मो0 कुमेल
डेस्क: विक्टोरिया गौरी 17 जनवरी को कॉलेजियम द्वारा मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति के लिए अनुशंसित पांच अधिवक्ताओं में से एक हैं। गौरी के अलावा सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने न्यायाधीश के रूप में चार अन्य वकीलों वेंकटचारी लक्ष्मीनारायणन, पिल्लईपक्कम बहुकुटुम्बी बालाजी, रामास्वामी नीलकंदन और कंधासामी कुलंदिवलु रामकृष्णन के नामों को भी जज के रूप में मंजूरी दी है। इसमें सबसे अधिक विरोध विक्टोरिया गौरी को लेकर हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के जजों का सेवानिवृत्ति के बाद राजनीतिक दलों में शामिल होना कोई असामान्य बात नहीं है। न्यायाधीशों के परिवार के सदस्यों का सक्रिय राजनीति में होना भी असामान्य नहीं है। लेकिन स्पष्ट राजनीतिक संबंधों वाले वकील की न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए सिफारिश होना निश्चित तौर पर असामान्य है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि कथित तौर पर उनसे संबंध रखने वाले सोशल मीडिया एकाउंट और यूट्यूब पर उपलब्ध भाषणों के अनुसार, गौरी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महिला इकाई की महासचिव हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या गौरी अभी भी राजनीतिक दल से जुड़ी हैं।
पत्र पढने के लिए यहाँ क्लिक करे:
खबरिया साईट “द प्रिंट” ने अपनी खबर में लिखा है कि मद्रास हाई कोर्ट के 22 अधिवक्ताओं ने पत्र लिखा कर विक्टोरिया के भाजपा से जुड़े होने के अलावा अन्य कई तरफ के आरोपों में एक आरोप हेट स्पीच का भी लगाया है। पत्र के आखिर में सभी अधिवक्ताओं ने अपने रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ हस्ताक्षर भी किये है. पत्र को स्क्रिब्ड ने लोड किया है।
आदिल अहमद डेस्क: मणिपुर के मैतेई बहुल थौबल ज़िले में भीड़ द्वारा कुकी-ज़ोमी समुदाय की…
प्रमोद कुमार डेस्क: मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष की व्यापक जांच के लिए केंद्रीय…
शफी उस्मानी डेस्क: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कथित यौन उत्पीड़न मामले में जेडीएस नेता…
जगदीश शुक्ला डेस्क: कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड के साइड इफेक्ट को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष…
अनुराग पाण्डेय डेस्क: कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश से बीते सप्ताह स्कूल सेवा आयोग की…
मो0 कुमेल डेस्क: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रज्वल रेवन्ना के कथित यौन उत्पीड़न वीडियो…