक दर्द मंदाना अपील है आपसे क्योंकि वह बहन बेटियां वह माँये आप ही की हैं जिनके साथ बहुत अपमानजनक बर्ताव हुआ, जिसके बाद मीडिया का शुक्रिया कर आजम खान ने अपनी बात खत्म की।

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