16 साल बाद मिला राजाराम की आत्मा को इन्साफ: फर्जी एनकाउंटर में फर्नीचर कारीगर को मौत की नींद सुलाने वाले 5 पुलिस वालो को आजीवन कारावास, और 4 पुलिस कर्मियों को 5-5 साल की कैद-ए-बामशक्कत

रवि पाल

एटा: एटा में 16 साल पहले फर्जी एनकाउंटर में एक फर्नीचर कारीगर को डकैत बता कर उसकी हत्या के मामले में आज सीबीआई अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुवे इस एनकाउंटर को हत्या करार देते हुवे 5 पुलिस कर्मियों को आजीवन कारावास और सबूत मिटाने के लिए 44-44 हज़ार अर्थदंड तथा 4 पुलिस कर्मियों को 5-5 साल की कैद-ए-बामशक्कत और 11-11 हजार रुपया जुर्माना की सजा मुकरर्र किया है। एक आरोपी पुलिसकर्मी की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है।

सज़ा पाए हुवे पुलिस कर्मियों में तत्कालीन थाना प्रभारी पवन सिंह, एसआई पाल सिंह ठेनुआ, सरनाम सिंह, राजेंद्र प्रसाद और जीप चालक मोहकम सिंह को आज विशेष सीबीआई कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पांचों पर अदालत ने हत्या के मामले में 33-33 हजार और साक्ष्य मिटाने के मामले में 11-11 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया है। इसके अलावा चार पुलिसकर्मियों- बलदेव प्रसाद, अजय कुमार, अवधेश रावत और सुमेर सिंह को सबूत के आभाव में हत्या के आरोप से बरी कर दिया, लेकिन साक्ष्य मिटाने और झूठी सूचना देने के मामले में 5-5 साल की सजा और 11-  11 हजार रुपये का अर्थदण्ड लगाया है।

अदालत में क्या साबित हुई एक फर्नीचर कारीगर के हत्या की वजह ?

3 साल लम्बी चली इस सुनवाई के दरमियान 202 लोगों की गवाही के हुई। बादहू गवाही यह साबित हुआ कि सिपाही राजेंद्र ने राजाराम से अपने घर की रसोई में काम करवाया था और उसको पैसे नही दिया था। दूसरी तरफ राजाराम अपनी मजदूरी के पैसे मांग रहा था और अपने हक़ के पैसे के लिए वह अडा हुआ था कि उसको पैसे उसकी मेहनत के चाहिए। यह बात सिपाही को नागवार गुजरी और उसने साजिश रच डाली। जिसके बाद राजाराम पर एक भी केस दर्ज न होने के बावजूद सिढ़पुरा थाने की पुलिस ने उसे लुटेरा बताया और उसको फर्जी एनकाउंटर में मार दिया। यही नही पुलिस ने उसका शव भी परिजनों को नही दिया और खुद ही दाह संस्कार कर डाला।

क्या थी इस फर्जी एनकाउंटर की पुलिस द्वारा बनाई गई झूठी कहानी ?

16 साल पहले थाने में तैनात दरोगा अजंट सिंह और सिपाही राजेंद्र के द्वारा बनाई गई झूठी कहानी कुछ इस तरह दर्शाई गई थी कि आखिर सच सामने आ ही गया। पुलिस ने अपनी ही रची कहानी में बताया कि सिढपुरा धुमरी मार्ग पर दरोगा अपने हमराही राजेंद्र के साथ गश्त पर निकले थे। तभी रोड होल्ड अप करने के लिए घात लगाए बदमाशों से पुलिस की मुठभेड़ हो गई। पुलिस का आरोप है कि बदमाशों ने लूटने का प्रयास किया था। दरोगा जी ने बहादुरी का परिचय देते हुए आड़ ली और बदमाशों पर पूरी बहादुरी के साथ फायरिंग किया जिसमे भाग रहा बदमाश राजाराम शर्मा को ढेर हो गया।

फर्द में दर्शाया गया कि पुलिस फायरिंग में में बदमाशों के पैर उखड़ गए और अन्य बदमाश फरार हो गए। बदमाशों की तरफ से की गई फायरिंग में सिपाही राजेंद्र भी घायल हुए। पुलिस ने मृतक राजाराम शर्मा के शव के पास से एक 315 बोर का तमंचा और तीन खोखा, नौ जिंदा कारतूस भी बरामद भी किए थे। पुलिस के अनुसार बदमाश राजा राम की दो दिन तक शिनाख्त नहीं हो पाई थी। पुलिस ने अज्ञात में शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम करवाया और लावारिस शव का अंतिम संस्कार कर वाहवाही लूट ली।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *