दिल्ली सरकार ने शिक्षको को ट्रेनिंग हेतु फिनलैंड भेजने की फाइल दुबारा एलजी को भेजी, कहा एलजी को सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानना होगा, गरीबो की शिक्षा में अवरोध उत्पन्न करना एलजी की सामंतवादी सोच है

मो0 कुमेल/ईदुल अमीन

डेस्क: दिल्ली सरकार ने एक बार फिर से एलजी वीके सक्सेना को शिक्षको के प्रशिक्षण हेतु फिनलैंड भेजने वाली फाइल को दुबारा भेजा है। फाइल भेजने के साथ ही दिल्ली सरकार ने एजजी से कहा है कि वह टीचर्स ट्रेनिंग में बाधा ना बनें, तुरंत मंज़ूरी दें। यही नही दिल्ली सरकार ने कहा है कि, ‘उप राज्यपाल को सुप्रीम कोर्ट के आदेश मानने होंगे। एलजी का दिल्ली सरकार की सारी फाइलें मंगवाना सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है। गरीबों की शिक्षा में अवरोध करना एलजी की सामंतवादी सोच है।’

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि, दिल्ली सरकार के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फ़िनलैंड भेजने का प्रस्ताव पुनः LG साहब के पास भेजा है। बताते चले कि वीके सक्सेना को खादी और ग्रामोद्योग आयोग में प्रशासकीय कार्यकाल के बाद पिछले साल इस पद पर नियुक्त किया गया था। आयोग में उन्होंने वार्षिक कैलेंडर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो छपवाया था जिस पर काफी विवाद खड़ा हो गया था।

इसके पहले दिल्ली के उप राज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच कलह आज फिर तेज हो गई। उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर अपने बारे में “पूरी तरह भ्रामक, असत्य और अपमानजनक बयान” की निंदा की। सक्सेना ने चार पन्नों के एक कड़े पत्र में लिखा है कि, “एलजी कौन है, और वह कहां से आया’, आदि का उत्तर दिया जा सकता है यदि आप सरसरी तौर पर भारत के संविधान का जिक्र करते हैं।

एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि अन्य सवालों के उत्तर देने लायक नहीं हैं, क्योंकि वे स्पष्ट रूप से बहुत निम्न स्तरीय हैं।” पत्र में मुख्य रूप से अरविंद केजरीवाल के उस आरोप का जिक्र है कि उप राज्यपाल ने फिनलैंड में शिक्षकों की प्रशिक्षण यात्रा को रोक दिया है और उन्होंने ‘आप’ विधायकों से मिलने से इनकार कर दिया है।

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