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तेलंगाना प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को तेलंगाना पुलिस ने किया गिरफ्तार, पुलिस के अनुसार हिंदी पेपर लीक मामले में वह ‘आरोपी नम्बर वन’ है, पढ़े क्या है पूरा मामला

तारिक़ खान

डेस्क: तेलंगाना में होने वाले प्रधानमन्त्री के दौरे से पहले भाजपा तेलंगाना प्रदेश अध्यक्ष को पुलिस ने हिंदी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ़्तारी कल बुद्धवार को तेलंगाना पुलिस ने किया है। तेलंगाना प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और करीमनगर सांसद बंदी संजय कुमार पर पुलिस ने एसएससी पेपर लीक मामले में मुख्य अभियुक्त होने का आरोप लगाया है।

गिरफ़्तारी के पहले तेलंगाना पुलिस ने कहा था कि बंदी संजय कुमार का इस मामले के मुख्य आरोपी से कनेक्शन है। लेकिन बाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को मामले का ‘आरोपी नंबर वन’ बताया। तेलंगाना की वारंगल में कल शाम पुलिस द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय कुमार के सम्बन्ध में कई बड़े दावे किए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस ने कहा कि बंदी संजय कुमार ने एसएससी पेपर लीक मामले में अपनी भूमिका ‘स्वीकारी’ है। पुलिस ने बंदी संजय की रिमांड रिपोर्ट में कहा है कि उन्होंने एसएससी की हिंदी की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक कराने की ‘साजिश’ में शामिल होने की बात खुद कबूल कर ली है। पुलिस ने संजय को 14 दिन की जुडिशल रिमांड पर भेजने का की मांग की थी जिसे मंजूर कर लिया गया है।

वारंगल के पुलिस कमिश्नर एवी रंगनाथ ने बताया कि बंदी संजय को पेपर लीक मामले का मुख्य आरोपी बनाया गया है। इससे पहले बूराम प्रशांत नाम के व्यक्ति को मुख्य आरोपी बताया जा रहा था। पुलिस ने बूराम प्रशांत और बंदी संजय के कनेक्शन का दावा किया है। उसका कहना है कि बूराम ने ही पेपर की तस्वीर बंदी संजय समेत कई बीजेपी नेताओं को वॉट्सऐप पर फॉरवर्ड की थी। पुलिस के मुताबिक बूराम पहले पत्रकार रहा है। अब बीजेपी का कार्यकर्ता है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक की जांच में बंदी संजय और बूराम प्रशांत के बीच वॉट्सऐप के जरिये जुड़े रहने की जानकारी मिली है। दोनों के बीच और भी कई तरह की बातचीत होने के सबूत मिले हैं। एवी रंगनाथ ने कहा, “बंदी संजय का फोन मिसिंग है। लेकिन हम वॉट्सऐप मेसेज और उस पर हुई बातचीत की जानकारी इकट्ठा कर लेंगे। उन्होंने कुछ मेसेज, कॉल लॉग्स/कॉल डेटा डिलीट कर दिए हैं। हम वो सारी जानकारी हासिल कर लेंगे।” कमिश्नर एवी रंगनाथ ने बताया कि मामले में आईपीसी की धारा 420, 120बी के साथ सीआरपीसी सेक्शन 154 और 157 लगाए गए हैं। आरोपियों पर गैर-जमानती केस दर्ज किया गया है।

उधर भाजपा ने बंदी संजय कुमार पर लगे आरोपों को निराधार बताया है। गिरफ्तारी से पहले बंदी संजय ने भी सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति पर आरोप लगाते हुए एक ट्वीट में लिखा था, “BRS में डर का माहौल है। पहले उन्होंने मुझे मीडिया को इंटरव्यू देने से रोका और अब देर रात मुझे गिरफ्तार किया है। मेरी गलती सिर्फ इतनी रही है कि मैं BRS सरकार के गलत कामों पर उनसे सवाल पूछने लगा। भले ही मैं जेल में रहूं, पर आप लोग BRS से सवाल पूछना बंद मत करना।”

गौरतलब हो कि तेलंगाना के वारंगल में 4 अप्रैल को सुबह 9 बजे हिंदी की परीक्षा शुरू हुई।  पेपर शुरू होने के महज़ एक घंटे बाद ही क्वेश्चन पेपर की तस्वीर वॉट्सऐप के जरिये पहले वारंगल में वायरल हुई, फिर पूरे प्रदेश में सर्कुलेट होने लगी। इसके एक दिन पहले भी एसएससी परीक्षा का पेपर लीक होने की बात सामने आई थी। पुलिस के मुताबिक हिंदी के पेपर की लीक तस्वीरें बूराम प्रशांत ने ही सोशल मीडिया पर सर्कुलेट की थीं। पहले अटकलें थीं कि बूराम प्रशांत मामले का मुख्य आरोपी है और उससे बंदी संजय का कनेक्शन है। पुलिस ने कहा कि इसीलिए उसने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को गिरफ्तार किया था। अब उसने बीजेपी अध्यक्ष को ही मुख्य आरोपी बताया है।

मामले में शिव गणेश नाम के व्यक्ति का भी नाम सामने आया है जो ड्राइविंग का काम करता है। पुलिस कमिश्नर एवी रंगानाथ ने इंडिया टुडे से बातचीत में बताया, एक 16 साल का लड़का एग्जाम दे रहे अपने दोस्त की मदद के लिए दीवार फांदकर स्कूल आया था। उसने मोबाइल से पर्चे की तस्वीर खींचकर शिव गणेश नाम नाम के शख्स को भेजी। शिव गणेश ने तस्वीर लोकल वॉट्सएप ग्रुप पर भेज दी। पुलिस ड्राइवर शिव गणेश, बूराम प्रशांत और उस 16 साल के लड़के को पहले ही पकड़ चुकी है।

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