निसार शाहीन शाह
जम्मू कश्मीर: ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित, कश्मीरी भाषा के समादृत कवि, अनुवादक और आलोचक प्रोफ़ेसर रहमान राही का 98 वर्ष की आयु में निधन हो गया। रहमान राही की पैदाइश कश्मीर के श्रीनगर में 6 मई 1925 को हुई थी। आज रहमान राही ने श्रीनगर के नौशेरा में अपने आवास पर आज अंतिम सांस लिया। रहमान राही ने कई कविता संग्रह लिखे। उन्होंने अन्य भाषाओं के कई मशहूर कवियों की रचनाओं का कश्मीरी में अनुवाद किया।
रहमान राही के निधन पर समाज के विभिन्न वर्गों, विशेषकर साहित्यिक हलकों के लोगों ने व्यापक रूप से शोक व्यक्त किया है। राही के निधन को हलका ए अदब सोनावरी (एचएएस) के अध्यक्ष शाकिर शफी ने कश्मीरी भाषा और साहित्य के लिए एक बड़ी क्षति बताया है। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर राही हमेशा संगठन के लिए बहुत मददगार रहे हैं। आयोजनों में उनकी शानदार अनुपस्थिति हम सभी और उनके प्रशंसकों को बुरी तरह खलेगी।”
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