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‘मनीष सिसोदिया को जेल या बेल,’ ज़मानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट सुनाएगा फैसला

ईदुल अमीन

डेस्क: दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ज़मानत याचिका पर आज दिल्ली हाई कोर्ट फ़ैसला सुनाएगा। कथित शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार सिसोदिया ने कोर्ट से छह हफ़्ते की अंतरिम जमानत की मांग की है। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए तीन जून को हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने ज़मानत के लिए कोर्ट में अपनी बीमार पत्नी का हवाला दिया है और कहा कि वे उनकी देखभाल करने वाले अकेले कस्टोडियन हैं।

इससे पहले कोर्ट ने उन्हें पुलिस हिरासत में कुछ घंटों के लिए अपनी पत्नी से मिलने की अंतरिम राहत दी थी, लेकिन उनके घर पहुंचने से पहले ही उनकी पत्नी की तबीयत बिगड़ी गई थी जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। ईडी ने सबूतों की छेड़छाड़ की आशंका जताते हुए ज़मानत याचिका का विरोध किया है।

गौरतलब है कि साल 2020 में दिल्ली सरकार ने शराब माफ़ियाओं पर नकेल कसने और राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से नई शराब नीति प्रस्तावित की। 17 नवंबर, 2021 को दिल्ली में नई आबकारी नीति लागू कर दी गई। नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली को 32 ज़ोन में बांटा गया। इनमें 30 एमसीडी, 1 एनडीएमसी और कैंटोनमेंट क्षेत्र, 1 दिल्ली एयरपोर्ट का ज़ोन था। ज़ोन के हिसाब से शराब की दुकानें तय की गई थीं।

एमसीडी के प्रति ज़ोन में जहां 27 शराब की दुकानें खुलनी थीं, वहीं एनडीएमसी और कैंटोनमेंट क्षेत्र में 29 और दिल्ली एयरपोर्ट ज़ोन में 10. शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 कर दी गई थी। – शराब के कारोबार से दिल्ली सरकार ने ख़ुद को अलग करते हुए सभी दुकानें निजी हाथों में सौंप दी थीं।

अनिवार्य एमआरपी के बजाय शराब के रेट ख़ुद तय करने की स्वतंत्रता दी गई। नई नीति के कई प्रावधान तो अभी लागू होने बाकी ही थे कि इसके पहले दिल्ली के मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी और दिल्ली शराब नीति सवालों के घेरे में आ गई। बताते चले कि ईडी ने 22 अगस्त 2022 को शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।

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