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4 हज़ार लोगो को शिफ्ट करके धसते जोशीमठ के दरार पड़ चुकी इमारतो और भवनों को ध्वस्त करने का काम हुआ शुरू, सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से किया मना

आदिल अहमद

डेस्क: उत्तराखंड के जोशीमठ में धरती के धंसने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में प्रभावित लोगों के पुनर्वास के साथ उनको आर्थिक मदद मुहैया कराने का भी आदेश देने का आग्रह कोर्ट से किया गया है।

आज इस मामले की सुनवाई हेतु सुप्रीम कोर्ट ने अगली तारीख 16 जनवरी मुक़र्रर किया है अब अदालत इसकी सुनवाई 16 जनवरी को करेगी। इस प्रकरण पर जल्द सुनवाई की मांग की याचिका पर कोर्ट ने तुरंत सुनवाई से इंकार कर दिया। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जो भी अहम मसला हो उन सभी में इस कोर्ट में आने की जरूरत नहीं, वहां चुनी हुई सरकार भी है। मंगलवार को मेंशनिंग लिस्ट में केस को शामिल करें, तब वो सुनवाई पर विचार करेंगे।

इस दरमियान दरार आ चुकी इमारतों और घरों को तोड़ने का फैसला लिया गया है। ताजा जानकारी के मुताबिक अधिकारियों ने कहा है कि उत्तराखंड के धंसते जोशीमठ में जिन इमारतों में दरारें आ गई हैं और बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं, उन्हें आज से ध्वस्त कर दिया जाएगा। जोशीमठ को तीन जोन में बांटा गया है, ‘डेंजर’, ‘बफर’ और ‘कंप्लीटली सेफ।’ अधिकारियों ने बताया कि जोशीमठ में 600 से अधिक इमारतों में दरारें आ गई हैं। जो सबसे अधिक क्षतिग्रस्त हैं उन्हें ध्वस्त कर दिया जाएगा।

जोशीमठ और आसपास के क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लगभग 4,000 लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि जोशीमठ का 30 फीसदी हिस्सा प्रभावित है। एक विशेषज्ञ समिति द्वारा एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है और इसे प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपा जाएगा।”

होटलों को गिराने के लिए रुड़की से एक्सपर्ट की टीम बुलाई गई है। ये वो होटल हैं जिनके स्वतः गिरने से कई मोहल्लों को ख़तरा था लिहाज़ा एहतियातन इन्हें सरकार ने गिराने का फ़ैसला किया गया। डेमोलिशन प्रक्रिया आज ही पूरी की जाएगी। इसके लिए एसडीआरएफ़ और पुलिस टीम मौके पर पहुंच चुकी है। रोड को आने जाने के लिये बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। साथ ही सुरक्षा के नजरिए से आस पास के क्षेत्र से गाड़ियों को हटवाया जा रहा है। एक्सपर्ट्स की टीम अभी नहीं पहुंची है।

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