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सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को एक और झटका: सरकार द्वारा पेश बंद लिफाफा लेने से फिर मना किया सीजेआई चन्द्रचुड ने, मलयालम न्यूज़ चैनल ‘मीडिया वन’ के प्रसारण को दिया हरी झंडी

एच0 भाटिया

डेस्क: केंद्र सरकार को एक और झटका आज सुप्रीम कोर्ट में लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के द्वारा पारित आदेश जिसके तहत मलयालम न्यूज़ चैनल मीडिया वन के लाइसेंस को नेशनल सिक्योरिटी का मसला बताते हुए रिन्यू करने से मना कर दिया था को पलट दिया और लाइसेंस रिनिव करने का आदेश दिया है। इस मामले में केंद्र सरकार की जानिब से पेश हुवे बंद लिफ़ाफ़े को एक बार फिर अदालत ने लेने से मना कर दिया है।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने मामले पर सुनवाई करते हुए सरकार के इस तर्क को खारिज कर दिया कि चैनल के कुछ प्रोग्राम के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा पर आंच आई। इस मामले को नेशनल राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताते हुवे केंद्र सरकार ने अपना पक्ष बंद लिफ़ाफ़े में अदालत के सामने रखा तो सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर केंद्र सरकार का सीलबंद लिफाफा लेने से इनकार कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का कहना है कि चैनल ने अल्पसंख्यकों को फेवर करने वालीं खबरें दिखाईं। कुछ खबरों में यूएपीए, एनआरसी, सीएए और न्यायपालिका की आलोचना की गई थी। ऐसी रिपोर्ट तो पहले से पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है। इसमें किसी तरह का तो आतंकी लिंक नहीं दिखता है। बताते चले कि मलयालम न्यूज़ चैनल ‘मीडिया वन’ को इस कारण प्रतिबंधित कर दिया था और उसका लाइसेंस रिनिवल से मना कर दिया था कि उसके द्वारा कई कार्यक्रम अल्पसंख्यको के पक्ष में दिखाने का आरोप था। साथ ही सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों पर प्रखर रूप से चैनल के द्वारा सरकार के रुख की आलोचना किया था।

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