कानपुर देहात पुलिस कस्टडी में युवक की मौत प्रकरण: हत्यारोपी तत्कालीन एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम गिरफ्तार

मो0 कुमेल

कानपुर: कानपुर देहात स्थित लूट के एक मामले में रानिय थाने में पुलिस हिरासत में हुई कथित मारपीट में बलवंत के मौत प्रकरण में दर्ज मुक़दमे में तत्कालीन एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम को कल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। प्रशांत गौतम से पुलिस हिरासत में एसआईटी पूछताछ कर रही है। वही इस मामले में कानपुर देहात की एसपी सुनीता ने मीडिया को जानकारी प्रदान करते हुवे गिरफ़्तारी की पुष्टि किया है।

उन्होंने बताया कि “बलवंत हत्याकांड में दर्ज मुक़दमे में अभियुक्तों की गिरफ़्तारी हेतु 6 टीमो का गठन किया गया था। जिसके क्रम में तत्कालीन एसओजी प्रभारी जो पूर्व में सस्पेंड हुवे थे कि गिरफ़्तारी की गई है। अन्य अभियुक्तो की गिरफ़्तारी हेतु टीम प्रयासरत है।” बताते चले कि इस मामले में एसओजी प्रभारी एवं थाना प्रभारी सहित कुल 11 पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया गया था। बाद में परिजनों की तहरीर पर रानिय थाने में शिवली कोतवाल राजेश कुमार सिंह, मैथा चौकी इंचार्ज ज्ञानप्रकाश पांडे, एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम, रनिया थाना प्रभारी शिव प्रकाश सिंह सहित जिला अस्पताल मे ड्यूटी में तैनात डॉक्टर तथा अन्य अज्ञात पर धारा 302,147,504,506 में मुकदमा पंजीकृत किया था। इसी क्रम में यह गिरफ़्तारी हुई है।

इस दरमियान बुद्धवार देर रात एक अन्य युवक जो बलवंत के साथ हिरासत में लिया गया था कि हालत बिगड़ने पर उसको स्थनीय सीएचसी में भर्ती करवाया गया है जहा उसका इलाज चल रहा है। इलाज हेतु भर्ती युवक राम राठौर को मंगलपुर क्षेत्र की सीएचसी हवासपुर में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में भर्ती हुवे पीड़ित ने मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा था कि पुलिस बलवंत के साथ ही उसे भी पकड़ कर लाई थी। थाने में पुलिस ने बलवंत को पीटा था। बलवंत की मौत के बाद पुलिस ने उसे रनियां से हटाकर मंगलपुर थाने भेज दिया था। ज्ञातव्य हो कि शिवली के लालपुर सरैंया गांव निवासी व्यापारी चंद्रभान सिंह से हुई लूट के मामले में पुलिस और एसओजी ने शक के आधार पर कई लोगों को उठाया था। इसमें कानपुर नगर के शिवराजपुर थानाक्षेत्र के महिपालपुर निवासी राम राठौर भी शामिल था।

बलवंत सिंह की मौत के बाद परिजनों को सांत्वना देने पोस्टमार्टम हाउस पहुंची प्रदेश सरकार की राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला के सामने भी पीड़ित पक्ष ने कहा था कि चार लोग अभी पुलिस हिरासत में है। इसे लेकर राज्यमंत्री ने फोन पर एसपी से बात की थी। कहा कि जो लोग पकड़े गए हैं, उनका फोटो व वीडियो भेज दें, ताकि लोगों को संतुष्ट किया जा सके। जिस पर जवाब में एसपी ने कहा था कि पकड़े गए सभी लोग सुरक्षित हैं। इसके बाद पुलिस ने अविनाश कुशवाहा, सूरज व कल्लू को मामले में कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया था, जबकि राम राठौर का पता नहीं था।

बताते चले कि रानिय थाना क्षेत्र में हुई एक लूट की घटना में पुलिस ने कुछ लोगो को हिरासत में लिया था। जिसमे बलवंत की स्थिति गम्भीर हो जाने पर उसको स्थानीय अस्पताल ले जाया गया था जहा दौरान-ए-इलाज उसकी मौत हो गई थी। मृतक बलवंत शिवली के लालपुर सरैया गांव का रहने वाला था। जिसके बाद मृतक के परिजनों ने जमकर हंगामा कर दिया था और शव उठा ले गये थे। परिजनों का आरोप था कि बलवंत की मौत पुलिस हिरासत में अमानवीय तरीके से मारपीट के दरमियान हुई है। परिजन बलवंत का पोस्टमार्टम कानपुर में करवाने और पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग पर अड़े हुवे थे।

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